जय शाह का का व्यापार राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय बना

जय शाह का व्यापार राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का विषय बन चुका है. जिसमे विपक्ष उनके पिताश्री अमित शाह के इस्‍तीफे की मांग कर रहा है-  Execlusive Story; www.himalayauk.org (Newsportal) 

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि नोटबंदी के लाभार्थी का पता आखिरकार चल गया है. राहुल ने एक ट्वीट में कहा, ‘हमें आखिरकार नोटबंदी का एकमात्र लाभार्थी मिल ही गया’. यह आरबीआई, गरीब या किसान नहीं है. ये नोटबंदी के शाह-इन-शाह हैं. जय अमित.’ आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कहा कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद अमित शाह के बेटे की किस्मत परवान चढ़ गई और वह खुद पार्टी प्रमुख बन गए.
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लखनऊ: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह को लेकर हुए खुलासे के बाद अब राजनीति और गरमा गई है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने सोमवार को कहा कि ‘इतने कम समय में वही इतनी कमाई कर सकता है, जिसके अंकल प्रधानमंत्री हों और पापा ‘मोटाभाई शाह हों’.
राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से पूछना चाहती है कि क्या जय शाह कोई मंत्री हैं, जो उनके बचाव के लिए देश के कैबिनेट मंत्री को आगे आना पड़ा. जनता जानना चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो काफी गरीब परिवार से आते हैं, वह गरीबों के हक की रक्षा करेंगे या सिर्फ दोस्ती निभाएंगे. रविवार को ही बीजेपी की तरफ़ से रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि जय शाह ने कुछ भी ग़लत नहीं किया है, उन्होंने सारे लोन चुकाए हैं और कुछ भी ग़लत नहीं किया है. उधर सोमवार को उनके बचाव में उतरी बीजेपी दिल्ली में चुप रही, लेकिन लखनऊ में उसने जवाबी हमला बोला.

मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस, वाम दलों और ‘आप’ ने जांच की मांग की. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इसे ‘घोर पूंजीवाद’ का मामला बताया. वहीं, माकपा के सीताराम येचुरी ने दावा किया कि यह मोदी सरकार के दौरान भ्रष्टाचार का ताजा मामला है. सिब्बल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, आज हम प्रधानमंत्री-प्रधान सेवक से सवाल पूछते हैं. अब आप घोर पूंजीवाद के बारे में क्या कहेंगे? क्या आप सीबीआई को मामले की जांच का निर्देश देंगे? क्या आप प्रवर्तन निदेशालय को इन लोगों को गिरफ्तार करने का आदेश देंगे. विपक्षी पार्टियों ने एक वेबसाइट में छपी खबर के बाद यह मांग की. खबर में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) के आंकड़े को उद्धत करते हुए कहा गया है कि जय शाह के मालिकाना हक वाले ‘टेंपल इंटरप्राइज’ की संपत्ति में वर्ष 2015-16 के दौरान 16,000 गुना और उससे पहले के साल से करीब 80 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. सिब्बल ने आरओसी फाइलिंग का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि कुसुम फिनसर्व एलएलपी को मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा क्षेत्र में एक ठेका मिला, जबकि यह कंपनी स्टॉक ट्रेडिंग का काम करती है. इस कंपनी का 60 प्रतिशत हिस्सा जय के पास है. सीताराम येचुरी ने कहा, जैन हवाला डायरी मामले के बाद लालकृष्ण आडवाणी और भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण ने इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार के अंतर्गत अब ऐसा होगा. वहीं, भाकपा नेता डी राजा ने ‘अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय एसआईटी जांच’ की मांग की.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह ने वेब पोर्टल द वायर के ख़िलाफ़ 100 करोड़ की आपराधिक मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया है. रविवार को को जय शाह के बचाव में उतरे बीजेपी के बड़े नेता सोमवार को इस मुद्दे पर दिल्ली में ख़ामोश रहे, विपक्ष हमले पर हमला बोलता रहा. हमले की जद में अमित शाह से लेकर प्रधानमंत्री मोदी तक हैं. कांग्रेस को लग रहा है कि गुजरात चुनाव से पहले उसे वो मुद्दा मिल गया जिसकी तलाश थी. अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार में नाटकीय उछाल को लेकर दिल्ली, जयपुर और लखनऊ तीनों शहरों में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर पार्टी ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा और प्रधानमंत्री से चुप्पी तोड़ते हुए इस मामले की न्यायिक जांच कराने की भी मांग की. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह के कारोबार पर ख़बर लिखने के मामले में जय शाह ने न्यूज़ वेबसाइट द वायर के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया है.

