16 दिसंबर -सूर्य के राशि परिवर्तन से बन रहा एक अजब संयोग

16 दिसंबर यानी सोमवार को सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. 15 जनवरी 2020 तक सूर्य इसी राशि में विराजमान रहने वाले हैं. सूर्य के इस राशि परिवर्तन से एक अजब संयोग भी बन रहा है. सूर्य से पहले ही धनु राशि में शनि, गुरु और केतु, विद्यमान हैं. ये महासंयोग लगभग एक महीने तक रहेगा.  .देव गुरु बृहस्पति 16 दिसंबर की मध्य रात्रि को पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे, जिनका 9 जनवरी को पूर्व दिशा में उदय होगा। इसी समय 16 दिसंबर सोमवार को ग्रह के राजा सूर्य दोपहर 3:28बजे धनु राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य का धनु राशि में भ्रमण 14 जनवरी तक रहेगा। इसके चलते मांगलिक कार्यों में देव गुरु बृहस्पति की कमजोर स्थिति एवं खरमास होने के कारण शुभ विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। आगामी विवाह जैसे कार्य 15 जनवरी से प्रारंभ होंगे। सूर्य का धनु राशि में भ्रमण मलमास या खरमास कहलाता है। इस अवधि में भी विवाह, जनेऊ संस्कार, नूतन गृह निर्माण व प्रवेश, नामकरण संस्कार करना वर्जित माना जाता है। इसके बाद 15 जनवरी से आगामी शुभ मांगलिक कार्यों का प्रारंभ होगा। 3 मार्च से होलिका अष्टक प्रारंभ हो जाएंगे। यह होलिका अष्टक 9 मार्च होलिका दहन के बाद समाप्त हो जाएंगे। होलिका अष्टक में भी मांगलिक कार्य किए जाना वर्जित है।

15 जनवरी तक सूर्य देव गुरु बृहस्पति के सेवा में रहेंगे। इस वजह से एक माह तक सभी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। इसे खरमास कहा जाता है। धनु राशि में सूर्य के होने से नई दुकान और व्यापार प्रारंभ, विवाहादि कार्य नहीं करना चाहिए। 15 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पश्चात पुन: शुभ कार्यो की शुरुआत होगी।

खर माह अर्थात सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं तब पौष संक्रान्ति होती है । सभी प्रकार के धार्मिक व मांगलिक कार्यक्रम मकर संक्रांति तक नही होंगे।

 पौराणिक इतिहास में भगवान सूर्य नारायण सप्त अश्वो के रथ पर आरूढ़ होकर निरन्तर इस ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं । भगवान सूर्य नारायण को किसी भी परिस्थिती में विश्राम की आज्ञा नहीं है । भगवान सूर्य नारायण अगर किसी कारणवश  विश्राम कर ले तो सम्पूर्ण ब्रह्मांड मे समय की गति थम सी जाएगी । परंतु सूर्य नारायण के जो अश्व निरन्तर गतिमान होने के कारण व शारीरिक विश्राम न मिलने के कारण क्षुधा-तृष्णा से बहुत थक जाते हैं । अश्वों की ये दयनीय स्थिति से अवगत होकर सूर्यनारायण का हृदय द्रवित हो गया । भगवान सूर्यनारायण अपना ताप कम करके अपने अश्वों को पृथ्वी के एक तालाब पर ले आए । यकायक सूर्य नारायण को आभास हुआ कि अगर हमारा रथ रुका तो बहुत अनर्थ हो जाएगा । लेकिन अश्वों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे ।भगवान सूर्य नारायण अश्वों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और खर यानी गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं । रथ की गति मन्द पड़ जाती हैं ।  फिर भी किसी तरह एक मास का चक्र पूरा होता है । इतनी अवधि में अश्वों को भी विश्राम मिल चुका होता है । इस यह घटना जो हुई इसका वहन आज भी ज्योतिषीय गणना के चलते पौष माह में कोई भी मांगलिक कार्य नही होते हैं । खर माह में सभी प्रकार के हवन, विवाह कार्य, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, द्विरागमन, यज्ञोपवीत, अन्य हवन कर्मकांड आदि तक का निषेध है। 

