अमेज़न इंडिया भारत में खोलना चाहती है राशन की दुकान

केंद्र सरकार के निर्णय पर मध्य प्रदेश के सागर समेत छह जिलों से इसकी शुरआत  की जा रही है। अब केरोसिन की सब्सिडी भी अब सीधे उपभोक्ता के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।  केंद्र सरकार ने  इस योजना को मूर्त रूप देने का निर्णय लिया हैं। उपभोक्ता को प्रति लीटर केरोसिन के पूरे दाम चुकाने होगे।  सब्सिडी उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। वही खाद्य विभाग द्वारा कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी राशन की दुकानों पर एक रजिस्टर रखेगी, उसमें सभी परिवार की जानकारी डीलर द्वारा दर्ज कराई जाएगी। उपभोक्ताओं को शासकीय उचित मूल्य की दुकान पर अपने आधार कार्ड एवं बैंक खाते की जानकारी एक फार्म में भरकर देनी होगी।

हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल की एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

पिछले साल भारत में अपनी प्राइम सर्विस लॉन्च की थी। अब, ऑनलाइन रिटेल दिग्गज़़ अमेज़न के अब भारत में राशन की दुकान खोलने की योजना का खुलासा हुआ है। ख़बर है कि कंपनी भारत सहित दुनिया भर में फिज़िकल रिटेल स्टोर के विस्तार पर काम कर रही है। और बेंगलूरू में कंपनी द्वारा राशन की पहली दुकान खोलने की उम्मीद है।
इस मुद्दे से जुड़े एक व्यक्ति ने द न्यू यॉर्क टाइम्स को बताया कि, हाल ही में अमेज़न ने भारत सरकार से ऑनलाइन पोर्टल के जरिए फल रिटेल और ब्रिक-एंड-मोर्टार आउटलेट के लिए अनुमति ली थी। और अब बेंगलूरू में कंपनी अपनी पहली राशन की दुकान खोलना चाहती है। ख़ास बात है कि, भारत में कंपनी के ग्रॉसरी प्रोजक्ट को ‘प्रोजक्ट एवरेस्ट’ इंटरनल कोड नेम दिया गया है।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, अमेज़न भारत में ‘एक मज़बूत सप्लाई चेन’ में विदेशी निवेश के लिए किए जा रहे प्रयासों को लेकर अमेज़न उत्साहित है।
जेफ़ बेज़ोस ने पिछले साल घोषणा की थी कि कंपनी की योजना देश में 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश करने की है। कंपनी भारत में तेजी से फिज़िकल स्टोर खोलने पर काम कर रही है।
इसके अलवा, इस रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी दुनिया भर में फिज़िकल स्टोर का फिज़िकल स्टोर का विस्तार करना चाहती है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी फर्नीचर जैसी चीजों के लिए भी फिज़िकल स्टोर खोलना चाहती है। क्योंकि लोग अधिकतर इन चीजों को देखने के बाद ही खरीदते हैं।
बहरहाल, इस मुद्दे से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि अमेज़न वर्चुअल और ऑग्युमेंटेड रियलिटी का इस्तेमाल करने की सोच रही है, ताकि यूज़र को यह अंदाज़ा हो सके कि उनके घर में कोई वस्तु कैसी दिखेगी।

राशन (गल्ले) की दुकानें संचालित हैं तथा अधिकांश शहरी क्षेत्र की दुकानों में ए०पी०एल० के कार्ड ही हैं तो इस परिस्थिति में हजारों राशन की दुकानें बंद हो जायेंगी तथा उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जायेगा।
अब राशन की दुकाने बंद करने की तैयारी #भाजपा सरकार का नया इन्जैसक्शनन- अब सरकारी गल्लेश के लाखो विक्रेताओ को बेरोजगार करने की तैयारी पूर्ण- उ0प्र0 में तैयारियां पूर्ण- उत्तेराखण्डा भी उ0प्र0 का पिछलग्गूइ बना- उ0प्र0 तो अभी पायलट प्रोजेक्टि की तैयारी कर रहा हे, जबकि उत्तकराखण्डो पूरे प्रदेश में एक साथ इस जनविरोधी नीति को लागू करने जा रहा है- क्याे है वो- बडी खबर- जनसंघर्ष मोर्चा लाया आम जनता के सामने सबसे पहले- हिमालयायूके न्यूेज पोर्टल की एक्सभक्लूगसिव रिपोर्ट
उत्तराखण्ड में व्यापारियों को लूट का खुला लाईसेंस और किसान बर्बाद करने की योजना- जनसंघर्ष मोर्चा की आशंका-
नवंबर से अब कार्डधारकों को चावल और गेहूं की मात्रा के मूल्य के बराबर की राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.
#ए०पी०एल० कार्डों पर प्रत्यक्ष सब्सिडी के चलते बर्बाद हो जायेगा प्रदेश का किसान …. जनसंघर्ष मोर्चा ..
#हजारों गल्ला विक्रेता हो जायेंगे बेरोजगार।
#व्यापारियों के हाथों लुटेगी उत्तपराखण्डर की जनता, राशन हो जायेगा मंहगा ।
#खातों में प्रत्यक्ष धनराशि आने से व्यसनी/नशाखोरों की होगी मौज, परिवार मरेगा भूखा।
#गैस सब्सिडी की तर्ज पर राशन की सब्सिडी वाला फार्मूला लागू करे
हिमालयायूके न्यूकज पोर्टल ब्यूिरो रिपोर्ट
देहरादून- स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि उत्त राखण्डस प्रदेश की अनुभवहीन सरकार ने ए०पी०एल० कार्डधारकों को राशन के बजाय डायरेक्ट (प्रत्यक्ष) सब्सिडी देने का निर्णय किया है, जिसका जनसंघर्ष मोर्चा घोर विरोध करता है।
नेगी ने कहा कि सरकार को सोचना चाहिए कि अगर सरकार स्टेटपुल का धान/गेह नहीं खरीदेगी तो निष्चित तौर पर व्यापारियों को लूट का खुला लाईसेंस मिल जायेगा तथा वहीं गेह/धान (चावल) किसान को कौडयों के भाव मजबूरी में बेचना पडेगा तथा सीजन समाप्त होते ही बाजार में गेह/चावल के दाम आसमान को छूने लगेंगे। इस नीति से किसान बर्बाद हो जायेगा।
ज्ञात हो कि राज्य में राशन पर मिलने वाली छूट अब सीधे राशन कार्ड धारक के खाते में जाएगी. त्रिवेंद्र सरकार के इस फैसले से तमाम राशनकार्ड धारकों को बड़ा फायदा होने के सपने दिखाये जा रहे है. राज्य खाद्य योजना के तहत कार्डधारकों को नवंबर महीने से गेहूं और चावल की मिलने वाली मात्रा के मूल्य के बराबर धनराशि डायरेक्टर बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत सीधे उनके खाते में डाली जाएगी. कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्य खाद्य योजना के तकरीबन 11 लाख कार्डधारकों को नवंबर से डीबीटी का लाभ देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. अंत्योदय योजना के कार्डधारकों को चीनी पर मिलने वाली सब्सिडी भी सीधे खाते में डाली जाएगी. प्रदेश में राज्य खाद्य योजना अक्टूबर 2015 से लागू है. इस योजना में 11 लाख कार्डधारक शामिल हैं. यह योजना नवंबर 2016 में बंद हो गई थी. राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद मई 2017 से इस योजना को फिर चालू किया गया. हालांकि चावल और गेहूं की कीमतों में कुछ इजाफा भी किया गया. इस योजना के तहत प्रत्येक राशन कार्ड पर 8.60 रुपये प्रतिकिलो की दर से पांच किलो गेहूं और 15 रुपये प्रति किलो की दर से 10 किलो चावल दिया जाता है. नवंबर से अब कार्डधारकों को चावल और गेहूं की मात्रा के मूल्य के बराबर की राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी.

