बजट में यूपी का बडा नुकसान होगा

अखिलेश का नया पैतराःअखिलेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगर चुनाव से पहले बजट पेश होता है तो यूपी के लिए आप किसी योजना का ऐलान नहीं कर सकते, ऐसे में यूपी का बडा नुकसान होगा 

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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में अब सिर्फ कुछ ही दिनों का समय बचा है. इससे पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन के बावजूद अमेठी और रायबरेली की सीटों को लेकर खींचतान चल रही है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल के संसदीय क्षेत्र होने के नाते कांग्रेस दोनों ही जगहों की दस सीटें छोडने के मूड में नहीं है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन के तहत ४०३ सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस १०५ सीटों पर चुनाव लडेगी। माजवादी पार्टी ने गठबंधन होने से पहले पांच प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिये थे लेकिन अब तक कोई नाम वापस नहीं लिया गया है। इसे लेकर कांग्रेस नेता विशेषकर स्थानीय नेता असमंजस में हैं। दोनों ही पक्षों के बीच इस बात पर सहमति बनती दिख रही है कि कांग्रेस को छह और समाजवादी पार्टी को चार सीटें मिलेंगी। स्थानीय नेता और कार्यकर्ता अमेठी या गौरीगंज में से कोई भी सीट देने को तैयार नहीं हैं जबकि समाजवादी पार्टी यहां से पहले ही प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
वही दूसरी ओर यूपी को यह साथ पसंद है नारे के जरिये अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोडी को जनता के सामने यूथ आइकॉन के रूप में पेश किए जाने का इरादा है। प्रशांत किशोर की टीम ने कांग्रेस-समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन होने से पहले ही संयुक्त प्रचार अभियान के लिए कई नारे तैयार कर लिए हैं। पिछले साल हुए बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त प्रशांत किशोर का दिया भोजपुरी नारा बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है काफी लोकप्रिय हुआ था। सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन के तहत इस बार के चुनावों में सपा २९८ सीटों और कांग्रेस १०५ सीटों पर चुनाव लडने जा रही है।
वही दूसरी ओर केन्द्र में भाजपा सरकार बजट के बहाने कोई कदम न उठाये, इसके लिए १६ राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से आग्रह किया था कि वह सरकार से चुनाव के बाद केंद्रीय बजट पेश करने के लिए कहे ताकि इसका उपयोग पांच राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए नहीं किया जा सके, जहां चुनाव होने हैं. केंद्र सरकार के १ फरवरी को बजट पेश करने के खिलाफ दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि आम बजट केंद्रीय होता है और इसका राज्यों से कोई लेना-देना नहीं है।
इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर यूपी चुनाव तक बजट पेश न करने की मांग की है। अखिलेश ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि अगर चुनाव से पहले बजट पेश होता है तो यूपी के लिए आप किसी योजना का ऐलान नहीं कर सकते, ऐसे में यूपी का बडा नुकसान होगा. यूपी राज्य जिसमें देश की बडी जनसंख्या निवास करती है को भारत के आगामी सामान्य/रेल बजट में कोई विशेष लाभ/योजना पाप्त नहीं हो सकेगी, जिसका सीधा पतिकूल पभाव यूपी के विकासकार्यों एवं यहां के २० करोड निवासियों के हितों पर पडेंगा. साथ ही अखिलेश ने यह भी लिखा है कि २०१२ में राज्यों के चुनाव की वजह से चुनाव बाद बजट पेश किया गया था। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने केंद्र से कहा कि बजट में वह पांच राज्यों के बारे में कोई विशेष घोषणा न की जाए, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. आयोग ने १ फरवरी को बजट पेश किए जाने को मंजूरी दे दी है।

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