राज बब्बर ने यह भी कहा कि भाजपा को यही ‘विद्या’ अब आम आदमी को भी सिखानी चाहिए. कांग्रेस दफ्तर में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए राज बब्बर ने कहा, एक बेचारा चाय बेचने वाला, जो सवा सौ करोड़ देशवासियों को तीन साल में महंगाई, बेरोजगारी, लाचारी ही दे पाया था कि अचानक उसके बगल से भ्रष्टाचार ने भी जन्म ले लिया. उन्होंने कहा, ‘इस बीजेपी की सरकार में ‘बेटा मॉडल’ सिखाया जाता है, क्योंकि इस तरह के विद्या का ज्ञानी वही हो सकता है, जिसके अंकल पीएम हों और पापा मोटाभाई शाह हों.’ राज बब्बर ने कहा कि पहला सवाल यह है कि जो ‘टेम्पल प्राइवेट कंपनी’ थी, वह आखिर क्या व्यापार करती थी? दूसरा सवाल यह कि तीन साल चलाने के बाद इसे अचानक क्यों बंद करना पड़ा? जय शाह की कंपनी को 51 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश भी आया है. यह किस आधार पर आया है?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक सवाल यह भी है कि कुसुम कंपनी, जो एक छोटी सी कंपनी थी, रातो-रात उसे एक बड़ी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदला गया और इसे कालूपुर सहकारिता बैंक से 25 करोड़ रुपये कर्ज दिया गया था. जबकि इसके बदले में जो जमीन बंधक थी, उसकी कुल कीमत ही 6 करोड़ थी. क्या सरकार ऐसे कुछ और उदाहरण दे सकती है, जिन पर ऐसी अनुकंपा की गई हो.

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के इकलौते बेटे हैं जय अमित शाह. साल 2010 में ही सीबीआई ने अमित शाह को सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में गिरफ़्तार किया था. उस वक्त जय शाह अपने पिता की जमानत के लिए कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे. यही वो वक्त था जब वे पहली बार मीडिया और जनता की नज़रों में आए.  गुजरात हाईकोर्ट ने अमित शाह को जमानत दे दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके गुजरात में प्रवेश करने पर रोक लगा दी, इसके बाद अमित शाह दिल्ली रवाना हो गए. उस समय अमित शाह नारनपुरा से गुजरात विधानसभा के सदस्य थे. लेकिन उनके दिल्ली चले जाने के बाद उनकी विधानसभा में लोगों की समस्याएं सुनने की ज़िम्मेदारी जय ने उठाई. इसके साथ ही उन पर अपने पिता के शेयर मार्केट से जुड़े बिजनेस को संभालने की ज़िम्मेदारी भी आ गई. जय ने निरमा इंजीनियरिंग इंस्टिट्यूट से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. तीन साल पहले उन्होंने अपनी क्लासमेट रुशिता पटेल के साथ शादी की थी.

मौजूदा समय में अमित शाह देश के दूसरे सबसे ताक़तवर शख़्स माने जाते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद. लेकिन 27 साल की उम्र और औसत कद काठी वाले जय अमित शाह इन दिनों दूसरी वजह से चर्चा में हैं.वेबसाइट द वायर की स्टोरी के मुताबिक नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमित शाह के बेटे का कारोबार कई गुना बढ़ गया है. ऐसे में उनके कारोबार के विस्तार को उनके पिता की राजनीतिक हैसियत से जोड़कर देखा जा रहा है, कांग्रेस पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से ‘शाह के बिजनेस मॉडल’ को एक्सप्लेन करने की मांग की है. हालांकि जय अमित शाह के बचाव में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सामने आए और उन्होंने स्टोरी करने वाली वेबसाइट पर मुक़दमा दर्ज कराने की बात कही है. इन सबको लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. ज़ाहिर है विपक्ष से लेकर सरकार तक में, चर्चा के केंद्र में जय अमित शाह आ गए हैं. क्या करते हैं जय अमित शाह और गुजरात में पिता के साये में किस तरह बढ़ा है उनका कारोबार, ये जानने में हर किसी की दिलचस्पी होगी. वैसे जय अमित शाह पर पहली बार मीडिया की नज़र साल 2010 में पड़ी थी. तब 20 साल का एक युवा लड़का देश के जाने माने वकील राम जेठ मलानी के साथ गुजरात हाई कोर्ट आया करता था.  कोर्ट की कार्यवाही के दौरान वह वकीलों के पीछे वाली दूसरी कतार में बैठा रहता. कोर्ट की बहस में एक तरफ जहां राम जेठमलानी मुद्दे से जुड़े अपने तर्क पेश करते, वहीं दूसरी तरफ़ से केटीएस तुलसी उन तर्कों को काटने की कोशिश करते.

वह लड़का वकीलों की दलीलों की बजाय जज के चेहरे पर चढ़ते-उतरते भावों को समझने की कोशिश किया करता. कोर्ट की कार्यवाही के दौरान वह लगातार हनुमान चालीसा का पाठ करता रहता. 2010 तक शायद ही कोई इस लड़के को जानता था, इस लड़के का नाम था जय शाह.

 

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