बागी विधायकों को वापस लाकर भाजपा को शिकस्‍त दी

PEMA KHADUकांग्रेस ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में बागी विधायकों को वापस पार्टी में मिलाकर महीनों पुराने तख्तारपलट को नाकाम कर दिया। छह महीने पहले ये विधायक कलिखो पुल की अगुआई में पार्टी छोड़कर चले गए। इसकी वजह से नवाम तुकी की सरकार गिर गई। हालांकि, अगर सूत्रों का भरोसा किया जाए तो कांग्रेस को इस कोशिश में रातोंरात कामयाबी नहीं मिली। वह बागी विधायकों लेकर बीते डेढ़ महीने से काम कर रही थी। सूत्रों ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले राज्यर के कांग्रेसी नेताओं को इस बात का एहसास हुआ कि कलिखो पुल के खेमे में सब कुछ सही नहीं है।
पेमा खांडू और पुल के कैबिनेट में डिप्टीक सीएम चौना मीन दोनों ही नाखुश थे। ये नाराजगी पुल के कथित ‘तानाशाही भरे तरीके’ और उनके फैसलों को लेकर थी। दुर्भाग्य वश उन्होंकने ऐसे ही आरोप तुकी के खिलाफ भी लगाए थे। कांग्रेसी नेता खास तौर पर अरुणाचल ईस्टक के सांसद निनॉन्ग एरिंग ने तुरंत इन नाराज नेताओं से संपर्क साधा। उस वक्तर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का कहीं अता पता नहीं था। यह संदेश तुरंत कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को दिया गया। सोनिया ने बागी खेमे से मोलतोल से खुद को दूर रखा। इसके बाद राज्यक के नेताओं और कांग्रेस प्रभारी ने इस नाजुक हालात को संभाला। अनौपचारिक बातचीत करीब एक महीने तक चली। कई तरह की अफवाहें फैलीं लेकिन खांडू और मीन ने बयान जारी करके कहा कि सब कुछ ठीक है। कांग्रेस के मध्य स्थों ने उन दोनों से कहा कि दोनों की पसंद से ही उनमें में से कोई एक कांग्रेसी सरकार का सीएम होगा। इस बातचीत में और तेजी उस वक्तस आ गई, जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया। सुप्रीम कोर्ट में तुकी के वकील सीनियर कांग्रेसी लीडर कपिल सिब्ब ल ने तुकी को मनाया कि पार्टी के हित में उन्हेंप किसी दूसरे के लिए रास्तार खाली करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, इस योजना के बारे में तुकी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अगले ही दिन बता दिया गया। वह राजी हो गए। कांग्रेसी सांसद एरिंग और अन्यु मीन के के संपर्क में रहे। कांग्रेस के लिए अप्रत्याोशित यह बात रही कि विद्रोहियों ने खुद से ही खांडू को अपना नेता चुन लिया। पार्टी के एक सीनियर नेता ने कहा, ‘यह फैसला उनके बीच से ही आया। और वे बागी नहीं हैं। वे सभी कांग्रेसी हैं।’ शुक्रवार सुबह यह प्रस्ता व सोनिया गांधी के पास पहुंचा, जिसे उन्होंलने मंजूरी दे दी। यह संदेश बागी खेमे तक पहुंचाया गया जो गुवाहाटी से ईटानगर शाम को ही पहुंच गए। पूरी रात कांग्रेसी नेता बेचैन थे। वे जानते थे कि बीजेपी जवाबी हमला कर सकती है। हालांकि, सारी चीजें कांग्रेस के तयशुदा स्ि्र प्टज के मुताबिक ही हुईं और सभी विधायकों ने बैठक कर खांडू को अपना नेता चुन लिया।

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