सनसनीखेज खुलासा – केंद्रीय मंत्री केे बयान से मामला उलझा

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांच संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों द्वारा PM मोदी की हत्या की साजिश रचे जाने का सनसनीखेज खुलासा हुआ. नक्सलियों के संपर्क में रहने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए रोना जैकब विल्सन के पास से मिली चिट्ठी से इस साजिश का खुलासा हुआ. पीएम मोदी के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी फैमली के सदस्यों को माओवादी संगठन नें पत्र के जरिए जान से मारने की धमकी दी है। इसके बाद महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस का बयान आया है।  पुणे पुलिस का कहना है कि उन्होंने जैकब विल्सन के कंप्यूटर से यह चिट्ठी बरामद की है और शक है कि जैकब विल्सन को यह चिट्ठी आनंद तेलतुंबडे ने लिखी थी. इस चिट्ठी में हथियार और गोलियां खरीदने के लिए 8 करोड़ रुपयों के लेन-देने का भी जिक्र है. 

महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार कर अदालत को बताया है कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों के संबंध माओवादियों से हैं। श्री अठावले ने कहा है कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग दलित हितों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता है और उन्हें नक्सली बताकर फंसाया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता शक्तिसिंह गोहिल ने इस संबंध में पत्रकारों के सवालों पर कहा कि श्री मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट करना चाहिए कि जांच सही है या श्री अठावले सही है।

केंद्रीय मंत्री यदि गलत बाेल रहे हैं तो प्रधानमंत्री को उन्हें तत्काल मंत्रिमंडल से हटा देना चाहिए और पुलिस अगर सही है तो उसे अपनी जांच का आधार बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री अठावले के बयान से साफ हो गया है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार इस मामले में जांच की थ्योरी को खारिज कर रही है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए इस मामले में कंद्रीय मंत्री सही हैं या जांच सही है।

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए शुक्रवार को कहा कि कुछ लोगों की गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयान से भाजपा का ‘दोमुंहापन’ फिर से बेनकाब हो गया है. पार्टी ने यह भी कहा कि आतंकवाद और नक्सलवाद को किसी भी सूरत स्वीकार नहीं किया जा सकता. यह बात कांग्रेस से बेहतर कोई नहीं समझ सकता क्योंकि उसने अपने कई शीर्ष नेताओं को खोया है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘भाजपा का दोहरा रवैया और दोमुंहापन फिर से बेनकाब हुआ. केंद्रीय मंत्री अठावले कहते हैं कि दलित कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी ‘अन्याय’ है और एलगार परिषद का हिंसा से कोई संबंध नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार गिरफ्तार लोगों को ‘माओवादी सदस्य’ बता रही है. प्रश्न यह है कि झूठ कौन बोल रहा है? सुरजेवाला ने कहा, ‘रामदास अठावले ने प्रधानमंत्री मोदी के गुरूजी संभाजी भिडे की गिरफ्तारी की मांग की है. प्रधानमंत्री 2014 में संभाजी के पास गए थे और सांगली की एक जनसभा में उनकी तारीफ की थी. क्या यही कारण है कि महाराष्ट्र सरकार संभाजी और मिलिंद एकबोटे के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है?’

 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यदि कार्यकर्ता माओवादी हैं, तो क्या मोदी जी रामदास अठावले के खिलाफ कार्रवाई करेंगे जो सरकार में बहुत छोटे हैं? लेकिन अगर रामदास अठावले सही हैं, तो देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र सरकार स्पष्ट करेगी कि क्या वे दलित कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय कर रहे हैं? महाराष्ट्र पुलिस ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में बीते बुधवार को गिरफ्तार गए लोगों से जब्त दस्तावेजों के आधार पर नक्सलियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचे जाने का दावा किया था। पुणे पुलिस के मुताबिक एक ईमेल में नक्सलियों ने कहा था, ‘साथियों मोदी राज खत्म करने के लिए ठोस उपायों के बारे में सुझाव दें। हम लोग राजीव गांधी जैसी घटना पर विचार कर रहे हैं। एक अच्छा मौका है। हम असफल हो सकते हैं लेकिन पार्टी को इस पर विचार करना चाहिए। उनके रोड शो को निशाना बनाना कारगर हो सकता है।’

 

उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद, नक्सलवाद और चरपमपंथ अस्वीकार्य है. कांग्रेस से बेहतर यह कोई नहीं जानता, जिसने महात्मा गांधी, इंदिरा जी, राजीव जी, बेअंत सिंह, (विद्याचरण) शुक्ला जी और नंद कुमार पटेल तथा कई दूसरे नेताओं को खोया है.’’ सुरजेवाला ने कहा कि समय की मांग है कि भीमा-कोरेगांव के मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.
इससे पहले कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि भीमा कोरेगांव के मामले में केन्द्रीय मंत्री अठावले के दावे और जांच में सामने आये तथ्य में काफी अंतर है. सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि सच्चाई क्या है? बता दें पुणे पुलिस ने गत एक जनवरी की घटना के सिलसिले में मुम्बई, नागपुर और दिल्ली से पांच व्यक्तियों को माओवादियों से कथित रूप से नजदीकी संबंध को लेकर गिरफ्तार किया था.

