हरिद्वार में नमामि गंगे ;जापान सरकार की नाराजगी पर जागे

namaami gange Yojna ka shubharambh karte CM uttaarakhand evam nitin Gadkari Cabinet ministerहरिद्वार- केन्द्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग नितिन गडकरी की अध्यक्षता में ऋषिकुल मैदान हरिद्वार में नमामि गंगे के अन्तर्गत 43 विभिन्न परियोजनाओं का सुभारम्भ किया गया। उन्होंने कहा कि गंगा आस्था, इतिहास एवं संस्कृति का प्रतीक है। गंगा की शुद्धता, निर्मलता, अविरलता एवं गंगा से सम्बन्धित योजनाओं को पाठ्यक्रमों में लाया जायेगा। श्री गडकरी ने मुज्जफरनगर से देहरादून तक तक राष्ट्रीय राजमार्ग का कार्य दिसम्बर तक पूरा करने का आश्वासन दिया। नमामि गंगे के तहत 1500 करोड़ की लागत से 100 विभिन्न स्थानों पर 231 कार्यों का सुभारम्भ किया जा रहा है। इसमें 50 बड़े प्रकल्प, 1142 छोटे प्रकल्प तथा 60 एस.टी.पी. भी हैं। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए जन सहयोग भी आवश्यक है। घाटो की मरम्मत, सुदृढ़िकरण एवं श्मशान घाटों का निर्माण भी इस योजना में शामिल है। (www.himalayauk.org)  UK Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper; publish at Dehradun & Haridwar

नमामि गंगे के अहम चरण का शुभारंभ गुरुवार को हरिद्वार से हुआ. गंगा की सफाई के लिए दो हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 300 परियोजनाओं की शुरुआत हुई. केंद्र सरकार के तीन मंत्रालयों के प्रभारी मंत्रियों ने हरिद्वार में इस महत्वाकांक्षी परियोजना का श्रीगणेश किया. इस मौके पर जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि 3 चरण में नमामि गंगे का काम पूरा कर लेंगे. उमा भारती ने कहा कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट पर राज्यों से पैसों की कोई मदद नहीं लेंगे. पांच राज्यों में गंगा तट पर बसे 104 गांवों, कस्बों और शहरों में इस परियोजना का शुभांरभ होगा. केंद्रीय गंगा पुनर्जीवन और जल संसाधन मंत्री उमा भारती के अलावा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, संस्कृति और पर्यटन मंत्री डॉ. महेश शर्मा और नए बने ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने हरिद्वार में नमामि गंगे के इस चरण का शुभांरभ किया. स परियोजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाना और ठोस कचरे को गंगा में मिलने से रोकने के उपाय किए जाएंगे. इसके अलावा गंगा के घाटों की मरम्मत और श्मशानों के आधुनिकीकरण के साथ-साथ गंगा में मिलने वाले नालों में आधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे. फिलहाल गंगा और यमुना की जल सतह पर सफाई करने और ठोस कचरा इकट्ठा करने के 6 उपकरण लगातार काम कर रहे हैं.
सुस्ती से जापान नाराज
इस परियोजना के तहत गंगा के किनारों पर पौधे लगाने के साथ-साथ सौंदर्यीकरण भी किया जाना है. खबरें ये भी आ रही थीं कि गंगा-यमुना सहित कई बड़ी नदियों की सफाई को लेकर भारत सरकार की सुस्ती पर जापान सरकार ने नाराजगी भी जताई है. जापान ने चेतावनी भी दी कि यही दशा रही तो जापान आइंदा सहयोग देने पर सौ बार सोचेगा.

प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने के लिए राज्य सरकार को जो भी दायित्व सौंपेगी राज्य सरकार पूर्ण सहयोग की भावना से इस कार्य को करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए वृक्षारोपण करने, एवं वर्षा के जल को संरक्षण करने के लिए बोनस देने वाला पहला राज्य है। आज प्रदेश में डेढ़ दर्जन सीवरेज पर कार्य हेतु एस.टी.पी. स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कैमिकल युक्त जल के ट्रीटमेंट के लिए इण्टर सैप्टर कैनाल के माध्यम से मिट्टी द्वारा ट्रीटमेंट की योजना को स्वीकृत करने का आग्रह किया। श्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार जल संरक्षण हेतु विशेष प्रयास कर रही है, आने वाले समय में उत्तरकाशी की तरह हरिद्वार में भी स्वच्छ गंगा जल मिलेगा। उन्होंने गंगा की स्वच्छता व निर्मलता के लिए होलोस्टिक अप्रोच पर बल दिया। उन्होंने कहा कि खुले शौच की प्रथा से 45 प्रतिशत क्षेत्र में दूर हो चुकी है। नमामि गंगे योजना के तहत राज्य में गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर बसे गांवों को भी खुले में शौच से मुक्ति के लिए आग्रह किया, ताकि सभी गांवों को खुले में शौच से मुक्त किया जा सके।
जल संरक्षण, नदी विकास एवं गंगा सरंक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा की सफाई हेतु 1916 में मदन मोहन मालवीय जी ने गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के लिए प्रयास प्रारम्भ किया था। उन्होंने कहा कि गंगा 50 करोड़ से अधिक लोगों के लिए आजीविका का संसाधन है। उद्योगों के प्रदूषण एवं सीवरेज के कारण गंगा प्रदूषित हुई है। कहा कि 2018 तक गंगा को निर्मल बनाने का हमार संकल्प है, इसकी प्रगति के परिणाम अक्टूबर 2016 से दिखई देने लगेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वछता के लिए वृक्षारोपण, घाट निर्माण, सीवर ट्रीटमेंट प्लान आदि का कार्य गंगा एवं उसकी सहायक नदियों पर किया जायेगा। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गंगा का महत्वपूर्ण स्थान है। यदि हम नदियों के साथ कोई छेड़खानी करते हैं तो इसकी विभीषिका भी हमें देखने को मिलती है, इसलिए प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलना आवश्यक है। हरिद्वार सांसद डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आज हमने गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा की अविरलता एवं निर्मलता का संकल्प को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। स्पर्श गंगा परियोजना नमामि गंगे योजना में बदल गया है।
इस अवसर पर विधायक स्वामी यतीश्वरानन्द, संजय गुप्ता, मदन कौशिक, चन्द्रशेखर, प्रेम अग्रवाल, विजया बड़थ्वाल, मेयर मनोज गर्ग, शंकराचार्य राजराजेश्वर महाराज, स्वामी हरिचेतनानन्द, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रहम्चारी, गंगा सभा के अध्यक्ष पुरूषोत्तम शर्मा, कुंवर प्रणव चैंपियन, आदेश चैहान, डाॅ रजत भार्गव, डाॅ आर.के. गुप्ता, हरिहर मिश्रा, जिलाधिकारी हरबंस सिंह चुघ, एस.एस.पी. राजीव स्वरूप , मुख्य विकास अधिकारी सोनिका आदि उपस्थित थे।

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