ज्योतिषीय गणना में प्रति वर्ष खर पौष मास को कहते हैं। हिमाचल में इसे ‘मलमास’ या ‘काला महीना’ (अन्धेरा महीना) भी कहा जाता है। खर माह की समय अवधि के भीतर किसी भी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं । भारतीय ज्योतिष के अनुसार धनु व मीन राशि के सूर्य को खरमास तथा मलमास की संज्ञा देकर व सिंह राशि के बृहस्पति में सिंहस्थ दोष दर्शाकर भारतीय भूमंडल के विभिन्न राज्यो में इस परम्परा का वहन आज भी होता आ रहा है ।

वर्ष 2019 का अंतिम ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में गुरुवार, 26 दिसंबर 2019 को हो रहा है. यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण मूल नक्षत्र व धनु राशि पर हो रहा है. 2001 में 26 दिसंबर को ही धनु राशि, मूल नक्षत्र और इसी अंश पर भी सूर्य ग्रहण हुआ था. मूलतः प्रत्येक साढ़े 18-19 सालों में सूर्य ग्रहण उसी राशि, नक्षत्र व अंश पर सूर्य ग्रहण दोबारा होता है हालांकि राशिचक्र में ग्रहों की स्थिति में कुछ परिवर्तन हो जाता है. यह सूर्य ग्रहण मूल नक्षत्र में हो रहा है जो धनु राशि क्षेत्र में पड़ता है. यहां सूर्य केतु से ग्रसित हो रहा है जो अतीत की राजनैतिक और धार्मिक घटनाओं को सूचित करता है इसलिए इस ग्रहण के बाद अगले छः महीनों में दुनिया भर में धनु-मिथुन राशि अक्ष से संबंधित कुछ नाटकीय घटनाएं या परिवर्तन हो सकते हैं.

सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ने वाला है. सूर्य का राशिनुसार फल

मेष- सुख-शांति मिलेगी। ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। कार्यों में किसी नुकसान की संभावना नहीं है।
वृषभ- धन की आकस्मिक प्राप्ति हो सकती है। कार्यों में लाभ मिलेगा। संतान से लाभ और सहयोग मिलेगा।
मिथुन- शासकीय कार्यों से लाभ मिलेगा। शत्रुओं को पराजित कर पाएंगे। बेरोजगारों को  रोजगार की प्राप्ति होगी।
कर्क- जमीन-जायदाद से लाभ होगा। कोर्ट से संबंधित मामलों को लेकर चिंता हो सकती है। देरी से लाभ मिलने के योग हैं।
सिंह- सामान्य समय रहेगा। मनोरंजन और आंनददायक कार्यों में में समय व्यतीत होगा।
कन्या- पराक्रम श्रेष्ठ रहेगा, सभी काम ठीक से कर पाएंगे। शत्रुओं को पराजीत करने में सफल होंगे और लाभ होगा।
तुला- आधुनिकता की ओर रुझान बढ़ेगा। सुख-सुविधा की चीजों पर खर्च होगा। संयमपूर्वक समय बिताने की सलाह है।
वृश्चिक- सावधानी रखने का समय है। अतिउत्साह में कोई कार्य नहीं करें, वरना हानि हो सकती है। निवेश से बचें।
धनु- अनावश्यक चिंता रहेगा। राजपक्ष से लाभ होगा, सरकारी कार्यों में सफलता मिल सकती है।
मकर- कार्यों में सुधार होगा और नई योजनाओं पर विचार होगा।
कुंभ- वाहन सुख मिल सकता है। धन संबंधी लेन-देन में सावधानी रखने का समय है। कार्यों में सफलता मिल सकती है।
मीन- आशा के अनुरूप कार्य नहीं हो पाएंगे, अज्ञात भय और चिंता बनी रहेगी।

मेष- इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से नवम भाव में स्थित होंगें. छात्र जीवन के लिए यह गोचर काफी शुभ माना जा रहा है. इस गोचर काल में आपकी लव लाइफ भी अच्छी रहेगी. परिवार के सदस्यों के साथ आप छुट्टियों पर जाने का प्लान भी बना सकते हैं. समाज में आपके पिता के मान सम्मान बढ़ेगा.
इस दौरान आप बिजनेस का विस्तार भी सफलता पूर्वक कर पाएंगे. आर्थिक स्तर पर सूर्य के इस गोचर काल में आपको पूर्व में किए निवेशों से लाभ मिल सकता है. उपाय: सूर्य के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए आदित्य ह्रदय स्त्रोत का जाप करें.

