राहुल गाँधी के इसी नारे की काट के लिए बीजेपी को अभियान छेड़ना पड़ा

बीजेपी में इस बात को लेकर बड़ी बेचैनी है कि राहुल गाँधी हर मंच से ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाते हैं। इससे बीजेपी रफ़ाल मुद्दे पर पिछले 6 महीनों से बैकफ़ुट पर चल रही है। राहुल गाँधी के इसी नारे की काट के लिए बीजेपी को प्रधानमंत्री के पक्ष में ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान छेड़ना पड़ा।

मीनाक्षी लेखी ने अपनी याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने रफाल मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति खारिज करते हुए कहा था कि वो द हिंदू में छपे रक्षा दस्तावेज पर विचार करेगा, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ये बयान दिया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि ‘चौकीदार चोर’ है. याचिका में कहा गया है कि कोर्ट ने आदेश में ऐसा कुछ नहीं है इसलिए ये कोर्ट की अवमानना है. 

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अब बीजेपी की कोशिश है कि सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मुक़दमे के बहाने राहुल गाँधी को जमकर बदनाम किया जाए और सुप्रीम कोर्ट मैं इस मामले की सुनवाई के दौरान राहुल के इस नारे पर पाबंदी लगवाने की कोशिश की जाए।

राहुल गाँधी को चौतरफ़ा घेरने की रणनीति के तहत ही पार्टी ने राहुल के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मुक़दमा दर्ज कराया है।  बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक़, शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में हुई एक अहम बैठक में सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले पर राहुल गाँधी को चौतरफ़ा घेरने की रणनीति बनी है। 

बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में रणनीति को अंतिम रूप देने के बाद पार्टी के तमाम प्रवक्ताओं और मीडिया पैनलिस्ट्स को संदेश दिया गया है कि वे तत्काल हर मंच पर राहुल गाँधी पर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने का आरोप लगाएँ। 

पार्टी के तमाम प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट्स हर मुद्दे पर पार्टी की तरफ़ से दी गई लाइन के मुताबिक़ ही बोलते हैं। कौन सा प्रवक्ता, पैनलिस्ट किस मंच पर क्या बोल रहा है, इस पर निगरानी रखने के लिए भी पार्टी में बेहद मजबूत सिस्टम है। लाइन से ज़रा सा भी इधर-उधर होने पर प्रवक्ताओं या पैनलिस्ट पर गाज गिरने में देर नहीं लगती।

अंग्रेजी अख़बार ‘द हिन्दू’ ने रफ़ाल से जुड़ी कई ख़बरें छापी थीं, इस पर सरकार ने आरोप लगाया था कि ये ख़बरें चोरी के दस्तावेज़ पर आधारित हैं। सरकार ने यह भी कहा था कि यह ऑफ़िशियल सीक्रेट्स एक्ट का उल्लंघन है। ‘द हिन्दू’ अख़बार की ख़बरों में कहा गया था कि प्रधानमंत्री कार्यालय इस मामले में फ़्रांस से समानांतर बातचीत कर रहा था। 

दरअसल, बीजेपी में इस बात को लेकर बड़ी बेचैनी है कि राहुल गाँधी हर मंच से ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगवाते हैं। इससे बीजेपी रफ़ाल मुद्दे पर पिछले 6 महीनों से बैकफ़ुट पर चल रही है। राहुल गाँधी के इसी नारे की काट के लिए बीजेपी को प्रधानमंत्री के पक्ष में ‘मैं भी चौकीदार’ अभियान छेड़ना पड़ा। 

ग़ौरतलब है कि नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मुक़दमा दर्ज कराया है। सुप्रीम कोर्ट ने मीनाक्षी लेखी की याचिका मंजूर करते हुए इस पर सुनवाई की हामी भर दी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 15 अप्रैल को सुनवाई होगी। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में रफ़ाल मुद्दे पर दोबारा सुनवाई की याचिका स्वीकार होने के बाद राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला था।

अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गाँधी को नोटिस जारी करते हुए 22 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है। ग़ौरतलब है कि नई दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मुक़दमा दर्ज कराया था। लेखी ने आरोप लगाया था कि राहुल गाँधी ने सुप्रीम कोर्ट के बयान को ग़लत तरह से पेश किया है। बता दें कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में रफ़ाल मुद्दे पर दोबारा सुनवाई की याचिका स्वीकार होने के बाद राहुल गाँधी ने कहा था कि अब कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है।  सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों हुई सुनवाई में केंद्र सरकार की सभी आपत्तियों को खारिज करते हुए लीक हुए दस्तावेज़ों की वैधता को मंजूरी दे दी थी। ये दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से लीक हुए थे। कोर्ट ने यह भी कहा था कि वह इन गोपनीय दस्तावेजों का भी परीक्षण करेगा। 

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यों की बेंच ने सर्वसम्मति से दिए फ़ैसले में कहा था कि जो नए दस्तावेज़ सामने आए हैं, उस आधार पर मामले में दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई होगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस एस. के. कौल और जस्टिस के. एम. जोसेफ़ शामिल हैं। 

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