मुख्‍यमंत्री का इस्‍तीफा ले लिया गया ; बडा दावा

जिन राज्‍याेे में बीजेपी ने मुख्‍यमंत्री थाेपे, वहां त्राहिमाम की स्‍थिति — की खबर प्रकाशित होते ही – संयोग घटित हुआ- और बीजेपी हाईकमान की वक्रद़ष्‍िट बीजेपी शासित राज्‍यो पर घूमी और हार्दिक पटेल का बडा दावा सामने आया-

हार्दिक पटेल का दावा- रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया, 10 दिन में कोई पाटीदार बनेगा गुजरात का मुख्यमंत्री

हार्दिक पटेल का दावा- रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया, 10 दिन में कोई पाटीदार बनेगा गुजरात का मुख्यमंत्री

हार्दिक ने प्रदीप सिंह और भीकू भाई को मुख्यमंत्री का दावेदार बताया

– उन्होंने बताया कि रूपाणी का इस्तीफा जल्द ही भाजपा आलाकमान मंजूर कर लेगा

 अहमदाबाद.पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने गुरुवार को राजकोट में दावा किया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया है और अगले 10 दिन में कोई पाटीदार या क्षत्रिय ही राज्य के मुख्यमंत्री का पद संभालेगा। वहीं, साबरकांठा जिले में एक कार्यक्रम में भाग लेने गए मुख्यमंत्री रूपाणी से जब मीडिया ने सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई खबर नहीं है।

– इस बीच, उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि यह सब अफवाह है। खबर यह भी है कि नितिन पटेल अपने सभी निर्धारित कार्यक्रम छोड़कर दिल्ली चले गए हैं।

हार्दिक पटेल ने अपने दावे में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में दो नाम लिए

1- प्रदीप सिंह जडेजा: वटवा सीट से विधायक और गृह राज्य मंत्री

2- भीकू भाई दलसाणीया: गुजरात भाजपा के संगठन महामंत्री रह चुके हैं और संघ के विश्वस्त माने जाते हैं।

2017 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने विजय रूपाणी
– रूपाणी का जन्म 2 अगस्त 1956 में रंगून में हुआ था। 1971 में विजय रूपाणी पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और फिर जनसंघ में शामिल हुए। वे 2006 से 2012 तक राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। 2014 में रूपाणी पहली बार राजकोट वेस्ट सीट से विधायक बने, आनंदीबेन पटेल के मंत्रिमंडल में वे कैबिनेट मंत्री बने। फरवरी 2016 में उन्हें गुजरात भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया। अगस्त 2016 में वे पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
– वहीं, 2017 में उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाया गया।

हार्दिक पटेल का दावा- रूपाणी से इस्तीफा ले लिया गया, 10 दिन में कोई पाटीदार बनेगा गुजरात का मुख्यमंत्री; यह अभी सही साबित होता है या नही- यह तो समय बतायेगा- परन्‍तु इतना तय है कि बीजेपी हाईकमान अनेक राज्‍यो के मुख्‍यमंत्री बदलेगी-  

हिमालयायूके ने खबर प्रकाशित की थी- नीचे लिक देखे-

https://himalayauk.org/bjp-rule-state-not-good-position/

जिन राज्‍याेे में बीजेपी ने मुख्‍यमंत्री थाेपे, वहां त्राहिमाम की स्‍थिति

इस बार लड़ाई एक तरफा नहीं है -अच्छे संकेत नहीं  #राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रमुख रूप से हैं. इन राज्यों को मिला दें तो 65 सीटें होती हैं. इनमें से 62 सीटें बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं. लेकिन इस बार इन्हीं राज्यों से बीजेपी को चुनौती मिलने वाली है. 2014 जैसा प्रदर्शन दोहरा पाना आसान नहीं हैं; बीजेपी उच्‍च सूत्रों के अनुसार ;; बीजेपी की ज्यादातर राज्यों में सरकारें और वहां भी इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं इनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ प्रमुख रूप से हैं. इन राज्यों को मिला दें तो 65 सीटें होती हैं. इनमें से 62 सीटें बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में जीती थीं. लेकिन इस बार इन्हीं राज्यों से बीजेपी को चुनौती मिलने वाली है.मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान​ में बीजेपी की सरकार है और वहां बीजेपी के लिए अच्छे संकेत नहीं आ रहे हैं. पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कई बड़े ऐलान किए थे लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी जमीनी हकीकत से दावे मेल नहीं खा रहे हैं. इस मुद्दे को इस बार विपक्षी दल जरूर हथियार बना सकते हैं. 

जिन राज्‍याेे में चुनाव के उपरांत बीजेपी ने मुख्‍यमंत्री थाेपे, वहां से रिपोर्ट अच्‍छी नही आ रही है, वहां ठप्‍प पडेे विकास कार्यो की मखौल सोशल मीडिया में जम कर उड रही है, डबल इंजन – का पर्याय ही यह माना जा रहा है कि केन्‍द्र और राज्‍य सरकार विकास करने की इच्‍छुक नही है, वही उत्‍तराखण्‍ड में तो हालात भयंकर खराब है, यहां राज्‍य कर्ज पर चल रहा है, कर्ज की राशि शीघ्र 50 हजार करोड होने जा रही है, कर्ज के पैसे से नौकरशाही विदेश यात्रा कर रही है तो बडे बडे आयाेजन किये जा रहे हैं,   इन सब असलियत को नजरअंदाज करना लोकसभा चुनाव में भारी पडेगा-  

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल

2014 का लोकसभा का चुनाव, जिसे हमेशा ‘मोदी लहर’ के रूप में याद किया जाएगा, उसमें बीजेपी को अकेले ही 282 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इसे एक करिश्मा के रूप में देखा गया था। अगर इस सफलता को राज्यवार देखें तो पता चलता है कि इन 282 सीटों से आधे से भी ज्यादा, 149 सीटें सिर्फ चार राज्यों- यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान से ही थीं। वह भी इन राज्यों की कुल सीटों के 93 फीसदी हिस्से के रूप में। उसे यूपी की 80 सीटों में 71, गुजरात की 26 में 26, राजस्थान की 25 में 25 और मध्यप्रदेश की 29 में 27 सीटों पर जीत मिली थी। जाहिर है कि इन राज्यों में बीजेपी का यह टॉप प्रदर्शन था।

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