वृषभ- वृषभ राशि में सूर्य का प्रवेश आठवें भाव में होगा. इस दौरान आप अपने स्वास्थ्य को विशेष अहमियत देंगे और सेहत को लेकर सतर्क रहेंगे. ये अवधि आपके कार्य क्षेत्र में मुसीबतें पैदा कर सकती है. कार्य स्थल पर आप किसी विवाद में फंस सकते हैं. माता-पिता की सेहत आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है. परिवार में किसी बात को लेकर होने वाले विवाद की वजह से मन अशांत रह सकता है. सड़क पर वाहन चलाते वक्त सावधान रहने की जरूरत है. उपाय: मंदिर में भगवान विष्णु को गुड़ चढ़ाने से सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है.

मिथुन- इस गोचरीय अवधि के दौरान सूर्य आपकी राशि से सातवें भाव में स्थित होंगें. सूर्य का ये गोचर आपके लिए निम्न फलदायी साबित हो सकता है. हालांकि व्यापार वर्ग के लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. बिजनेस में नुकसान से बचने के लिए पार्टनर का साथ मिलना जरूरी है. इस गोचरकाल के दौरान सूर्य के अशुभ प्रभाव से आपके व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिल सकता है. स्वास्थ्य को लेकर बरती जानी वाली लापरवाही आपके लिए इस समय हानिकारक साबित हो सकती है.
उपाय: सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचने के लिए गौशाला में गेहूं की बालियां दान करें.

कर्क- कर्क राशि में सूर्य का प्रवेश छठे भाव में होगा. इस गोचरकाल में आप अपने शत्रुओं पर हावी रहेंगे और हर क्षेत्र में आपको सफलता मिल सकती है. हालांकि आपको अपनी सेहत का ख़ासा ध्यान रखना होगा. पारिवारिक जीवन शांतिपूर्ण व्यतीत हो सकता है, इस दौरान आप अपने घर का पुनर्निर्माण या उसके सौन्दर्यीकरण का काम करवा सकते हैं. आपके सहकर्मी इस समय आपके काम में बाधा उत्पन्न करने की कोशिश करेंगे, लेकिन आप अपनी सूझ बूझ से इस परिस्थिति का सामना करने में सफल हो सकते हैं.
उपाय: विशेष लाभ के लिए भगवान शिव की आराधना करें और उन्हें खस का इत्र चढ़ाएं.

सिंह- इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से पांचवें भाव में स्थापित होंगें. इस गोचर अवधि में आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी. इसके वाबजूद भी आप अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर संतुष्ट नहीं रहेंगे. पैसे कमाने की लालसा इस समय आपके अंदर बढ़ सकती है. -इस दौरान आपका रुझान खासतौर से धार्मिक कार्यों की तरफ हो सकता है. आप किसी से प्रेम करते हैं तो सूर्य के इस गोचर काल में आपके प्रेम जीवन में कठिनाइयां आ सकती हैं. उपाय: विशेष लाभ के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें.   

कन्या-इस गोचरकाल के दौरान आपको अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में ताल मेल बनाकर चलने की जरूरत होगी. कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य का ये गोचर मिला जुला परिणाम देने वाला साबित होगा.
उपाय: रविवार के दिन तांबे की वस्तु का दान करें.

तुला- तुला राशि में सूर्य का प्रवेश उनकी कुंडली से तीसरे भाव में होगा. इस गोचरकाल के दौरान आपका विशेष रूप से भाग्योदय होगा. भाग्य का साथ मिलने से आपको जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता भी मिल सकती है.-गोचर की इस अवधि में, आपका पारिवारिक जीवन खासा सुखमय व्यतीत होगा. परिवार का साथ मिलने से आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. कार्यक्षेत्र में आप अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर सफलता प्राप्त करने में कामयाब होंगे. उपाय: विशेष लाभ के लिए श्वेतार्क का पौधा लगाएँ और उस पर रोज जल चढ़ाएं.

