दिल्ली की बवाना विधासनभा सीट ; आम आदमी पार्टी की बड़ी जीत

गोवा की पणजी सीट से सीएम मनोहर पर्रिकर विधान सभा उप-चुनाव जीते गए हैं। दिल्ली की बवाना विधासनभा सीट पर 23 अगस्त को हुए उपचुनाव के लिए परिणाम की घोषणा हो गई है. आम आदमी पार्टी ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की है.

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शुरुआती बढ़त बना लेने के बावजूद कांग्रेस को इस बार भी निराशा हाथ लगी पार्टी उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार तीसरे नंबर पर रहे. इससे पहले वोटों की गिनती शुरू होने के साथ ही बवाना में दिलचस्प मुकाबले देखने को मिला यहां वोटों की गिनती शुरू होते ही कांग्रेस ने बढ़त बना ली थी और सात राउंड तक पार्टी के उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार आगे बने रहे. लेकिन आठवे राउंड कि गिनती शुरू होते ही उल्टफेर देखने को मिला जब आप उम्मीदवार राम चंदर 339 वोटों के अंतर से बढ़त बना ली. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 65 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास चार हैं. कांग्रेस बवाना सीट जीतकर सदन में अपना खाता खोलने की आस लगाई हुई थी लेकिन ऐसा हो न सका. इस साल पहले हुए राजौरी गार्डन उपचुनाव में भाजपा ने आप से यह सीट हथिया ली थी. तब कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी. बवाना में 23 अगस्त को हुई वोटिंग में महज 45 फीसदी वोट पड़े थे.
दिल्ली में बवाना सीट पर 2 साल बाद आम आदमी पार्टी को फिर से जीत मिली। आप कैंडिडेट रामचंद्र ने बीजेपी के वेदप्रकाश को 24 हजार वोट से हराया। 28 राउंड की गिनती के बाद AAP को 24052 वोट से जीत मिली। आप के कैंडिडेट रामचंद्र को 59,886 वोट मिले। वहीं, बीजेपी के वेद प्रकाश 35,834 वोट के साथ दूसरे और कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र कुमार 31,919 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे। वहीं, 1413 लोगों ने नोटा को चुना।

आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल एकबार फिर खुद को साबित कर दिया है. दिल्ली की बवाना सीट के लिए हुए विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ी जीत हासिल हुई है. आप ने 24 हजार वोटों के अंतर से ये चुनाव जीता है. वहीं बीजेपी दूसरे नंबर पर तो कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही. शुरुआती चरण में कांग्रेस ने पहले नंबर पर बढ़त बनाए रखी तो बीजेपी दूसरे और आप तीसरे नंबर पर रही. लेकिन कुछ चरणों के बाद आप ने जबरदस्त वापसी की और नंबर वन पर बनी रही. इसके बाद बीजेपी की स्थिति में भी बेहतरी दिखी और वह दूसरे नंबर पर आ गई. इनसब के बीच शुरुआती चरणों में कांग्रेस के लिए उम्मीद की एक किरण जगी थी लेकिन चंद चरणों के बाद कांग्रेस पिछड़ी और फिर वापसी नहीं कर पाई. आखिरकार नतीजे आने पर आम आदमी पार्टी पहले नंबर पर , बीजेपी दूसरे नंबर पर और कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी बनकर पिछड़ गई. ये सीट आम पार्टी के विधायक रहे वेदप्रकाश के बीजेपी में चले जाने के बाद खाली हुई . बीजेपी की ओर से वेदप्रकाश ही उम्मीदवार हैं.

दिल्ली में मतदाताओं की दृष्टि से सबसे बड़े इस विधानसभा क्षेत्र में 23 अगस्त को मतदान हुआ था. वैसे वोट प्रतिशत 45 फीसदी ही रहा था जबकि 2015 के पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 61.83 फीसदी मतदान हुआ था. दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के पास 65 सीटें हैं, जबकि भाजपा के पास चार हैं. कांग्रेस बवाना सीट जीतकर सदन में अपना खाता खोलने की आस लगाई हुई है. इस साल पहले हुए राजौरी गार्डन उपचुनाव में भाजपा ने आप से यह सीट हथिया ली थी. तब कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी.

दिल्ली की बवाना सीट, गोवा की पणजी व वालपोई और आंध्र प्रदेश की नंदयाल विधानसभा उपचुनाव के नतीजों पर सबकी नजर है. गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कांग्रेस के अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर पणजी विधानसभा उपचुनाव जीत लिया है. साथ ही गोवा की वालपोई सीट से बीजेपी के ही विश्वजीत राणे ने जीत दर्ज कर ली है. वहीं अरविंद केजरीवाल के लिएभी आज खुशी का दिन है. बवाना सीट से आप उम्मीदवार विजयी हुए हैं. बवाना उपचुनाव के लिए भाजपा ने वेद प्रकाश को चुनाव मैदान में उतारा, जो आप उम्मीदवार के तौर पर 2015 का विधानसभा चुनाव इस सीट से जीते थे, लेकिन उन्होंने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और वह भाजपा में शामिल हो गए. आप के उम्मीदवार रामचंद्र हैं और कांग्रेस ने बवाना से तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार पर दांव लगाया है.
नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली की इस सीट पर पिछले चुनाव में 62% के मुकाबले सिर्फ 45% वोट पड़े। यहां करीब 3 लाख वोटर हैं। बीजेपी ने आप के टिकट पर 2015 में जीत दर्ज करने वाले वेद प्रकाश को कैंडिडेट बनाया। उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और मार्च में बीजेपी में शामिल हो गए थे। कांग्रेस ने तीन बार विधायक रहे सुरेंद्र कुमार को टिकट दिया है। आप ने रामचंद्र को चुनाव मैदान में उतारा है। 2015 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने वाली आप के लिए बवाना में चुनाव अहम है। आप को गोवा और पंजाब के असेंबली, एमसीडी और राजौरी गार्डन असेंबली सीट पर हार मिली। इसके बाद सीएम केजरीवाल और पार्टी नेताओं ने तय किया था कि अब फोकस दिल्ली पर होगा।

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