22 साल का यह खूंखार आतंकी के मारे जाते ही सुरक्षा बल खुशी से झूमेे

terristजम्मू-कश्मीर में कूकरनाग के पास हिज़्बुल कमांडर बुरहान मुज़फ्फर वानी के मारे जाने के बाद श्रीनगर और पुलवामा में तनाव बरकरार है। बुरहान के मारे जाने के बाद से ही दक्षिण कश्मीर, पुलवामा समेत श्रीगर के कई इलाकों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है। घाटी में तनाव का माहौल को देखते हुए अमरनाथ यात्रा रोक दी गई है। इसके अलावा आज होने वाली बोर्ड परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया है। यहां ट्रेन और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी ऐहतियान बंद कर दी गई हैं ताकि किसी तरह की कोई अफवाह न फैल सके। ट्रेनें अगली सूचना तक बंद रहेंगी।
15 साल की उम्र में ही 2010 में बुरहान अपने भाई के मारे जाने के बाद टेररिस्ट ग्रुप हिज्बुल से जुड़ा।
– उसका मानना था कि उसके भाई की इंडियन आर्मी ने हत्या कर दी थी। वह इसका बदला लेना चाहता था।
– कश्मीर के त्राल का रहने वाला बुरहान वानी एक रसूखदार फैमिली से था।
– उस पर कश्मीर के एजुकेटेड यूथ को हिज्बुल से जोड़ने का जिम्मा था।
– उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित किया गया था।
कश्मीर का पोस्टर ब्‍वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया। जानकारी के मुताबिक़ सुरक्षा बलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर बामडूरा (वीरेनाग) अनंतनाग के पास मुठभेड़ में बुरहान को मार गिराया।

बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिज़्बुल के साथ जुड़ने के लिए उकसता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडीयो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था।

22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया, “ये सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।” उनके मुताबिक़ ये तराल का रहने वाला है, इसके पिता एक सरकारी नौकर हैं।

सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी चुनौती अब यह होगी कि जब वानी के शव का अंतिम संस्कार अनंतनाग के बीजबेहरा में होगा तो कहीं लोग बेकाबू न हो जाए। इससे मुकाबला करने के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किये गए हैं। हुर्रियत कांफ्रेस गिलानी गुट के चेयरमेन सैयद अली शाह गिलानी ने वानी के मारे जाने के खिलाफ तीन दिनों का कश्मीर बंद का एलान किया है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू आधार शिविर से अमरनाथ यात्रा को स्थगित कर दिया गया है। आज किसी और तीर्थयात्री को घाटी की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि कश्मीर में पहलगाम और बालटाल आधार शिविरों से यात्रा जारी रहेगी। तीर्थयात्रियों को ताकीद की गई है कि उनके आगे बढ़ने के बारे में कोई हिदायत जारी होने तक वे इन्हीं शिविरों में रुकें।’ कश्मीर का पोस्टर ब्‍वॉय कहलाया जाने वाला बुरहान वानी सुरक्षा बलों के साथ एंकाउंटर में मारा गया। शुक्रवार को करीब सवा घंटे चली मुठभेड़ में सेना और पुलिस ने बुरहान वानी और उसके तीन साथियों को मार गिराया। इसके बाद सुरक्षा बलों और लोगों के बीच झड़पें भी हुईं। एक दो जगहों पर सीआरपीएफ के बंकर में समर्थक भीड़ ने आग भी लगा दी। पुलिस चौकी पर भी हमले किए गए। पत्थरबाजी में जवान घायल भी हुए है । लेकिन हालता की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षाबलों ने काफी संयम के साथ काम लिया है।

केवल हिज्बुल के ही नहीं, इस साल सुरक्षाबलों ने रिकॉर्ड संख्यां में जम्मू कश्मीर में सक्रिय सारे आतंकी संगठनों को टॉप कमांडर को मार गिराया है। जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी के रज़िंदर ने एनडीटीवी को बताया, “यह सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी कामयाबी है। बुरहान नौजवानों को बरगालाता था और उन्हें प्रभावित भी करता था।” बुरहान सोशल मीडिया के ज़रिए नौजवानों को हिज़्बुल के साथ जुड़ने के लिए उकसाता था। सोशल साइट पर उसके कई फोटो वायरल हो चुके हैं। हाल में एक वीडियो में इसने नौजवानों को पुलिस पर हमला करने को कहा था।

22 साल का यह आतंकी पिछले तीन साल से कश्मीर में कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। दक्षिण कश्मीर में वह काफी सक्रिय था। श्रीनगर, अनंतनाग और पुलवामा में पुलिसवालों के मारे जाने के पीछे इसी का हाथ बताया जाता है।
मुठभेड़ का ब्‍योरा देते हुए राज्य सरकार के उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि यह मुठभेड़ तब हुई जब एक स्पष्ट सूचना मिली कि दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के बुमडूरा गांव में तीन उच्च-प्रशिक्षित आतंकवादी मौजूद हैं। सूत्रों ने बताया कि यह सूचना मिलते ही पुलिस टीमें हरकत में आ गईं और गांव से बाहर निकलने के सभी रास्तों को सील कर एवं थलसेना के साथ एक बाहरी घेरा बनाकर गांव में दाखिल हो गई। पथराव पर उतर आए स्थानीय लोगों के मामूली विरोध के बाद सुरक्षा बल दोपहर तीन बजे गांव में दाखिल हुए। सुरक्षा बलों को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी सरताज की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी, जिससे उम्मीदें जागी थीं कि वहां बुरहान भी मौजूद हो सकता है, क्योंकि पहले मिली खुफिया सूचनाओं में बताया गया था कि दोनों साथ ही रहते हैं। सूत्रों ने बताया कि शाम करीब 6:15 बजे मुठभेड़ खत्म हुई और जब देखा गया कि मारे गए तीन आतंकवादियों में एक बुरहान भी है तो सुरक्षा बल खुशी से झूम उठे।

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