वृश्चिक- इस गोचर के दौरान सूर्य आपकी राशि से दूसरे भाव में विराजमान होंगे. यदि आप किसी क्षेत्र में निवेश की सोच रहें हैं तो, अपनी सूझ-बूझ से काम लें अन्यथा नुकसान हो सकता है. सूर्य के हानिकारक प्रभाव से आपको आंखों का रोग हो सकता है.इस अवधि में नेत्र संबंधी समस्या से बचने के लिए अपनी आंखों का खास ख्याल रखें. यदि आप किसी से प्यार करते हैं तो, गोचर की इस अवधि में निराशा आपके हाथ लग सकती है. उपाय: बेलमूल की जड़ धारण करने से सूर्य के हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है.

धनु- चूंकि सूर्य का गोचर आपकी ही राशि में हो रहा है, लिहाजा ये आपकी राशि से पहले या लग्न भाव में स्थापित होंगें. कामकाजी लोगों को कार्य क्षेत्र में उम्मीद से ज्यादा सफलता मिल सकती है.-कामकाजी लोगों के लिए ये एक स्वर्णिम समय होगा. हालांकि आपके अंदर अहंकार की भावना जागृत हो सकती है, जो कि आपके लिए परेशानी की वजह बन सकती है. उपाय: विशेष लाभ के लिए सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उन्हें लाल फूल अर्पित करें.

मकर- सूर्य आपकी राशि से बारहवें भाव में स्थापित होंगें. आर्थिक रूप से मजबूत बने रहने के लिए गोचर की इस अवधि में अपने खर्चों पर थोड़ा नियंत्रण रखें. इस दौरान आपके मन में कामुक विचार आ सकते हैं या आप किसी गलत संगत में पड़कर आप अपना मान सम्मान गंवा सकते हैं.-लिहाजा इस गोचरकाल के दौरान खुद पर संयम रखें और बुरे विचार मन में ना आने दें. यदि प्रेम जीवन की बात करें तो, सूर्य का गोचर आपके प्रेम जीवन के लिए विपरीत परिणाम दे सकता है. उपाय: रविवार को गेहूं की बालियां दान करने से सूर्य के हानिकारक परिणाम से बचा जा सकता है.

कुंभ राशि- इस दौरान सूर्य आपकी राशि से ग्यारहवें भाव में विराजमान होगा. सूर्य के इस गोचरकाल के दौरान आप अपने उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल हो सकते हैं जिसे पाने का इंतजार आप काफी लंबे वक्त से कर रहे हैं. आर्थिक मजबूती और काम में मिलने वाली सफलता से मन प्रसन्न रहेगा. यदि आप सिंगल हैं तो गोचर की इस अवधि में आपके जीवन में किसी ऐसे व्यक्ति की एंट्री हो सकती है जिसके साथ जीवनभर का रिश्ता बना सकते हैं. कुंभ राशि के वो छात्र जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए गोचर का ये समय खासा फलदायी साबित हो सकता है. उपाय: विशेष लाभ के लिए रविवार के दिन किसी जरुतमंद व्यक्ति को दवाई बांटें.

मीन- सूर्य आपकी राशि से दसवें भाव में विराजमान होंगें. आपके लिए सूर्य का ये गोचर खासतौर से करियर के लिहाज से फलदायी हो सकता है. यदि आप काम की तलाश में हैं तो गोचर की इस अवधि के दौरान आपकी ये तलाश खत्म हो सकती है और आपको अपने मनचाही जगह पर काम मिल सकता है. सूर्य आपकी राशि से दसवें भाव में विराजमान होंगें. आपके लिए सूर्य का ये गोचर खासतौर से करियर के लिहाज से फलदायी हो सकता है. यदि आप काम की तलाश में हैं तो गोचर की इस अवधि के दौरान आपकी ये तलाश खत्म हो सकती है और आपको अपने मनचाही जगह पर काम मिल सकता है.शनि इस वर्ष धन और करियर के मामले में आपके ऊपर कृपा करेंगे. शनि की वजह से कुछ बदलाव होंगे, जो लाभकारी रहेंगे. आपको अपने स्वास्थ्य और खान पान में अनुशासन लाना होगा.

(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND ; Leading Newsportal & Daily Newspaper, Publish at Dehradun & Haridwar. Mail us; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030

Deposit yr Contribution: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND SBI CA 30023706551 IFS CODE SBIN0003137 Br. Saharanpur Road, Dehradun Mob. 9412932030 Mail us; himalayauk@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *