2014-लोकसभा चुनाव- क्‍या हुआ तेरा वादा?- ८ अप्रैल 2019 बीजेपी ने फिर से किये अहम वादे

लोकसभा चुनाव- २०१४ क्‍या हुआ तेरा वादा- ८ अप्रैल २०१९ को जनता से फिर किये 75 वायदे  #
ये लोग हैं संकल्प पत्र के ‘सूत्रधार’ 1. राजनाथ सिंह- प्रमुख  2. शिवराज सिंह चौहान- कृषि  अरुण जेटली-अर्थव्यवस्था 4. स्मृति ईरानी- महिला विषय 5. प्रकाश जावड़ेकर- शिक्षा और कौशल

पांच साल केंद्र में सरकार चलाने के बाद बीजेपी ने फिर से मौका मिलने पर क्या किया जाएगा इस पर अपना विजन देश के सामने रखा है. इस घोषणा पत्र में कई अहम वादे किए गए हैं.  भाजपा का घोषण पत्र 48 पन्नों का है जिसे संकल्प पत्र (संकल्पित पत्र) नाम दिया गया है। 

लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संकल्प पत्र पेश किया है। संकल्प पत्र का नाम संकल्पित भारत, सशक्त भारत रखा गया है। घोषणा पत्र पेश करने के दौरान पीएम मोदी, अमित शाह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे

2014 के मेनिफेस्टो में BJP ने इकोनॉमी पर किए थे ये वादे, कितने हुए पूरे?

  लोकसभा चुनाव 2019 की लड़ाई जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने आज अपना विज़न डॉक्यूमेंट जारी कर दिया है. BJP ने अपने संकल्प पत्र को संकल्पित भारत, सशक्त भारत का टाइटल दिया है. कांग्रेस पहले ही अपना घोषणापत्र ले आई है, जिसमें उसने न्याय योजना का ऐलान किया है. संकल्प पत्र जारी करते हुए भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि 2014 में हमने देश के सामने 5 साल का विज़न रखा था, जिसपर देश की जनता ने विश्वास रखते हुए हमें बहुमत दिया था. पूर्ण बहुमत के बावजूद हमने NDA की सरकार बनाई और देश को आगे बढ़ाने का काम किया. अमित शाह ने कहा कि पांच साल के कार्यकाल में हमारी सरकार ने ऐतिहासिक काम किया है, देश के इतिहास में ये पांच साल विकास के लिए जाने जाएंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार ने देश में अस्थिरता को खत्म किया है. अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने 50 करोड़ लोगों को गरीबी के स्तर से ऊपर उठाया है, आज देश महाशक्ति बनकर उभरा है. उन्होंने कहा कि 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था 11 वें नंबर पर थी, आज हम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और तेजी से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर हैं.

ऐसे में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में अर्थव्यवस्था में बदलाव के लिए कई बड़े वादे किए थे. इनमें से कितने वादे पूरे हुए.

पांच साल पहले जब बीजेपी लोकसभा चुनाव 2014 के लिए अपना घोषणापत्र लेकर आई तो उसे कारोबार और उद्योग जगत के लिए काफी अनुकूल माना जा रहा था. कारोबार जगत को मोदी सरकार से काफी उम्मीदें भी थीं. इस मेनिफेस्टो में बीजेपी ने भारत दुनिया की एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने और रोजगार बढ़ाने जैसे तमाम वादे किए थे. आज पांच साल बाद जब बीजेपी 2019 के लिए घोषणापत्र जारी कर रही है तो इस बात की समीक्षा करते हैं कि उसने इनमें से कौन से आर्थ‍िक वादे पूरे किए.

महंगाई पर अंकुश का वादा किया था

यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई थी. इसलिए बीजेपी का सबसे बड़ा वादा यह भी था कि सरकार बनने के बाद वह महंगाई पर नियंत्रण करेगी. बीजेपी ने कहा था कि जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए विशेष अदालतों का गठन किया जाएगा. तमाम अनुकूल परिस्थ‍ितियों और सरकारी प्रयास की वजह से इसमें सफलता भी मिली है. थोक मूल्य आधारित सालाना महंगाई दर फरवरी 2019 में महज 2.93 फीसदी थी. हालांकि, विशेष अदालतों का गठन नहीं हो पाया है.

नौकरियां ही नौकरियां का वादा किया था

बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देने का वादा किया था. बीजेपी ने कहा था कि श्रम आधारित मैन्युफैक्चरिंग और टूरिज्म को बढ़ावा देकर रोजगार बढ़ाने की कोशि‍श की जाएगी. एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंजों को रोजगार केंद्रों में बदलने की बात कही गई थी. स्टार्ट अप इंडिया, मुद्रा लोन, स्किल इंडिया जैसी योजनाओें से युवाओं में रोजगार के अवसर बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं. लेकिन रोजगार के मोर्चे पर मोदी सरकार को सबसे ज्यादा आलोचना का शिकार होना पड़ा. विपक्ष रोजगार के मोर्चे पर सरकार पर सबसे ज्यादा हमलावर रहा. मोदी सरकार पर आंकड़े छिपाने के आरोप लगे. देश में जॉबलेस ग्रोथ होने यानी अर्थव्यवस्था में तरक्की के बावजूद रोजगार में खास बढ़त न होने के आरोप लगे.  

कालाधन वापस लाएंगे ; का वादा किया था

बीजेपी ने वादा किया था कि देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और काले धन को वापस लाया जाएगा. बीजेपी ने ऐसा तंत्र बनाने का वादा किया था, जिससे भ्रष्टाचार करने की गुंजाइश ही न रहे. बीजेपी ने कहा था कि वह विदेशी बैंको में जमा काला धन वापस लाने के लिए वह प्रतिबद्ध है और इसे प्रतिबद्धता के आधार पर किया जाएगा. काला धन वापस लाने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का वादा किया गया था. ऑपरेशन क्लीन मनी, नोटबंदी, बेनामी कानून में बदलाव आदि से देश में काले धन पर अंकुश के लिए सरकार के तमाम प्रयास सफल रहे हैं. सरकार बनते ही एक टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया गया था, लेकिन विदेश से काला धन लाने में अभी कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई है.

एनपीए में कमी लाएंगे ;का वादा किया था

साल 2014 के अपने घोषणापत्र में बीजेपी ने कहा था कि वह ऐसे कदम उठाएगी जिससे बैंकों के एनपीए में कमी आए. लेकिन इस मोर्चे पर सरकार को विफल कहा जा सकता है. बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ रहा है. साल 2014 में देश में बैंकों का कुल एनपीए 2.92 लाख करोड़ रुपये का था. सितंबर 2016 में सभी बैंको का कुल एनपीए 7.07 लाख करोड़ रुपये था. मार्च 2018 तक देश के सभी बैंकों का कुल एनपीए 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया था. हालांकि सितंबर 2018 तक यह थोड़ा घटकर 9.99 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा. सरकार ने बैड लोन के मामले में रिजर्व बैंक को दखल देने के लिए ज्यादा अधिकार दिए हैं और बैंकों के बहीखाते को दुरुस्त करने के लिए साल 2017 में करीब 32 अरब डॉलर का रीकैपिटलाइजेशन प्लान मंजूर किया गया.

कर व्यवस्था और जीएसटी ; का वादा किया था

बीजेपी ने साल 2014 के अपने घोषणापत्र में कहा था कि यूपीए के टैक्स आतंक से व्यापारी वर्ग में हताशा आई है और निवेश के वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. बीजेपी सभी राज्य सरकारों को जीएसटी के लिए तैयार करेगी और जीएसटी को प्रभावी तरीके से लागू करेगी. बीजेपी ने इस वादे को पूरा भी किया है. देश में जीएसटी को प्रभावी तरीके से लागू किया गया है और इससे पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली लागू हो गई है. हालांकि, इसकी दरों में बदलाव और तर्कसंगतता को लेकर विपक्ष सरकार की आलोचना भी करता रहा है. यह भी आरोप लगाया जाता है कि सरकार ने बिना खास तैयारी के अचानक जीएसटी लागू कर दिया जिससे व्यापारी वर्ग को काफी परेशानी हुई.