 

सीएम देवेंद्र फडणवीस ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि पत्र में कई तथ्य सामने आए। पुलिस ने इसे जब्त कर लिया और इसे अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अधिक लिंक खोजने के लिए जांच चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले पर अभी अधिक बोलना सही नहीं होगा। लेकिन, इतना कहा जा रहा है कि सेना द्वारा नक्सलियों की कार्रवाई से कई ग्रुप लोकल एरिया में लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

मुंबई : केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने की माओवादियों की कथित योजना की आलोचना की, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि एलगार परिषद और उसके बाद पुणे के निकट भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा का नक्सलवाद से कोई संबंध नहीं है। जाने-माने दलित नेता अठावले ने यहां एक बयान में कहा कि दलितों के आदर्श बी आर आंबेडकर के अनुयायी कभी नक्सली नहीं हो सकते। पुणे में आयोजित एलगार परिषद के आयोजकों में कई दलित कार्यकर्ता भी थे। अठावले ने पुणे पुलिस के उन दावों का हवाला देते हुए कहा, ”इस तरह की साजिश करने वाले राष्ट्र-विरोधी तत्वों की हम निंदा करते हैं।” पुणे पुलिस ने दावा किया है कि माओवादी ”राजीव गांधी (हत्या कांड) जैसी घटना” को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। मई 1991 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी गयी थी। अठावले ने कहा कि संविधान में जिस भारत की कल्पना की गई है, मोदी उसके निर्माण के लिये ”सबका साथ सबका विकास” की नीति का अनुसरण कर रहे हैं और उन पर यह आरोप लगाना ”गलत” है कि वह किसी खास धर्म को मजबूत करने के लिये काम कर रहे हैं। पुलिस ने कल दावा किया कि दिसंबर में यहां आयोजित ‘एलगार परिषद’ और इसके बाद जिले में भीमा-कोरेगांव हिंसा के संबंध में रोना विलसन के घर से एक पत्र मिला है। रोना विलसन इस संबंध में गिरफ्तार पांच लोगों में से एक है। मंत्री ने कहा, ”आंबेडकरवादी कभी नक्सली नहीं हो सकते और नक्सली कभी आंबेडकरवादी नहीं हो सकते। अगर गिरफ्तार लोगों में कोई सच्चा आंबेडरकरवादी है तो मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात करूंगा।”

 बता दें पुलिस ने यह जानकारी दी कि माओवादियों के साथ कथित ‘संबंधों ’ के लिए गिरफ्तार किए गए एक व्यक्ति के घर से मिले एक पत्र में कहा गया है कि माओवादी ‘राजीव गांधी हत्याकांड जैसी घटना’ (को अंजाम देने) पर विचार कर रहे हैं और इसमें सुझाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘रोड शो ’ के दौरान निशाना बनाया जाए. पुलिस के अनुसार यह पत्र ‘ आर ’ नाम के किसी व्यक्ति ने किसी कॉमरेड प्रकाश को पत्र भेजा है. इसमें एम -4 रायफल खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की और साथ ही घटना को अंजाम देने के लिए चार लाख राउंड गोला बारूद की जरूरत की बात की गई है.
पुलिस ने बताया कि पत्र रोना विल्सन के घर से बरामद किया गया जिन्हें हाल में मुंबई , नागपुर एवं दिल्ली से पांच दूसरे लोगों सहित गिरफ्तार किया गया था. इन लोगों को दिसंबर में यहां आयोजित किए गए ‘ एलगार परिषद ’ और उसके बाद जिले के भीमा – कोरेगांव में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया. पांचों को गुरुवार को सत्र अदालत में पेश किया गया था जिसने उन्हें 14 जून तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की माओवादियो द्वारा हत्या की साजिश सबूत पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया/मार्क्सवादी (सीपीआई/एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सफाई दी है। सीताराम येचुरी ने कहा की जांच एजेंसियों की इसकी जांच करवानी चाहिए। सुरक्षा एजेंसियां सभी नेताओं की सुरक्षा करते हैं। वहीं, खबर फर्जी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें कैसे पता, कोर्ट-कचहरी के फैसले के बाद सच निकलकर आएगा।  

इसके अलावा कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने पीएम मोदी की जब भी लोकप्रियता कम होने लगती है तो इस तरह की कहानियां गढ़ते हैं। इस मामले की जांच होनी चाहिए इसमें कितनी सच्चाई है। 

 

बरामद हुई पूरी चिट्ठी-:

प्रिय कॉमरेड,

लाल सलाम!

आपका आखिरी खत 20 मार्च को मिला. मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए यहां अरुण, वेर्नोन और अन्य लोग शहर में धीरे-धीरे अपनी जगह बना रहे दो-तरफा संघर्ष को लेकर चिंतित हैं. खासकर बिजॉय दा के दुर्भाग्यपूर्ण देहांत के बाद. वह पार्टी और लाल क्रांति के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित थे और दूरदृष्टि वाले मजबूत नेता थे. आज के चुनौतीपूर्ण दौर में उनके नेतृत्व की बेहद जरूरत थी.

पार्टी में तब तक चीजें काफी बेहतर थीं, जब तक प्रशांत का अहंवादी एजेंडा पार्टी हितों और राजनीतिक बंदियों के मुद्दे पर हावी नहीं हुआ था. राजनीतिक बंदी कॉमरेड साईबाबा ने 2013 में ही आपके सामने यह मुद्दा उठाया था, जब प्रशांत ने साईबाबा के खिलाफ बगावत कर दी थी. हमारा मानना है कि गढ़चिरौली कोर्ट के फैसले ने एक तरह से पार्टी को प्रशांत द्वारा होने वाले नुकसान से ही बचाया. इन सबके बावजूद साईबाबा के बचाव के लिए हम अथक मेहनत कर रहे हैं. जेल में बंद कॉमरेड साथी की मदद के लिए हर संभव कानूनी सलाह ली जा रही है. 

एचबी को हमारे पक्ष में जनमत बनाने के लिए कार्यक्रमों और विरोध-प्रदर्शनों के आयोजन की सारी जिम्मेदारी सौंपी गई है. 20 अप्रैल को हम ‘जीएन साईबाबा के बचाव एवं रिहाई के लिए कमिटी’ के बैनर तले एक और कार्यक्रम का आयोजन करेंगे. अपने सभी राजनीतिक बंदी साथियों की राहत के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ने वाले. कॉमरेड अशोक बी, अमित बी, सीमा और सुधीर ने सीआरपीपी ईसी की लगातार और ज्यादा बैठकें किए जाने पर जोर दिया है. इससे महाराष्ट्र, दिल्ली, झारखंड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में पेंडिंग चल रहे ढेरों केसेज के संबंध में बेहतर समन्वय स्थापित होगा.

दूसरी ओर कॉमरेड सिराज ने पार्टी के लिए हरसंभव मदद करने की इच्छा जाहिर की है. वह पिछले कई वर्षों से पार्टी के साहित्य, प्रस्तावों और पार्टी संविधान का अध्ययन कर रहे हैं. तमाम चुनौतियों के बावजूद वह दूसरे एपीटी क्रॉस ओवर के लिए तैयार हैं. इस बार में कॉमरेड सिराज के साथ एक अन्य कॉमरेड को भी भेजना चाहूंगा. इस चिट्ठी के साथ भेजे गए मेमोरी चिप में उसका सीवी मौजूद है. पिछले साल विष्णु ने कॉमरेड बसंत से मुलाकात कर यह डील पक्की की थी. उस समय कॉमरेड किसन मुलाकात नहीं कर सके थे. उम्मीद है आपको इस मीटिंग की डीटेल्स मिल गई होंगी और एम4 बंदूकें और 4 लाख गोलियां खरीदने के लिए 8 करोड़ रुपयों की जरूरत के बारे में भी पता लग गया होगा.

हिंदू फासीवाद को हराना हमारा कोर एजेंडा है और पार्टी का मुख्य ध्येय है. सीक्रेट सेल और संस्थान से खुले तौर पर जुड़े कई लीडर्स ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है. हम समान विचारधारा वाले संगठनों, राजनीतिक दलों और देशभर में अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों के साथ अपने संबंध मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं. मोदी के नेतृत्व वाली हिंदू फासीवादी सरकार मूलवासी आदिवासियों की जिंदगी में भी घुसपैठ कर चुकी है. बिहार और पश्चिम बंगाल में हार के बावजूद मोदी ने 15 राज्यों में सफलतापूर्वक बीजेपी की सरकार बना ली है. अगर बीजेपी की आगे बढ़ने की यही गति बनी रही तो हमारी पार्टी को हर मोर्चे पर तगड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है. विरोध की आवाजों को पहले से भी अधिक बलपूर्वक दबाया जा रहा है और मिशन 2016 का और बर्बर रूप सामने आया है.

कॉमरेड किसन सहित कई कॉमरेड साथियों ने मोदी-राज के खात्मे के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जाने का प्रस्ताव रखा है. हम राजीव गांधी हत्याकांड की तर्ज पर ही एक और हत्याकांड के बारे में विचार कर रहे हैं. यह खुदकुशी करने जैसा है और इसके भी काफी आसार हैं कि हम इसमें असफल हो जाएं, लेकिन हमें ऐसा लगता है कि पार्टी पीबी/सीसी को हमारे सुझाव पर विचार विमर्श करना चाहिए. उसके (मोदी) रोड शोज को निशाना बनाना अच्छी रणनीति साबित हो सकता है. हम सभी का मानना है कि पार्टी का अस्तित्व हर कुर्बानी से ऊपर है. शेष अगली चिट्ठी में.

शुभकामनाएं

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *