चीन का अमेरिका पर पलटवार

चीन ने कहा कि एनएसजी के सभी सदस्यों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर किए हैं। यह इस संगठन का बुनियादी सिद्धांत बन गया है। अब भारत एनपीटी पर दस्तखत किए बिना एनएसजी में शामिल होकर पहला अपवाद बनना चाहता है। लेकिन यह चीन और अन्य सदस्य देशों की तर्कसंगत जिम्मेदारी है कि वो सिद्धांतों की रक्षा के लिए भारत के प्रस्ताव को पलट दें।

अखबार ने लिखा था कि भारत की महत्वाकांक्षा को अमेरिकी समर्थन ने सबसे अधिक प्रोत्साहित किया। उसका कहना था कि भारत को समर्थन देने की अमेरिका की भारत समर्थक नीति का मकसद दरअसल चीन को घेरना है।

चीन ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया नहीं है। उसके समर्थन का मतलब यह नहीं है कि भारत ने पूरी दुनिया का समर्थन जीत लिया है। भारत ने इस बुनियादी तथ्य की अनदेखी की।

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