वर्तमान में प्रदेश के हजारों राशन (गल्ले) की दुकानें संचालित हैं तथा अधिकांश शहरी क्षेत्र की दुकानों में ए०पी०एल० के कार्ड ही हैं तो इस परिस्थिति में हजारों राशन की दुकानें बंद हो जायेंगी तथा उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जायेगा।
नेगी ने चिंता जतायी कि आज भी हजारों गरीब परिवारों के पास बी०पी०एल० का कार्ड न होकर ए०पी०एल० का कार्ड है तथा कई परिवारों में मुखिया व्यसनी/नशाखोर हैं, चूंकि सब्सिडी मुखिया के खाते में आयेगी तो निष्चित तौर पर वह अपव्यरय करेगा या अपनी मौज मस्ती में व्यसन करेगा जबकि परिवार दो वक्त की रोटी को मोहताज हो जायेगा। इसके साथ-साथ बाजार मूल्य एवं सब्सिडी वाला मूल्य भी कार्डधारकों की कमर तोड देगा। वर्तमान में सरकार अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर भी तो करोडों रूपया खर्च कर रही है। उल्लेखनीय है कि कई अमीर लोगों ने भी ए०पी०एल० के कार्ड बना रखे हैं और अगर वो राशन नहीं लेते हैं तो उनको सब्सिडी देने का क्या औचित्य है।
जनसंघर्ष मोर्चा महामहिम राज्यपाल से मांग करता है कि प्रदेश सरकार की जनविरोधी नीति पर रोक लगाने का काम करे, तथा गैस सब्सिडी की तर्ज पर ही राशन की सब्सिडी जनता को दें, जिससे किसान, राशन डीलर तथा कार्डधारक का हित सुरक्षित रह सकें।
पत्रकार वार्ता में ः- मोर्चा महासचिव आकाष पंवार, दिलबाग सिंह, ओ०पी० राणा, भीम सिंह बिश्ट थे।
हिमालयायूके न्यूेज पोर्टल की रिपोर्ट के अनुसार- उत्तिर प्रदेश में भी राशन के बदले सब्सििडी योजना लागू होने के बाद राशन की दुकाने बंद हो जायेगी, रियायती मूल्यं पर मिलने वाले राशन के बदले लाभार्थी को सब्सि डी नकदी के रूप में उसके बैंक खाते में भेज दी जायेगी, जिसके बाद राशन की दुकानो की जरूरत नही रह जायेगी, सभी राशन कार्डो को आधार कार्ड और बैंक खाते से जोडने का काम शुरू हो गया हे, यूपी में अभी दो स्थाकनो से पायलट प्रोजेक्टे की शुरूआत होनी है, जबकि उत्तगराखण्डप की भाजपा सरकार पूरे प्रदेश में यह जनविरोधी नीति लागू करने जा रही है, यूपी में इस पायलट प्रोजेक्टी को लेकर खादय विभाग के अधिकारी राशन कार्डो के वैरिफिकेशन और उन्हेंक आधार कार्ड व बैंक खाते से लिंक कराने की तैयारी में जुटे हैं, राशन कार्ड धारको को सब्सिनडी सीधे उनके खाते में पहुंचाने की योजना पर उ0प्र0 की भाजपा सरकार के साथ उत्तकराखण्डि की भाजपा सरकार ने भी शुरू कर दिया है, सरकार की योजना सफल होने के बाद आने वाले दिनो में राशन की सारी दुकाने बंद कर दी जायेगी, जिससे सरकारी राशन गल्लेन के विक्रेता बेरोजगार हो जायेगे, और आशंका यह भी है कि सब्सिरडी कितने दिन, कितने माह, कितने वर्ष डालेगे, कुछ समय बाद वह भी बंद हो जायेगी,

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