आयुर्वेद में इसको तनाव कम करने वाली औषधि माना- चमत्कारी हर्ब ;एक्‍सक्‍लूूूूसिव

अश्‍वगंधा (Benefits Of Ashwagandha In Hindi) का नाम आपने कई बार सुना होगा, लेकिन इसके फ़ायदों के बारे में शायद नहीं जानते होंगे आप. आयुर्वेद में अश्‍वगंधा को विशेष स्थान प्राप्त है. यह केवल एक पौधा ही नहीं, बल्कि कई बीमारियों को जड़ से ख़त्म करने की औषधि भी है. इसकी जड़ों और पत्तियों से दवा बनाई जाती है.

मनुष्य के शरीर की बहुत सारी परेशानियों को दूर करने के लिए अश्वगंधा एक चमत्कारी औषधि के रुप में काम करती है। यह शरीर को बीमारियों से बचाने के अलावा दिमाग और मन को भी स्वस्थ रखती है। पुरुषत्व बढ़ाने में भी एक चुटकी अश्वगंधा का काफी महत्व है।  कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में बहुत असरकारी है अश्वगंधा का इस्तेमाल. कई रिसर्च में यह बताया गया है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है और कैंसर के नए सेल्स नहीं बनने देता. यह शरीर में रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज का निर्माण करता है. जो कैंसर सेल्स को खत्म करने और कीमोथेरपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी बचाने का काम करता है. अश्वगंधा में मौजूद ऑक्सीडेंट आपके इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाने का काम करता है. जो आपको सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से लडने की शक्ति प्रदान करता है. अश्वगंधा वाइट ब्लड सेल्स और रेड ब्लड सेल्स दोनों को बढ़ाने का काम करता है. जो कई गंभीर शारीरिक समस्याओं में लाभदायक है. श्वगंधा मानसिक तनाव जैसी गंभीर समस्या को ठीक करने में लाभदायक है. एक रिर्पोट के अनुसार तनाव को 70 फिसदी तक अश्वगंधा के इस्तेमाल से कम किया जा सकता है. दरअसल आपके शरीर और मानसिक संतुलन को ठीक रखने में असरकारी है. इससे अच्छी नींद आती है.अश्वगंधा कई सम्स्याओं से छुटकारा दिलाने का काम कर सकता है.  अश्वगंधा का इस्तेमाल आपकी आंखो की रोशनी को बढ़ाने का काम करता है. रोज दूध  के साथ लेंने से आंखो के अलावा स्ट्रेस से भी बचा जा सकता है.

आयुर्वेद में अश्वगंधा को तनाव कम करने वाली ओषधि माना गया है जिसके प्रयोग से तनाव कम होता है और कामेक्षा बढ़ती है। अश्वगंधा निचले अंगो की माशपेशिओ  की शक्ति में सुधार लाने और कमजोरी दूर करने में लाभकारी है। यह मस्तिष्क व् मासपेशिओ में संतुलन में भी विशेष प्रभावकारी है।  अध्यन से पता चलता है की जो पुरुष अश्वगंधा का प्रयोग करता है उसके शरीर की सरंचना व् ताकत बढ़ती है और जोर भी बढ़  जाता है।

अश्‍वगंधा एक चमत्कारी हर्ब है. इसे आयुर्वेद में अहम् स्थान प्राप्त है. – तनाव, चिंता, थकावट, नींद की कमी जैसी समस्यों का कारगर इलाज अश्‍वगंधा से किया जा सकता है. यह स्ट्रेस हार्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कम करता है, जिससे स्ट्रेस कम होता है. – गंभीर डिप्रेशन से पीड़ित का इलाज भी अश्‍वगंधा से संभव है. – एंटीइंफ्लामेट्री गुणों की वजह से ये कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड लेवल को कम करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है. – कैंसर के मरीज़ों के लिए लाभकारी है. एक रिसर्च के मुताबिक़ अश्‍वगंधा कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा नई कैंसर सेल्स को बनने से भी रोकता है. – सूजन और दर्द को कम करने लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. – इसकी जड़ों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है. – ये इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है.
– त्वचा के रोगों को दूर करने में मदद करता है. ये न स़िर्फ झुर्रियों को कम करता है, बल्कि चर्म रोग को भी ठीक करता है. – अनिद्रा की शिकायत को दूर करता है. – डायबिटीज़ कंट्रोल. ब्लड शुगर को कम करता है और इंसुलिन सेंसिटिविटी को मसल्स सेल्स में इंप्रूव करता है. – पुरुषों में मसल्स मास को बढ़ाकर, बॉडी फैट्स कम करता है और स्ट्रेंथ देता है. – यह सूजन और जलन से राहत दिलाता है. – ज्वाइंट पेन और कमरदर्द के लिए फ़ायदेमंद होता है. – अल्ज़ाइमर का इलाज करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. – एंटीबैक्टेरियल गुणों के कारण अश्‍वगंधा कई बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है.  डॉक्टर के बताए अनुसार ही डोज़ लें. इसके ज़्यादा सेवन से डायरिया, उल्टी या पेट ख़राब हो सकता है.

पुरुष यौन शक्ति स्थायी नहीं है अक्सर उम्र बढ़ने, खान पान संबंधी आदतों, ख़राब जीवन शैली, तनाव के कारण उत्साह और पुरुषार्थ में लगातार कमी आती है जिसके कारण ईरेक्शन, लैंगिक ऊर्जा और मेहनत पर प्रत्यक्ष और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अभिव्यक्तियों का एक हिस्सा जो आपको अपने जीवन में महिला को संतुष्ट करने से रोक सकता है:

आयुर्वेद में अश्वगंधा को तनाव कम करने वाली ओषधि माना गया है जिसके प्रयोग से तनाव कम होता है और कामेक्षा बढ़ती है। अश्वगंधा निचले अंगो की माशपेशिओ  की शक्ति में सुधार लाने और कमजोरी दूर करने में लाभकारी है। यह मस्तिष्क व् मासपेशिओ में संतुलन में भी विशेष प्रभावकारी है।  अध्यन से पता चलता है की जो पुरुष अश्वगंधा का प्रयोग करता है उसके शरीर की सरंचना व् ताकत बढ़ती है और जोर भी बढ़  जाता है।

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शिलाजीत हिमालय की पहाड़ियों और चट्टानों पर पाया जाने वाला एक चिपचिपा और लसलसा पदार्थ है जो काले या भूरे रंग का होता है। शिलाजीत का उपयोग काफी लम्बे समय से हर तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद में शिलाजीत के गुणों का काफी  महत्व है। इसमें कई तरह के खनिज पाये जाते हैं जिससे इसे कई रोगो  के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है। शिलाजीत का सेवन पुरुषों में यौन शक्ति बढ़ाता है और बढ़ती उम्र को रोकता है। कहा जाता है कि शिलाजीत की खुराक से लिंग की मासपेशिया सुदृढ़ हो जाती है और योन संतुष्टि में सहायक होती है।

सफ़ेद मूसली  यह इतनी पौष्टिक तथा बलवर्धक होती है की इसे शिलाजीत की संज्ञा भी दी जाती है। चीन, उत्तरी अमेरिका में पाये जाने वाले इस पौधे, जिसका वानस्पतिक नाम पेनेक्स जिंन्सेग है! सफेद मुसली पुरुषों को शारीरिक तौर पर पुष्ट बनाने के अलावा वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने में भी मदद करती है। यही नहीं, कई शोध अपने परिणाम बताते हैं कि डायबिटीस के बाद होने वाली नपुंसकता में भी सफेद मुसली सकारात्मक असर करती पाई गई है।मूलतः यह एक ऐसी जडी-बूटी है जिससे किसी भी प्रकार की शारीरिक शिथिलता को दूर करने की क्षमता होती है। यही कारण है की कोई भी आयुर्वेदिक सत्व जैसे च्यवनप्राश आदि इसके बिना संम्पूर्ण नहीं माने जाते हैं।

कौंच बीज  एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे कपिकच्छु भी कहा जाता है, जो पुरुष बांझपन और तंत्रिका विकारों के इलाज के लिए उपयोग की जाती है। इसका उपयोग कामोद्दीपक औषधी  के रूप में भी किया जाता है। शुक्राणुता से लेकर पार्किंसंस रोग तक के इलाज के लिए कौंच का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सा प्रणाली में किया जाता है।  कौंच बीज पुरुषों की यौन शक्ति को बढ़ाने में फायदेमंद होती है। इसके  इस्तेमाल से शरीर में उम्र के साथ टेस्टा स्ट्रोन की हुई कमी की भी भरपाई होती है जिसके फलस्वरूप आप लम्बे समय तक बिस्तर में टिके रहते है और अपने साथी को भी पूर्ण संतुष्टि का एहसास कराते है।

स्खलन का अर्थ है लिंग के माध्यम से शरीर से वीर्य का स्राव होना। शीघ्र स्खलन या शीघ्रपतन (प्रिमेच्यूर ईजॅक्युलेशन या पीई) वह स्थिति है जिसमें किसी पुरुष का सेक्स के दौरान उसके साथी की तुलना में शीघ्र ही स्खलन हो जाता हैI कभी-कभी शीघ्र स्खलन को तेजी से स्खलन, समय से पहले चरमोत्कर्ष या जल्दी स्खलन के रूप में भी जाना जाता है।

लेकिन अगर यह सेक्स को कम आनंददायक बनाता है और आपके साथी के साथ रिश्तों पर प्रभाव डालता है तो यह निराशाजनक हो सकता है। ऐसा अक्सर होता है और समस्याएं बढ़ती जाती हैं क्योंकि आपके साथी की सेक्स संतुष्टि एक स्वस्थ और खुशनुमा जीवन के लिए आवश्यक हैं।

30% से अधिक पुरुष कभी न कभी समय से पहले स्खलन से पीड़ित हुए है। यह व्यक्ति के आत्मसम्मान को प्रभावित करता है और पार्टनर को असंतुष्ट छोड़ देता है। इस समस्या को अक्सर मनोवैज्ञानिक माना जाता है, लेकिन कुछ बायोलॉजिकल कारक भी हो सकते है।

स्खलन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जब पुरुष यौन उत्तेजित होते हैं, तो संकेत आपके रीढ़ की हड्डी और मस्तिष्क में भेजे जाते हैं। जब पुरुष उत्तेजना के एक निश्चित स्तर तक पहुँचते हैं, तब संकेत आपके दिमाग से आपके प्रजनन अंगों को भेजे जाते हैं। इससे लिंग (स्खलन) के माध्यम से वीर्य स्राव किया जा सकता है।

स्खलन रोकने काआयुर्वेदिक इलाज

हरी प्याज पुरुषों में होने वाली समय पूर्व स्‍खलन की समस्‍या को दूर करने का यह सबसे अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। हरी प्याज के बीज में कामोद्दीपक गुण होते हैं जे आपकी यौन समस्‍याओं को दूर करने में मदद करते हैं। आप इस समस्‍या से बचने के लिए हरी प्‍याज के बीजों को पीस कर पानी में अच्‍छी तरह से मिलाएं। इस मिश्रण को आप दिन में 3 बार भोजन के पहले पीएं। आप इस समस्‍या का उपचार करने के लिए सफेद प्‍याज का भी सेवन किया जा सकता है। यह आपके यौन नियंत्रण और यौन क्षमता दोनों को बढ़ाने में मदद करता है।

लहसुन आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि लहसुन यौन स्‍वास्‍थ्‍य को बढ़ावा देने वाली प्राकृतिक दवा है। लहसुन का नियमित सेवन करने यह लिंग में रक्‍त प्रवाह को बढ़ाती है साथ ही यह आपके शरीर को गर्म रखने में भी मदद करती है। लहसुन का नियमित सेवन कर पुरुषों में शीघ्र स्‍खलन की समस्‍या का इलाज किया जा सकता है। पुरुषों को लहसुन के साथ गाय के दूध का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए घी में लहसुन को धीमी आंच में सेकना चाहिए जब तक की यह सुनहरे रंग का न हो जाए। नियमित रूप से प्रतिदिन तीन से चार लहसुन की कलीयों का सेवन किया जा सकता हैं। यह स्तंभन दोष और समय पूर्व स्‍खलन की समस्‍या को दूर करने में मदद करता है।

अदरक और शहद यौन समस्‍याओं को दूर करने के लिए आप अपने द्वारा दैनिक जीवन में उपयोग करने वाले बहुत से खाद्य पदार्थों का उपयोग कर सकते हैं। अदरक और शहद भी इन्‍ही उत्‍पादों में से एक है। अदरक आपके शरीर में रक्‍त प्रवाह को बढ़ाने में मदद करता है जिससे यह लिंग में पर्याप्‍त ऊर्जा और पोषक तत्‍वों को पहुंचाने में मदद करता है। जिससे यह समय से पहले होने वाले स्‍खलन को नियंत्रित करता है। शहद का उपभोग कामोद्दीपक के रूप में किया जाता है। आप सोने से पहले अदरक और शहद का सेवन कर सकते हैं। लेकिन अदरक और शहद का नियमित सेवन करने पर अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त करने में कुछ समय लग सकता है। लेकिन यह आपके लिए निश्चित ही फायदेमंद होता है।

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