हरीश रावत फिर सूबे के सीएम होगे; पंत प्रख्यात ज्योतिषाचार्य

हरीश मुख्‍यमंत्री नही होगे- यह किसने कहा- वही हरिद्वार के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. पवन पन्त के अनुसार- #कांग्रेस की सरकार बनाने का प्रबल योग  #निर्दलीयों का सहारा  #हरीश रावत एक बार फिर सूबे के सीएम #हिमालयायूके की प्रस्‍तुति-

परन्‍तु तारों का खेल: राजगद्दी के मुहूर्त में मिल जाती है जेल # भगवान् श्रीराम की राजगद्दी का मुहूर्त स्वयं त्रिकाल दर्शी वशिष्ठ जैसे मुनि जी ने निकाला, परंतु सितारों की दशा, उस मुहूर्त में श्रीराम को वन जाना पड़ा,
कुछ इसी तरह तमिलनाडु में हुआ, शशिकला जब CM बनने जा रही थी, सितारो ने उनसे गद्दी ही दूर नहीं की, अपितु जेल भिजवा दिया#  कुछ अन्‍य विख्‍यात ज्‍योतिषों की स्‍पष्‍ट भविष्‍यवाणी है- उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री के रूप में  राज्‍य को मिलेगा नया चेहरा, यानि की भरसक प्रयास के बाद भी हरीश रावत रावत मुख्‍यमंत्री नही बन सकेगे-

उत्‍तराखण्‍ड के वर्तमान मुख्‍यमंत्री की कुण्डली बलवान होने पर भी चुनाव काल से हरीश रावत के जन्म के चन्द्रमा से गोचर के शनि से दूरी बनाए होने कारण सत्ता से दूरी का योग बन रहा है- पं0 दयानंद शास्‍त्री जी की भविष्‍यवाणी है- वही

मॉ पीताम्‍बरा बगलामुखी माई के सत्‍य साधक परम आदरणीय बिजेन्‍द्र पाण्‍डे जी महाराज के अनुसार उत्‍तराखण्‍ड में नये मुख्‍यमंत्री आसीन होने का प्रबल योग है- हरीश रावत मुेख्‍यमंत्री नही होगे-

वही गढवाल के मंदिरों के हक हकूक धारी तथा श्रीबदरीनाथ धाम के पंडितों के   प्रसिद्व ज्‍योतिष गांव के विद्वान प0 हरिकिशन किमोटी जी कहते हैं कि देवभूमि में परिवर्तन का योग है, तथा हरीश रावत मुख्‍यमंत्री नही बन पायेगे, श्री किमोठी जी कहते है कि देवभूमि में जाग्रत मा भगवती चमत्‍कार दिखायेगी’ देवभूमि में इस बार चमत्‍कार होगा-

“हिमालयायूके की प्रस्तुति

हरिद्वार के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डॉ. पवन पन्त ने ज्योतिषीय गणनाओं के माध्यम से मंथन किया. डॉ. पवन पन्त का कहना है कि इस बार फिर कांग्रेस का सत्ता में आने का प्रबल योग बन रहा है, लेकिन किसी को भी पूर्ण बहुमत बनता नहीं दिख रहा है. सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ेगा. जहां तक मौजूदा सीएम हरीश रावत की बात है तो उनकी कुंडली के मुताबिक उन्हें सूबे का सीएम बनने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ेगी.
ज्योतिषाचार्य डॉ. पन्त की मानें तो इस बार फिर कांग्रेस की सरकार बनाने का प्रबल योग बन रहा है, लेकिन कांग्रेस को पूर्ण बहुमत बनता नहीं दिख रहा है. कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए निर्दलीयों का सहारा लेना पड़ेगा. इसके अलावा हरीश रावत एक बार फिर सूबे के सीएम बन सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें खासी मशक्कत करनी पड़ेगी
कांग्रेस से बगावत करने वाले नेता एक बार फिर प्रदेश में भारी उठापटक कर सकते हैं. इस बार बागी कांग्रेस को सहयोग देने वाले निर्दलीयों के साथ मिलकर बड़ा खेल कर सकते हैं. ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक, इतना ही नहीं 2019 तक एक बार फिर सूबे पर राष्ट्रपति शासन थोपा जा सकता है. डॉ. पवन पन्त की ज्योतिषीय गणना के अनुसार 15 फरवरी को होने वाले चुनाव के दिन सीएम हरीश रावत की महादशा राहु में मंगल में चंद्रमा में भृस्पति में शुक्र है, जो एक बार फिर राजयोगकारक है.
कांग्रेस की बात करें तो चुनाव के समय बुद्ध सूर्य के साथ पूर्ण बलशाली होगा, जो कांग्रेस के लिए शुभ है. लेकिन विशेष बात ये रहेगी की अगली सरकार बनाने में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़ने वालों की जीत अहम भूमिका निभाएगी.
सीएम हरीश रावत के पिछले वर्षों में महत्वपूर्ण पद मिलने के समय उनकी ग्रहों की दशा पर डॉ. पवन पन्त का कहना है कि रावत का जन्म ज्येष्ठा नक्षत्र चतुर्थ चरण वृश्चिक राशि के अंतर्गत कर्क लग्न में हुआ था. डॉ. पन्त का कहना है कि रावत की जन्मपत्री में सूर्य उच्च है, जो महत्वपूर्ण तथा प्रभावशाली पदों का मालिक है. शुक्र स्वग्रही जो पद प्रतिष्ठा का मालिक होकर लाभ कराता है तथा दशम राहु है जो प्रबल राजनीति कारक योग बनाता है.
हरीश रावत ने केंद्रीय मंत्री का पद 30 अक्टूबर, 2012 को ग्रहण किया था, उस समय उनकी राहु की महादशा में शुक्र का अंतर और राहु का प्रत्यंतर था, जो की उनको केंद्रीय मंत्री पद का कारक बना था.
इसी तरह उन्होंने उत्तराखण्ड के सीएम का पद 1 फरवरी 2014 को संभाला, उस समय राहु में सूर्य की अंतर्दशा चल रही थी, जो पुनः राजयोग कारक थी. राष्ट्रपति शासन हटने के दिन तक रावत की महादशा राहु में मंगल में, राहु में शुक्र में राहु की दशा थी, इसलिए उन्हें एक बार फिर राज्यकृपा प्राप्त हुई.

हरीश रावत ने 2014 में जब कुर्सी संभाली थी तब से लेकर अब तक सफर कांटों भरा ही रहा है. मार्च 2016 का घटनाक्रम भी देश भर में चर्चा में रहा.कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता चुनाव प्रचार में कम ही दिख रहे हैं. हरीश रावत अकेले ही देहरादून से लेकर कुमाऊं और तराई के साथ मैदान और गढ़वाल के दूसरे हिस्सों में प्रचार अभियान की कमान संभाले हैं.ईटीवी न्यूज 18 से खास बातचीत में सीएम हरीश रावत कहते हैं कि सुबह साढ़े आठ बजे उठकर पहले वह फोन पर लोगों से बात करते हैं और फिर निकल पड़ते थे प्रचार अभियान पर.

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