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ; का वादा किया था

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई के मोर्चे पर बीजेपी ने 2014 के घोषणापत्र में कहा था कि एफडीआई केवल उन्हीं क्षेत्रों में लाया जाएगा, जहां नौकरी और पूंजी का निर्माण हो. जहां आधारभूत ढांचे के लिए तकनीकी और विशेषज्ञ ज्ञान की जरूरत हो. यह कहा गया कि बीजेपी छोटे और मझोले दुकानदारों के हितों का ध्यान रखेगी. बीजेपी सरकार ने रक्षा, विमानन और ई-कॉमर्स के क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी है. फार्मा में 74 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है.

पूर्व यूपीए सरकार के कार्यकाल में मल्टी-ब्रांड रिटेल में एफडीआई का रास्ता खोलने का फैसला हुआ. इस फैसले के विरोध में तब विपक्ष में बैठी एनडीए ने यूपीए सरकार पर मल्टीनेशनल कंपनियों के दबाव में आने का आरोप लगाया था. लेकिन सत्ता में आने के बाद एनडीए सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी. मल्टी ब्रांड के क्षेत्र में किसी भारतीय रिटेल कंपनी में अधिकतम 51% एफडीआई की अनुमति है. निर्माण क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी गई. इसके अलावा सरकार ने एयर इंडिया में भी 49 फीसदी एफडीआई की मंजूरी देकर इसके निजीकरण का रास्ता खोल दिया.

स्वदेशी, मेक इन इंडिया और ब्राण्ड इंडिया का वादा किया था

स्वेदशी, ब्राण्ड इंडिया और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए बीजेपी ने घोषणापत्र में वादा किया था कि व्यापार के लिए बेहतर वातावरण बनाया जाएगा और लाल फीताशाही को कम किया जाएगा. पर्यावरण मंजूरी की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की बात की गई थी. विनिर्माण को शक्तिशाली बनाकर मांग-आपूर्ति के बीच खाई को पाटने की बात कही गई थी. भारत को विनिर्माण का केंद्र बनाने का वादा किया गया था. राज्य व केंद्र स्तर पर सिंगल विंडो सिस्टम लाने की बात कही गई थी. इन प्रयासों में बीजेपी सरकार को काफी हद तक कामयाबी मिली है.

पीएम मोदी ने शपथ ग्रहण करने के कुछ ही महीनों बाद सितंबर 2014 में मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत की. इसका लक्ष्य भारत को डिजाइन एवं मैन्यफैक्चरिंग का वैश्विक हब बनाना था. इस योजना के लॉन्च होने के बाद भारत को सितंबर 2014 से फरवरी 2016 के बीच ही 16.40 लाख करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता मिली है. साल 2015 में भारत एफडीआई के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश बन गया था. मेक इन इंडिया की वजह से ही साल 2017-18 में भारत में आने वाला एफडीआई बढ़कर 62 अरब डॉलर तक पहुंच गया. एक अनुमान के अनुसार, मेक इन इंडिया की वजह से 2014 से 2018 के बीच घरेलू मोबाइल हैंडसेट और कम्पोनेंट मैन्युफैक्चररर्स का करीब 3 लाख करोड़ रुपये बचा है जो पैसा उन्हें विदेश भेजना पड़ता.

8 अप्रैल २०१९ को जनता  से किये गये वायदेभारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इस घोषणा पत्र को ‘संकल्पित भारत, सशक्त भारत’ नाम दिया गया है. पांच साल सरकार चलाने के बाद बीजेपी ने अब अगले पांच साल के लिए अपनी पार्टी का विजन देश के सामने रखा है. संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने चुनावी विजन को पढ़कर देश के सामने रखा. ये हैं बीजेपी के घोषणा पत्र की मुख्य बातें..

आतंकवाद पर जीरो टोलरेंस- संकल्प पत्र की घोषणा करते हुए राजनाथ सिंह ने बताया कि सुरक्षा नीति पर बीजेपी का स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस है और हाल ही में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक इसका उदाहरण है.

राम मंदिर- राजनाथ सिंह ने कहा कि राम मंदिर को लेकर हर तरह के प्रयास किए जाएंगे. मामला अभी कोर्ट में है लेकिन हमारा मानना है कि जल्द से जल्द सौहार्दपूर्ण माहौल में राम मंदिर का निर्माण हो.

किसानों को पेंशन- बीजेपी के संकल्प पत्र में 60 साल से ऊपर की उम्र वाले छोटे और सीमांत किसानों को सामाजिक सुरक्षा के तहत पेंशन देने का फैसला किया गया है. हालांकि, पेंशन स्कीम का फायदा सिर्फ छोटे और सीमांत किसानों को ही दिया जाएगा.

सभी किसानों को 6 हजार रुपये सालाना- हाल ही में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की थी, जिसके तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन वाले किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक मदद सीधे खातों में पहुंचाने का फैसला किया गया था. अब बीजेपी ने इसमें थोड़ा आगे बढ़ते हुए वादा किया है कि अगर फिर से बीजेपी की सरकार आती है तो सभी छोटे बड़े किसानों को यह मदद दी जाएगी.

2022 तक स्वच्छ गंगा- गंगा सफाई को एक बार फिर बीजेपी ने अपने मिशन में रखा है. 2022 तक गंगा को स्वच्छ करने का लक्ष्य रखा गया है.

सैनिकों का कल्याण- सशस्त्र बलों के सैनिकों के रिटायरमेंट से तीन साल पहले उनकी पसंद के अनुसार ही उनके पुनर्वास की योजना शुरू की जाएगी.

घुसपैठियों की समस्या का समाधान- पूर्वोत्तर क्षेत्र में अवैध घुसपैठ रोकने के लिए प्रभावी प्रयत्न किए जाएंगे. इसके लिए सीमाओं की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जाएगी और इस दिशा में स्मार्ट फेंसिंग का पायलट प्रोजेक्ट असम में लागू किया गया था, जो सभी सीमाओं पर लागू किया जाएगा.

धारा 370- धारा 35ए जम्मू कश्मीर के गैर-स्थायी निवासियों और महिलाओं के खिलाफ है. यह धारा विकास में बाधा है और इसे खत्म करने के लिए हम प्रतिबद्ध है.

तीन तलाक- संकल्प पत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ ही तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर मुस्लिम महिलाओं के लिए न्याय सुनिश्चित करने का वादा भी किया गया है.

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संकल्प पत्र जारी करने के बाद कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव के लिए यह संकल्प पत्र बनाने के लिए हमारे अध्यक्ष जी ने मेरी अध्यक्षता में एक समिति बनाई और मेरे साथ 12 लोगों को भी उसमें नामित किया था और संकल्प पत्र को Multi Dimensional बनाने के लिए 12 श्रेणियों में भी उसे विभाजित किया था।

उन्होंने आगे कहा कि इस संकल्प पत्र के माध्यम से हम नए भारत के निर्माण में 130 करोड़ देशवासियों की आकांक्षाओं को विज़न डॉक्यूमेंट के रूप में पेश कर रहे हैं। 

घोषणा पत्र से पहले बोले अमित शाह 

भाजपा ने घोषणापत्र जारी करने से पहले मंच पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मैं आपको 2014 की याद दिला रहा हूं। तब भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को देश के प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया था। तब हम देश कैसे चलेगा इसका विजन लेकर आपके सामने आये थे। तब हमें सम्मान देते हुए जनता ने हमें ऐतिहासिक सफलता दी थी।

उन्होंने आगे कहा कि 2014-19 की यात्रा ऐसी है कि जब भी भारत के विकास का और भारत की दुनिया में साख बनने का इतिहास लिखा जाएगा तो ये कार्यकाल स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। आज देश के अधिकांश घरों में बिजली है। 8 करोड़ से ज्यादा शौचालय हैं, 7 करोड़ गरीबों के घर में गैस कनेक्शन दिये गये हैं, 50 करोड़ गरीबों के लिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया है। 

जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा चुनावों के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में पार्टी ने संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) समिति बनाई थी। जिसने इस घोषणापत्र को तैयार किया है। इसी समिति ने संकल्प पत्र नाम भी रखा है।

संकल्प पत्र जारी करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मैं आपको 2014 की याद दिला रहा हूं। तब भाजपा ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री को देश के प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाया था। तब हम देश कैसे चलेगा इसका विजन लेकर आपके सामने आये थे। तब हमें सम्मान देते हुए जनता ने हमें ऐतिहासिक सफलता दी थी। 2014-19 की यात्रा ऐसी है कि जब भी भारत के विकास का और भारत की दुनिया में साख बनने का इतिहास लिखा जाएगा तो ये कार्यकाल स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।

अमित शाह ने कहा कि आज देश के अधिकांश घरों में बिजली है। 8 करोड़ से ज्यादा शौचालय हैं, 7 करोड़ गरीबों के घर में गैस कनेक्शन दिये गये हैं, 50 करोड़ गरीबों के लिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया गया है। 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था 11 वें नंबर पर थी, आज हम दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं और तेजी से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए अग्रसर हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने 5 साल में 50 से ज्यादा बड़े कदम उठाए हैं, जो इतिहास का हिस्सा बनने वाले हैं।

ओडिशा में भाजपा का घोषणापत्र

बता दें कि ओडिशा में भाजपा ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का वादा करते हुए रविवार को अपना घोषणापत्र जारी किया। संकल्प पत्र नाम से जारी घोषणापत्र में महिलाओं, किसानों और आदिवासियों के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का वादा किया गया है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ओडिशा में 2019 के लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया जिसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी गई। पार्टी ने अपने पत्र में वादा किया है कि वह 15 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से बलात्कार के दोषियों को मौत की सजा दिलवाएंगे। भगवा पार्टी ने स्कूली शिक्षा पूरी करने वाली प्रतिभाशाली लड़कियों को दोपहिया वाहन देने की योजना शुरू करने का भी वादा किया। पार्टी महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की तरफ से लिए गए बकाये कर्जों को एक बार के लिए माफ करेगी और 2,000 करोड़ रुपये की निधि बनाएगी ताकि तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज दिया जा सके। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि गुंडाराज एवं खनन माफिया से सख्ती से निपटा जाएगा। पार्टी के संकल्प पत्र में कई अन्य बिंदुओं का विशेष उल्लेख करते हुए शाह ने घोषणा की कि किसानों को बिना किसी ब्याज दर के ऋण दिया जाएगा। साथ ही छोटे एवं वंचित किसानों को 3,000 रुपये मासिक पेंशन देने की भी घोषणा की। घोषणापत्र में पुरी को भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनाने का भी प्रस्ताव दिया गया है। भाजपा के नौ बिंदु वाले घोषणापत्र में राज्य की वास्तविक क्षमता तलाशने, गरीबों एवं आदिवासियों की समस्याओं के निपटान और ओडिशा को पर्यटन के लिहाज से अत्यंत विकसित करने समेत तमाम अन्य बातें शामिल हैं।

ऐसे बना बीजेपी का संकल्‍प पत्र :

1. बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को संकल्प पत्र नाम दिया.
2. देशभर की जनता से इसके लिए सुझाव मांगे. 3. बीजेपी ने संकल्‍प पत्र के लिए लोगों से सुझाव मांगने के लिए अलग-अलग जगह पर 7500 सुझाव पेटियां रखीं. 4. देशभर में लोगों के सुझाव जानने के लिए 300 रथ यात्रा के जरिये सुझाव इकट्ठा किए गए. 5. संकल्‍प पत्र के लिए इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सुझाव जुटाए गए.   6. बीजेपी ने संकल्‍प पत्र के लिए 10 करोड़ लोगों से सुझाव मांगने का लक्ष्य रखा था.

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