खास संयोग; 27 जुलाई सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण -उथल पुथल मचायेगा इसका असर

HIGH LIGHT: 27 जुलाई पूर्णिमा 2018 आषाढ़ पूर्णिमा को सदी का सबसे लंबा चन्द्रग्रहण लगने जा रहा है। #जब कोई भी खगोलीय घटना होती है तो उसका सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है #इस चन्द्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। इसके अलावे एक राशि ऐसी है जिसे यह चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावित करेगा # ज्योतिष के अनुसार यह चंद्र ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। इस चंद्र ग्रहण का स्पर्श शाम 5 बजकर 18 मिनट से शुरू होगा और मोक्ष रात्रि 8 बजकर 41 मिनट पर होगा #इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 23 मिनट है# ज्योतिष की गणना के मुताबिक इस चन्द्र ग्रहण का स्पर्श पुष्य नक्षत्र में होगा और अश्लेषा नक्षत्र में खत्म होगा। इस प्रकार पुष्य और अश्लेषा दोनों नक्षत्र के जातकों को यह चंद्र ग्रहण प्रभावित करेगा # 27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) को “केमद्रुम” योग बन रहा है। चंद्र ग्रहण पर यह शुभ संयोग 162 साल में केवल एक बार बनता है #यह चन्द्र ग्रहण 4 राशियों के लिए बेहद शुभ है। वहीं 8 राशियां ऐसी हैं जिससे संबंध रखने वाले लोगों को वैवाहिक और पारिवारिक जीवन से सम्बंधित परेशानियां झेलनी पड़ सकती है #कई राशियों में बेहद खास परिवर्तन #एक राशि को चंद्र ग्रहण बहुत अधिक प्रभावित करेगा #चंद्रग्रहण की कुल अवधि – 03 घंटा 54 मिनट 33 सेकंड #सूतक काल प्रारंभ – 27 जुलाई, दोपहर 12:27:28 PM।# सूतक काल की समाप्ति – 28 जुलाई, रात्रि 03:48:59 AM। : मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण श्रेष्ठ, # हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो

भारतीय वैदिक परम्परा को मानने वालों के लिए ग्रहणकाल हमेशा से कौतूहल और जिज्ञासा का विषय रहा है। वर्ष 2018 ऐसा साल है जिसमें दो बार चंद्रग्रहण के योग बने हैं। एक चंद्रग्रहण 31 जनवरी को हो चुका है। दूसरा खग्रास चंद्रग्रहण आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर 27 जुलाई शुक्रवार को है। ग्रहण पर कुछ योग ऐसे हैं जो करीब 104 वर्षों बाद बन रहे हैं। स्पर्श से लेकर मोक्षकाल तक इसका समय 3 घंटे 54 मिनट 33 सेकेंड का रहेगा। यही कारण है कि इस चंद्रग्रहण को सदी का सबसे बड़ा जा रहा है। यह मध्य रात्रि के बाद तक पूरे भारत में दिखाई देगा। इस ग्रहण काल की सम्पूर्ण जानकारी  ; # हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो

इस चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ, मीन राशि प्रभाव होगा; चन्द्र-ग्रहण पाँच राशियों के लिए वरदान ;; कुछ ज्‍योतिषविदो के अनुसार – 27 जुलाई पूर्णिमा पर 100 साल बाद भारी विनाशकारी चंद्र ग्रहण का व्‍यापक असर पडेगा, उथल पुथल मचायेगा इसका असर ;; यह ग्रहण भारत समेत दुनिया के अधिकांश देशों में देखा जा सकेगा। यह खग्रास चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि में लग रहा है। इसलिए जिन लोगों का जन्म उत्तराषाढ़ा-श्रवण नक्षत्र और जन्म राशि मकर या लग्न मकर है उनके लिए ग्रहण अशुभ रहेगा। मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वालों के लिए यह ग्रहण श्रेष्ठ, वृषभ, कर्क, कन्या और धनु राशि के लिए ग्रहण मध्यम फलदायी तथा मिथुन, तुला, मकर व कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ रहेगा।

चंद्रग्रहण इस महीने आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा यानी 27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) को लग रहा है। इस बार चंद्रग्रहण पर अत्यंत खास संयोग बन रहा है। ग्रहण के अगले दिन पवित्र सावन मास शुरू हो रहा है। चंद्रग्रहण रात्रि 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगा जिसकी समाप्ति रात्रि 3 बजकर 5 मिनट पर होगी। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। पूर्णिमा की रात्रि को चंद्रमा पुर्णतः गोलाकार का दिखाई देता है, लेकिन कभी कभी किसी वजह से चंद्रमा के पूर्ण हिस्से पर धनुष या हंसिया के आकार की काली परछाई दिखने लगती है। जो कभी-कभी चाँद को पूरी तरह से ढक लेती है। पहली स्थिति को चन्द्र अंश ग्रहण या खंड-ग्रहण कहते है जबकि दूसरी स्थिति को पूर्ण चन्द्र ग्रहण या खग्रास कहते है। और ऐसा अधिकतर पूर्णिमा तिथि को ही होता है।

वर्ष 2018 का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण भी पूर्णिमा के दिन ही होगा। जो 27 जुलाई 2018 यानी, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शुक्रवार के दिन पड़ेगा। यह 2018 का दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इससे पूर्व 31 जनवरी को पूर्ण चन्द्र ग्रहण पड़ा था। इस दिन पुरे 12 घंटों तक भगवान के दर्शन शुभ नहीं माने जाएंगे। इसलिए चंद्रग्रहण और सूतक काल के समय मंदिरों के पट बंद रहेंगे।

शनिवार, 21 जुलाई को आषाढ़ मास के गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि है। इस दिन देवी दुर्गा के साथ ही शनिदेव और हनुमानजी के उपाय करना न भूलें। जिन लोगों की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ नहीं है, उन्हें नवरात्र और शनिवार के योग में खास उपाय जरूर करना चाहिए। इस समय शनि धनु राशि में है। इस कारण वृश्चिक, धनु और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। वृषभ और कन्या पर शनि की ढय्या चल रही है।
इस चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक ने ‘ब्लड मून’ का नाम दिया है। इस चंद्र ग्रहण की अवधि 1 घंटे और 43 मिनट की होगी। इस दौरान चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा। इस चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 2 बजे से आरम्भ हो जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार चन्द्रग्रहण की अवधि में भोजन नहीं करना चाहिए। साथ ही चंद्रग्रहण के दौरान सुईं और नुकीली चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
इस चंद्रग्रहण में छोटे बच्चे बुजुर्ग और रोगी शाम 5 बजकर 55 मिनट तक भोजन कर सकते हैं। यदि कोई रोगी अत्यधिक बीमार हैं तो वे डॉक्टर द्वारा बताए समय पर दवा ले सकते हैं।
शास्त्रों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए। इस पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान मंगल ग्रह धरती के काफी करीब होगा। वहीं 30 जुलाई को धरती और मंगल ग्रह के बीच दूरी कम होकर 57.58 मिलियन किमी रह जाएगी। ऐसे में आसमान साफ होने पर उसे रात में आसानी से देखा जा सकता है। वहीं 27 जुलाई 2018 को चन्द्रमा पृथ्वी धरती से देखने पर बहुत छोटा दिखाई देगा। खगोलविदों के अनुसार छोटा चांद धरती की छाया को पार करने में ज्यादा समय लेता है।
ऐसे में इस बार सबसे बड़ा चंद्रग्रहण दिखाई देगा। चंद्रग्रहण के दौरान चांद का रंग नारंगी के अलावा ब्लड रेड, डार्क ब्राउन, डार्क ग्रे रह सकता है। यह उस बात पर निर्भर करेगा कि आप धरती के किस हिस्से से उसे देख रहे हो।

File June; जून २०११ का पूर्ण चंद्रग्रहण

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