3 अरब डॉलर से ज्यादा की डिफ़ेंस डील;ट्रंप की नज़र भारत की सामरिक ज़रूरतों पर

High Light# डोनाल्ड ट्रंप की नज़र भारत की सामरिक ज़रूरतों पर #राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिल्ली हिंसा और CAA पर दिया बड़ा बयान #भारत से होने वाला अरबों डॉलर का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा #पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पीएम नरेंद्र मोदी दोनों से ही मेरे रिश्ते अच्छे हैं। # डोनाल्ड ट्रंप कहा कि पीएम मोदी धार्मिक स्वतंत्रता पर भरोसा करते हैं। # ट्रंप ने कहा कि मुझे दिल्ली में हिंसा के बारे में जानकारी मिली। लेकिन इस पर पीएम मोदी से कोई चर्चा नहीं की है।  # ट्रंप की यात्रा – रक्षा सौदे पर सहमति बनी, लेकिन दूसरे व्यापारिक मुद्दों पर सिर्फ़ बात # एनर्जी सेक्टर में भी सौदा हुआ, लेकिन उसमें भी अमेरिका अपना सामान भारत को ही बेचेगा #आर्थिक मामलाेे के विशेषज्ञो की रिपोर्ट के अनुसार- # Himalayauk Execlusive

ट्रंप आए और रक्षा से जुड़े अपने सामान तो उन्होंने भारत को बेच दिया लेकिन व्यापार में जब भारत को कुछ देने की बारी आई तो सिर्फ़ बातें बनाई गईं

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप में मंगलाव को दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत की। खबरों से मिली जानकारी के अनुसार प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सकारात्मक बातचीत हुई है। भारत एक शानदार देश हैं। यहां के लोग लोकतंत्र पर विश्वास करते हैं जोकि गर्व की बात है। मैंने पीएम मोदी के साथ नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर चर्चा की है। है। डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत में हमें बहुत आंनद आया है। हमारी यहां पर शानदार बैठकें हुईं हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत हमें जैसे पहले पसंद करता था इस बार उससे अधिक पसंद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेरे बीच एक बेहतरीन रिश्ता है। पीएम मोदी और मैंने धार्मिक स्वतंत्रता पर चर्चा की है।

भारत यात्रा के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप का आज सुबह सबसे पहले राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया. इस मौके पर सेना के तीनों अंगों की मिली जुली टुकड़ी ने ट्रंप को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया. इसके साथ ही उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई. इस मौके पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति का स्वागत किया. उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाऊस में उनकी मुलाकात जारी है. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच तीन अरब डॉलर के रक्षा समेत कई व्‍यापारिक समझौते होने की उम्‍मीद है.

 इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और अमेरिका मंगलवार को दिल्ली में तीन अरब डॉलर के दो रक्षा सौदों पर हस्ताक्षर करेंगे. रक्षा सौदे भारतीय नौसेना के लिए 24 एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों और सेना के लिए छह एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टरों की बिक्री से संबंधित हैं. सोमवार को गुजरात पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति ने अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में कहा, “हम अपने रक्षा सहयोग को निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे. अमेरिका भारत को विश्व के ग्रह के सर्वश्रेष्ठ और सर्वाधिक घातक सैन्य उपकरण प्रदान करने के लिए तत्पर है. हम सबसे अच्छे हथियार बनाते हैं और हम अब भारत के साथ सौदा कर रहे हैं.”

उन्होंने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मंगलवार को हमारे प्रतिनिधि भारतीय सैन्य बलों के लिए तीन अरब डॉलर से भी अधिक के विक्रय सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे, जिनमें अत्याधुनिक सैन्य हेलीकॉप्टर और अन्य सैन्य उपकरण शामिल हैं.” ट्रंप की भारत यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने 19 फरवरी को 24 एमएच-60 ‘रोमियो’ नौसैनिक बहु-मिशन हेलीकाप्टरों को 2.12 अरब डॉलर और छह एचएच -64ई अपाचे हेलिकॉप्टरों के लिए अमेरिका से 79.6 करोड़ रुपये के दो सौदों को मंजूरी दी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की यात्रा को लेकर जैसा पहले से अंदेशा जताया जा रहा था वैसा ही हुआ। यानी रक्षा सौदे पर सहमति बनी, लेकिन दूसरे व्यापारिक मुद्दों पर सिर्फ़ बात हुई और रिश्ते मज़बूत करने की बात कही गई। हालाँकि एनर्जी सेक्टर में भी सौदा हुआ, लेकिन उसमें भी अमेरिका अपना सामान भारत को ही बेचेगा। यानी ट्रंप आए और रक्षा से जुड़े अपने सामान तो उन्होंने भारत को बेच दिया लेकिन व्यापार में जब भारत को कुछ देने की बारी आई तो सिर्फ़ बातें बनाई गईं। ट्रंप के दो दिवसीय दौरे के बाद संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिका के साथ तीन बिलियन डॉलर यानी क़रीब 21 हज़ार करोड़ रुपये का रक्षा सौदा हुआ है। लेकिन इसके साथ ही ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार सौदा अभी भी किया जाना बाक़ी है और वे इस पर बातचीत की शुरुआत करेंगे। 

यानी वह बात बिल्कुल सही साबित हुई कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की नज़र भारत की सामरिक ज़रूरतों पर टिकी हुई है और वे ज़्यादा से ज़्यादा अमेरिकी हथियार भारत को बेचना चाहते हैं। ट्रंप ने अपनी यात्रा के पहले दिन अहमदाबाद के मोटेरा स्टेडियम में अपने भाषण के दौरान उन्होंने यह कहा भी था। उन्होंने अपने भाषण में खुल कर कहा था कि वह भारत को रक्षा उपकरण और इससे जुड़ी चीजें बेचना चाहते हैं।

अब जो दोनों देशों के बीच रक्षा सौदा हुआ है उसमें अमेरिका के रोमियो हेलिकॉप्टर और अपाचे हेलिकॉप्टर शामिल है। ट्रंप ने इसकी जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 3 अरब डॉलर से ज्यादा के डिफ़ेंस डील से दोनों देशों के रक्षा संबंध और मज़बूत होंगे।

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी भी जब आए तो उन्होंने भी व्यापार पर सिर्फ़ बातचीत होने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका पार्टनरशिप के महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई, वह चाहे रक्षा हो या सुरक्षा। उन्होंने कहा, ‘हमने एनर्जी स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप, ट्रेड और पिपल-टु-पिपल के बीच संबंधों पर भी चर्चा की। रक्षा क्षेत्र में भारत-अमेरिका के बीच मज़बूत होता रिश्ता हमारी साझेदारी का महत्वपूर्ण पक्ष है।’

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘कट्टर इसलामी आतंकवाद’ का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी और मैं अपने नागरिकों को कट्टर इसलामी आतंकवाद से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिका पाकिस्तान की धरती से चल रहे आतंकवाद को रोकने के लिए क़दम उठा रहा है।’

हालाँकि एनर्जी सेक्टर में एक सौदा हुआ है, लेकिन इसमें भी अमेरिका भारत को अपना सामान बेचेगा ही। देश के जिन शहरों में पाइपलाइन नहीं है, वहाँ कंटेनर के ज़रिए गैस पहुँचाने में भारत अमेरिका की मदद लेने जा रहा है। इसके लिए अमेरिकी एनर्जी कंपनी एग्जॉन मोबिल कॉर्पोरेशन और इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन ने एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया। अमेरिका भी भारत को क्रूड ऑइल और गैस का एक्सपोर्ट बढ़ाकर अपने व्यापार घाटे को कम करना चाहता है।

कहा जा रहा था कि ट्रंप की इस यात्रा में भारत अमेरिका द्वारा जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ़ प्रीफ़रेंसेज से बाहर करने के मामले को उठाएगा। लेकिन इस बारे में संयुक्त बयान में कुछ नहीं कहा गया। ट्रंप ने पहले ही भारत को सबक़ सिखाने की कोशिशों के तहत उसे जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ़ प्रीफ़रेसेंज से बाहर कर दिया है, कुछ भारतीय सामानों को मिलने वाली सुविधाएँ अब नहीं मिलेंगी। भारत से होने वाला अरबों डॉलर का निर्यात बुरी तरह प्रभावित होगा। ट्रंप इस बात से ख़फ़ा थे कि भारत-अमेरिका दोतरफ़ा व्यापार में पलड़ा भारत की ओर झुका हुआ है। उनका तर्क था कि भारत अमेरिका से कई तरह की रियायतें लेता है। 

विकासशील देश होने की वजह से अमेरिका में भारतीय उत्पादों पर 2 प्रतिशत कम टैक्स लगता है, लेकिन ट्रंप द्वारा रियायतें देना बंद करने के कारण यह सुविधा भारत को नहीं मिलेगी। यानी भारतीय उत्पादों पर फ्रांस या ब्रिटेन या किसी दूसरे विकसित देश की तरह ही टैक्स लगेगा। इससे भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे, उन्हें दूसरे विकसित देशों के साथ व्यापारिक होड़ में टिकना होगा। यह संभव है कि भारतीय उत्पाद कम बिकें।

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