मैंने सबसे पहले तीन तलाक बिल का विरोध किया -किसने कहा

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने एनडीए का सदस्य होने के नाते सोचा कि भाजपा राज्य के साथ न्याय करेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम चार साल से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यहां तक कि पिछले बजट सत्र में भी हमें न्याय नहीं मिला।

चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तीन तलाक बिल पर वाईएसआरसीपी ने समर्थन किया, टीडीपी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि मैंने भाजपा के बड़े नेतृत्वकर्ताओं से कहा कि तीन तलाक का अपराधीकरण सही नही है। मैंने सबसे पहले तीन तलाक बिल का विरोध किया था।

नई दिल्ली: भाजपा नीत राजग सरकार से नाराज चल रहे आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार (19 मार्च) को कहा कि भाजपा का समर्थन करना हमारी भूल थी. इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर आंध्रप्रदेश के साथ न्याय नहीं करने का आरोप भी लगाया और कहा कि हमने चार तक इंतजार किया, लेकिन कुछ भी हासिल नहीं हो सका. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तेलुगू देशम पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्यों को संबोधित करते हुए ये बातें कही. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘आप हमेशा से तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) का समर्थन करते आए हैं, लेकिन आप इस बात से खुश नहीं हैं कि हमने भाजपा के साथ गठबंधन किया. हम मुस्लिमों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं.’ मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘हमने राजग के सदस्य के तौर पर सोचा था कि भाजपा राज्य के साथ न्याय करेगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ, हमने चार साल इंतजार किया, लेकिन कोई इस्तेमाल नहीं हो सका. यहां तक कि आखिरी आम बजट में भी हमारे साथ न्याय नहीं किया गया.’ चंद्रबाबू नायडू ने कहा, ‘यह तेदेपा थी, न कि वाईएसआर कांग्रेस जिसने तीन तलाक के ऊपर जवाब दिया. मैंने भाजपा नेतृत्व को बताया था कि तीन तलाक का अपराधीकरण सही नहीं था. मैं पहला था, जिसने इसकी खिलाफत की.’
तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) सांसदों के भारी शोर-शराबे के चलते लोकसभा को मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हंगामे के चलते अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकारने से मना कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संसद सत्र शुरू होने के साथ ही हंगामा शुरू हो गया था. जब तक हंगामा शांत नहीं होता तब तक चर्चा कैसे हो सकती है. इससे पहले टीडीपी के सांसद लोकसभा की बेल में आकर ‘WE want Justics’ के नारे लगाने लगे.
वहीं दूसरी ओर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार (19 मार्च) को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. उच्च सदन में सोमवार को भी शून्यकाल और प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गए. संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में अब तक उच्च सदन में एक भी दिन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाए हैं और न ही कोई कामकाज हो पाया है.
सिर्फ आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर करीब एक घंटे तक महिलाओं के मुद्दों पर चर्चा हुई थी. सोमवार को उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद उन्होंने शून्यकाल शुरू करते हुए मनोनीत सदस्य के टी एस तुलसी का नाम पुकारा. तुलसी सदन में मौजूद नहीं थे. तब नायडू ने कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा को लोक महत्व से जुड़ा उनका मुद्दा उठाने की अनुमति दी. बाजवा ने अपना मुद्दा उठाना शुरू किया लेकिन इसी बीच अन्नाद्रमुक, द्रमुक, तेदेपा आदि के सदस्य आसन के समक्ष आ गए.

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