108 सेवा की नियुक्तियो मे पूरी तरह बंद हो राजनीतिक हस्तक्षेप

108108 आपातकालीन सेवा के लिए हो आपातकाल बजट : अनूप नौटियाल

108 सेवा की नियुक्तियो मे पूरी तरह बंद हो राजनीतिक हस्तक्षेप

108 सेवा को डेंगू रोकथाम के लिए करें इस्तेमाल – “आउट ऑफ़ बॉक्स” सोच की ज़रूरत

प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा स्वंय आपातकाल की स्थिति में पहुंच चुकी हैं। 108 के शुरूआती प्रमुख कार्यकारी अधिकारी (Chief Operating Officer) होने के नाते यह सब देखकर मेरा मन बहुत आहत होता है। इस दौरान सरकार और स्वास्थ्य विभाग के साथ काम करते हुए हम सब ने मिलकर 108 सेवा को नई ऊचाईयों तक पहुँचाया था और समस्त प्रदेश के जनमानस, मुख्यतया पहाड़ मे बसने वाली जनता और महिलायों को त्वरित स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करी थी । बदलते समय के साथ आज 108 सेवा की बदहाल स्थिति हो गई है।

प्रदेश की दर्दनाक स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पिछले कई वर्षो में तत्कालीन सरकार पूरी तरह असफल साबित हो रही है। परिस्थिति यह है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था आज बद से बदत्तर होती जा रही है। प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुचारू बनाया जाना चाहिए था वहीं सरकार इसमे पूर्णता फेल साबित हुई है ।

चाहे दुरुस्थ क्षेत्रों की बात हो यह शहरों की , प्रदेश मे स्वास्थ्य सुविधाओं की पृष्ठभूमि में 108 सेवा एक सशक्त सहायक के तौर पर मददगार साबित हो सकती थी। दुर्भाग्यवश सरकारी तंत्र की सुस्त चाल और अधिकारियों के निरंतर होते ट्रांसफर्स ने अब 108 आपातकालीन सेवा को ही आपातकाल में पहुंचा दिया है।

108 आपातकाल सुविधाओं की बेहतरी को देखते हुए मेरी सरकार से निम्नलिखित पांच मांग है :-

1. 108 आपातकालीन सेवा में बजट का आभाव हो रहा है। 108 जैसी आपातकालीन सेवा के लिए आपातकाल बजट होना चाहिए। 108 सेवा की एक भी एम्बुलेंस एक मिनट के लिए भी पूरे प्रदेश मे नहीं रुकनी चाहिए I

2. प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी कोटद्वार विधानसभा से जुड़े लोगों को ही 108 आपातकाल सेवा में नियुक्ति और ट्रांसफर के लिए निरंतर दबाव बना रहे है। आपातकाल सेवा में किसी भी जन प्रतिनिधियांे का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। 108 सेवा मे नियुक्ति और संचालन पर केवल अनुशासन और उचित प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाए।

3. 108 सेवा में ऐसे संसाधन है जिनके प्रयोग से सरकार अन्य सेवाओं में मदद ले सकती है। वर्तमान दौर मे 108 की सहायता से डेंगू और चिगनगुनिया जागरूकता अभियान चलाया जा सकता है । उदहारण के तौर पर 2010 आपदा के दौरान 108 सेवा के 24 घंटे सेवा देने के कारण पूरे प्रदेश में आपातकालीन सेवा घोषित किया गया था।

4. 108 सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है। इस सेवा में काम करने वाले कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण दिया जाये। इस स्तर पर काम करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर प्राथमिक उपचार के लिए अधिक उपयोग किया जा सकता है।

5. आज 108 में सभी एम्बुलेंस 7-8 साल से संचालित हो रही है। यह सभी एम्बुलेंस पुरानी हो चुकी हैं और टूट फुट की स्थिति में पहुंच गई है। इसे देखते हुए 108 की पूरी फ्लीट को नई एम्बुलेंस की आवश्यकता है। प्रदेश के दूरस्त क्षेत्र में आपात काल की उचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए इसी कारणवश सभी एम्बुलेंस का बदला जाना अति आवश्यक है ।

धन्यवाद!

अनूप नौटियाल
संरक्षक, हमारा उत्तराखंडजन मंच (HUM)
+ 91 97600 41108

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