अखिलेश का बयान, ‘अमर सिंह दलाल हैं’

mulayam-sp_1477208430उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का झगड़ा अब खुलकर सामने आ गया है. आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए शिवपाल यादव सहित चार मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया है. इतना ही नहीं अखिलेश ने अमर सिंह की करीबी जया प्रदा को भी फिल्म विकास परिषद की उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है. जया प्रदा को मंत्री का दर्जा मिला हुआ था. अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के अलावा ओमप्रकाश सिंह, नारद राय और शादाब फातिमा को भी बर्खास्त किया है. अखिलेश ने राज्यपाल राम नाईक को इन चार मंत्रियों की बर्खास्तगी की चिट्ठी भेज दी है. 

उत्तर प्रदेश के समाजवादी परिवार में चाचा-भतीजे के बीच जारी वर्चस्व की लड़ाई में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल यादव को बर्खास्त कर दिया। सपा के सूत्रों ने बताया कि विधानमण्डल दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने शिवपाल को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करने का ऐलान किया है। इसके अलावा शिवपाल तथा सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह के करीबी कुछ और मंत्रियों को भी बर्खास्त किये जाने की अटकलें हैं। मुख्यमंत्री ने शिवपाल और अपने बीच जारी जंग को नया रूप देते हुए यह कदम ऐसे वक्त उठाया है जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सोमवार को सपा विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं।

उधर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कार्यकर्ताओं को चिट्ठी लिखकर समर्थकों और विरोधियों के बीच स्पष्ट लाइन खींच दी है। समाजवादी पार्टी में दो फाड़ होता दिख रहा है। इस चिट्ठी में रामगोपाल यादव ने लिखा है कि सुलह की कोशिश अखिलेश की यात्रा रोकने की साजिश है। कार्यकर्ता अखिलेश के साथ जुटें। अखिलेश विरोधी विधानसभा नहीं पहुंच पाएंगे। रामगोपाल ने साथ ही लिखा है कि अखिलेश की यात्रा विरोधियों के गले की फांस बन गई है। मध्यस्थता करने वाले दिग्भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। जहां अखिलेश हैं, जीत वहीं है।
झगड़े के बीच आज अखिलेश यादव ने अपने समर्थक विधायकों की बैठक बुलाई. इस बैठक में करीब 415 नेताओं को बुलाया गया. इस बैठक में शिवपाल के समर्थक 20-25 विधायकों को छोड़ सभी विधायक को बुलाया गया था. बैठक को लेकर शिवपाल ने कहा था कि उन्हें बैठक का न्यौता नहीं मिला था इसलिए वह नहीं गए.

दरअसल पिता पुत्र के झगड़े में पार्टी भी युवाओं औऱ बुजुर्गों के बीच बंटती दिख रही है. अखिलेश के समर्थन में मुलायम को चिट्ठी लिखने वाले उदयवीर सिंह को कल ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.

शिवपाल ने कहा था अखिलश ही होंगे सीएम उम्मीदवार

बता दें कि इससे पहले समाजवादी पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा था कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.

विरोधी चाहते हैं अखिलेश हारे- रामगोपाल

वहीं आज रामगोपाल ने सपा कार्यकर्ताओं को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा है कि अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. न डरें, न विचलित हों, जहां अखिलेश-वहां विजय.’’

रामगोपाल ने चिट्ठी में लिखा है, ‘हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अखिलेश के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार बने. वो (विरोधी) चाहते हैं कि हर हालत में अखिलेश यादव हारें. हमारी सोच पॉजिटिव है उनकी निगेटिव.’’

कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं- रामगोपाल

रामगोपाल ने आगे लिखा, ‘’माननीय मुख्यमंत्री के साथ वो लोग हैं, जिन्होंने पार्टी के लिए खून बहाया, अपमान सहा. उधर वो लोग हैं, जिन्होने हजारों करोड़ रुपया कमाया, व्यभिचार किया और सत्ता का दुरूपयोग किया. जनता को भ्रमित करने के लिए कुछ लोग मध्यस्थता करते हैं, बयानबाजी करते हैं’’

विचलित न हों, जहां अखिलेश-वहां विजय- रामगोपाल

रामगोपाल ने आगे लिखा, ‘’बहकावे में आने की जरूरत नहीं है. रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है. इस फांस को और शार्प करना है. अखिलेश का विरोध करने वाले विधानसभा का मुंह नहीं देख पाएंगे. न डरें, न विचलित हों, जहां अखिलेश-वहां विजय.’’

मंत्रियों को बर्खास्त करने के बाद अखिलेश ने कहा है कि मैं ही नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का उत्तराधिकारी हूं.
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पार्टी तोड़ने का कोई इरादा नहीं- अखिलेश यादव
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सारी आग अमर सिंह ने लगाई है- अखिलेश
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