भाजपा के खिलाफ हवा का रूख प्रदर्शित न होने लगे, इसलिए परिवर्तन संभव

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे कुछ भी आएं लेकिन फायदा राहुल गांधी का ही होगा. कांग्रेस को भी ऐसा लगता है कि लोकसभा चुनाव आते-आते देश का नारेटिव बदलेगा और जिन मुद्दों को राहुल गांधी अभी उठा रहे हैं वह 2019 तक काफी कारगर साबित होंगे. – बदलता माहौल- गुजरात चुनाव बाद परिवर्तन संभव -मुख्‍यमंत्रियो तथा वित्‍त मंत्री  हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल एक्‍सक्‍लूसिव- www.himalayauk.org (Newsportal) 
वही 2018 में म0प्र0 जैसे बडे राज्‍यो में भी विधानसभा चुनाव है, ऐसे में देश के वित्‍त मंत्री तथा कुछ राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को अवश्‍य बदला जा सकता है,  भाजपा शासित कई राज्‍यो में डबल इंजन व्‍यग्‍य बनता जा रहा है, वहां कहां जा रहा है कि डबल इंजन तो लग गया परन्‍तु इंजन मे तेल न होने से खडे हुए है डबल इंजन, वही शून्‍यता वाली स्‍थिति हे, राज्‍य सरकारों का रिपोर्ट कार्ड भी जीरो होता जा रहा है, ऐसे मे 2019 के लोकसभा चुनाव तथा कुछ बडे राज्‍यो के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ हवा का रूख प्रदर्शित न होने लगे, इसलिए परिवर्तन संभव है,  

जल्‍द हिमालयायूके में इन बदले जाने वाले मुख्‍यमंत्रियों के नामो को भी प्रकाशित किया जा सकता है-

PHOTO; The Prime Minister, Shri Narendra Modi meeting the Prime Minister of Australia, Mr. Malcolm Turnbull, in Manila, Philippines on November 14, 2017. 
नोटबंदी से मची भारी अफरातफरी और भारी घाटे का काम साबित होने के बाद जीएसटी से भी चारों तरफ परेशानियों का अंबार खड़ा होता जा रहा था. जीएसटी की भी नोटबंदी जैसी गत बन रही है. नोटबंदी में जिस तरह से रोज़रोज़ रद्दोबदल करने पड़े थे उसी तरह से जीएसटी में भी शुरू हो गए. नोटबंदी में जैसी बार बार बदनामी हुई थी वैसी अब जीएसटी में होने लगी टीवी पैनल की चर्चाओं में यह बात खासतौर पर चलवाई जा रही है कि इससे गुजरात के व्यापारियों की नाराज़गी कम
बीजेपी को गुजरात में अच्छी-खासी टक्कर देखने को मिल रही है बीजेपी जहां वह 22 सालों से सत्ता पर काबिज है उसे अपना गढ़ बचाने की चुनौती है. कांग्रेस ने अपने चारों कार्ड चल दिए हैं. कांग्रेस पाटीदारों और दलित नेताओं को वह अपने पाले में ला चुकी है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर थोड़ा सा भी वोट प्रतिशत में बदलाव हुआ तो कांग्रेस को फायदा हो सकता है. राहुल पूरे गुजरात दौरे में मंदिर जाने से नहीं चूके हैं और भाषणों में भी वहा महाभारत और गीता की बाते कहते हैं. राहुल ने इस बार वीआईपी और सुरक्षा घेरे में रहने वाले नेता की छवि तोड़ने की कोशिश की है. वह आम लोगों से मिलते हैं. वह मंच पर भीड़ में से किसी को बुलाते हैं, सेल्फी खिंचावते हैं, आदिवासी के बीच जाते हैं, ऐसा करना लोगों को अच्छा भी लग रहा है. दरअसल यह देखकर इसलिए भी नया लगा रहा है क्योंकि बीते कई दशकों के बाद पहली बार कांग्रेस का कोई बड़ा नेता आम जनता से ऐसे संवाद कर रहा है.
वही
गुजरात चुनावों से पहले एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है।
सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद हार्दिक ने तल्ख अंदाज में कहा कि वह इस मामले में 18 नवंबर को खुलासा करेंगे। उधर उनके समर्थन के भरोसे गुजरात में लंबे समय के बाद सत्ता वापसी की उम्मीद लगाए बैठी कांग्रेस खुल कर उनके बचाव में उतर गई जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि इस मामले में उसे न घसीटें हार्दिक और पुलिस के समक्ष शिकायत करें।
हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर इसपर अपनी बात रखी थी। हार्दिक पटेल ने सोमवार दोपहर ट्वीट करते हुए लिखा था- अब गंदी राजनीति की शुरुआत हो गई है। मुझे बदनाम कर लो, कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा, लेकिन गुजरात की महिलाओं का अपमान किया जा रहा है।
हार्दिक ने कहा, जिसे जो बिगाडऩा है बिगाड़ ले। वह मर्द हैं, नपुंसक नहीं। अभी उनकी शादी भी होनी है। जो करना होगा सीना ठोक कर करूंगा। उन्होंने ट्वीट किया कि जिसको जो करना हैं कर ले, पीछे हटने वाला नहीं हूं। जम के लडऩे वाला हूं। 23 साल का हार्दिक अब बड़ा हो रहा है मुझे बदनाम करने में करोड़ों खर्च किए जाते हैं किया जाता है।
सोमवार को अहमदाबाद के कुछ इलाकों में मुस्लिमों के घरों के बाहर एक्स या क्रॉस के निशानों वाले पोस्टर्स दिखाई दिए हैं। टाइम्स नाउ के मुताबिक इसके बाद रिहायशी अल्पसंख्यकों में तनाव फैल गया है। सत्ताधारी बीजेपी का कहना है कि गुजरात में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए यह विपक्षी पार्टियों की चाल है। इलाके के मुस्लिमों के घरों के बाहर लगे इन निशानों के बारे में लोगों ने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी है। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा,’कांग्रेस राज्य में अपना बेस गंवा चुकी है और वोट पाने के लिए एेसे हथकंडों का सहारा ले रही है।’ आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि ‘एक्स’ का निशान कांग्रेस की पुरानी राजनीति है और उन्होंने गुजारिश करते हुए कहा कि वह हिंदू और मुस्लिमों के बीच दूरी न बढ़ाए। एआईएमआईएम ने कहा है कि इन सबके पीछे कौन है, इसकी जांच होनी चाहिए। गुजरात में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर और दूसरा 14 दिसंबर को होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
इसके अलावा गुजरात के पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल की कथित तौर पर एक सीडी लीक होने से भी हंगामा मचा हुआ है। इस सीडी के बारे में कहा जा रहा है कि हार्दिक एक कमरे में किसी महिला के साथ हैं। हार्दिक पटेल ने हफ्ते भर पहले ही एक न्यूज़ चैनल से बात करते हुए इस तरह की सीडी के सामने आने की बात की शंका जताई थी। ये सीडी गुजरात के लोकल न्यूज़ चैनल्स पर टेलीकास्ट हो रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये वीडियो इसी साल 16 मई का है।

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