गुंडागर्दी में लिप्त वकीलों की पहचान करनी चाहिए- बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विभिन्न बार को एक पत्र लिखा

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के साथ हुई मारपीट को लेकर बार काउंसिल को नोटिस जारी किया है.  दिल्ली हाईकोर्ट ने बार काउंसिल से बुधवार तक जवाब मांगा  कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मैं गृहमंत्री अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि जब पुलिस के जवान सड़क पर पीटे जा रहे थे तो वह कहां गायब हैं. वकीलों द्वारा की गई पिटाई में 20 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं. HIMALAYAUK BUREAU

बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने अपने पत्र में कहा कि ऐसे उपद्रवी तत्व संस्थान की छवि को धूमिल कर रहे हैं और यह इन अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने वाले बार निकायों की निष्क्रियता और सहिष्णुता है. दिल्ली में 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच पार्किंग को लेकर हुआ विवाद हिंसक झड़प में बदल गया. विवाद इस हद तक बढ़ गया कि कहीं वकील, पुलिस वालों के साथ तो कहीं पुलिस, वकीलों के साथ मारपीट करती नजर आई. इसी बीच मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने पुलिस मुख्यालय पर धरना दे दिया. दिल्ली में काला कोट Vs खाकी वर्दी जारी है.

दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच तीस हजारी कोर्ट में हुई झड़प के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने विभिन्न बार को एक पत्र लिखा है. बार काउंसिल ने अपने पत्र में कहा कि हमें उन वकीलों की पहचान करनी चाहिए जो गुंडागर्दी में लिप्त रहे थे. साथ ही बार काउंसिल ने वकीलों से अनुरोध भी किया कि वे अपना विरोध समाप्त करें. काउंसिल  ने अपने पत्र में लिखा कि वकीलों द्वारा की गई हिंसा की वजह से आज हम लोगों के बीच सहानुभूति खोते जा रहे हैं.

बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने अपने पत्र में कहा कि ऐसे उपद्रवी तत्व संस्थान की छवि को धूमिल कर रहे हैं और यह इन अधिवक्ताओं को प्रोत्साहित करने वाले बार निकायों की निष्क्रियता और सहिष्णुता है, जिसके परिणामस्वरूप अंततः उच्च न्यायालयों या सुप्रीम कोर्ट द्वारा “अवमानना कार्यवाही” की जाएगी. पत्र में कहा गया है कि साकेत कोर्ट के वकील द्वारा पुलिस कर्मी की पिटाई, ऑटो चालक के साथ धक्कामुक्की और आम नागरिकों की पिटाई जैसी घटनाएं बेहद शर्मनाक है. बार काउंसिल ऑफ इंडिया इसे कभी बर्दाश्त नहीं करेगा. 

 दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हुए झड़प को लेकर दिल्ली पुलिस के जवानों ने मंगलवार को पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. पुलिसकर्मियों ने अपने ऊपर हुए हमले को लेकर न्याय देने की मांग की. दिल्ली पुलिस के जवानों में इस घटना को लेकर कितना गुस्सा हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने आला अधिकारियों के अनुरोध के बाद भी ड्यूटी पर लौटने से इनकार कर दिया. राजधानी में दिल्ली पुलिस के जवानों के धरने के बीच दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल  ने दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की. इस पूरे मामले को लेकर गृहमंत्रालय ने भी एक रिपोर्ट मांगी है. 

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने शनिवार को तीस हजारी अदालत परिसर में झड़प के दौरान कथित पुलिस कार्रवाई की निंदा की, जिसमें लगभग 10 पुलिस कर्मी और कई वकील घायल हो गए थे. बीसीआई ने इस पुलिस कार्रवाई को क्रूर करार दिया और पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी. बार एसोसिएशनों ने सोमवार को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया था कि शनिवार को दोपहर में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प हो गयी. इस झड़प के दौरान 17 वाहनों में तोड़फोड़ की गई. इस बीच दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल ने शनिवार को वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ इस मामले को लेकर पांच घंटे तक बैठक की. 

पूरी घटना का दो सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. पहले फुटेज में दिख रहा है कि किस तरह से वकीलों का झुंड तीस हजारी कोर्ट के लॉकअप के अंदर घुस रहा था और पुलिसकर्मियों को बेरहमी से पीट रहा है. फुटेज में दिख रहा है कि एक पुलिसकर्मी को वकीलों ने बेल्ट से इतनी बुरी तरह पीटा कि वह बेहोश होकर गिर पड़ा. वहीं, दूसरे फुटेज में दिख रहा है कि पहले लॉकअप के बाहर पुलिसवालों और वकीलों में मारपीट होती है. फिर पुलिसवाले इकठ्ठा होकर एक वकील को मारते हुए अंदर ले आते हैं.

तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुए झगड़े के शुरुआत की सीसीटीवी फ़ुटेज सामने आई है. नए वीडियो में झगड़े की शुरुआत की पूरी कहानी है. एक वकील पुलिस वैन के बगल में अपनी कार लगा देता है. बाद में एक पुलिसकर्मी उसके पास जाता है और वहां से कार हटाने को कहता है. दोनों के बीच पहले बहस होती है और फिर हाथापाई… इसके बाद पुलिसवाला वकील को लॉकअप में डाल देता है. हालांकि वहां उससे किसी तरह की मारपीट नहीं होती है. कुछ देर बाद वकील को लॉकअप से छोड़ दिया जाता है और वो वहां से चला जाता है. कुछ देर बाद वकील अपने साथी वकीलों के साथ पुलिस के पास पहुंचता है और मारपीट की शुरुआत होती है. शनिवार को तीस हज़ारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस की झड़प का विवाद थमता नज़र नहीं आ रहा है. मंगलवार को दिल्ली पुलिस वर्दी में सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रही है. सोमवार को वकीलों ने कामकाज बंद रखा था और इस दौरान उनकी गुंडागर्दी भी सामने आई थी. दिल्ली की अलग-अलग अदालत परिसरों में पुलिस और मीडिया के अलावा आम लोगों के साथ मारपीट की गई थी. इधर बार काउंसिल ने वकीलों से जल्द से जल्द काम पर लौटने की अपील की है.

आईटीओ स्थित दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों ने ‘हमें न्याय चाहिए’ के नारे लगाए और कहा कि हमें असुरक्षा का एहसास हो रहा है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने कहा, ”आप सभी शांति बनाए रखें. सरकार और जनता को हमसे उम्मीदें हैं. हमारे लिए परीक्षा, अपेक्षा और प्रतीक्षा की घड़ी है. आप सभी ड्यूटी पर वापस जाए. इस मसले पर न्यायिक जांच चल रही है. हमें अनुशासन बनाए रखना है. पहले से हालात बेहतर हो रहे हैं.”

 बिहार और तमिलनाडु के पुलिस एसोसिएशन्स ने दिल्ली पुलिस के आन्दोलन का समर्थन किया है। बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कहा है कि ‘दिल्ली पुलिस के पीटे गए हर जवान के साथ हम खड़े हैं। इस पूरे कांड की जाँच होनी चाहिए।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *