असहमति रखने वाले खामोश कर दो- राहुल ने क्‍यों कहा ?

सोमवार को नई दिल्ली में कांग्रेस की वर्किंग कमिटी (कार्यकारिणी समिति) की बैठक हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बीमार होने के कारण बैठक में हिस्सा नहीं ले पाईं, इसलिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बैठक की अध्यक्षता की। संसद के शीतकालीन सत्र के पहले हुई इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालातों पर चर्चा की गई। मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि लोकतंत्र इस समय अंधकार के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता का नशा हो गया है। असहमति रखने वाले सभी लोगों को वह चुप करा देना चाहती है।
राहुल गांधी ने NDTV पर बैन लगाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि “टीवी चैनलों को ‘दंडित’ कर बंद करने को कहा जा रहा है और सरकार को जवाबदेह ठहराने के लिए विपक्ष की घेराबंदी की जा रही है। सरकार द्वारा सत्ता का दुरूपयोग करके आजादी के दमन का प्रयास कर रही है। ऐसे खतरनाक षणयंत्रों को हम कामयाब नहीं होने देने देंगे।” मोदी सरकार मीडिया और विरोध को दबाने में लगी हुई है। वन रैंक वन पेंशन मसले पर सरकार झूठ बोल रही है। वह आगामी शीत सत्र में संसद में यह मुद्दा उठाएंगे।
जम्मू-कश्मीर की चर्चा करते हुए राहुल ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे पर सरकार एक किनारे से दूसरे किनारे जा रही है। हमारे जवानों को ओआरओपी पर धोखा दिया जा रहा है और पेंशन घटा दी है।’ सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने पर कोई फैसला नहीं होगा। कार्यकारिणी समिति की इस बैठक में कांग्रेस मनमोहन सिंह, ऐके एंटनी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, मलिका अर्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, बीके हरिप्रसाद और गुलाम नबी आजाद समेत लगभग 21 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
ऐसा पहली बार है कि राहुल गांधी ने समिति की बैठक की अध्यक्षता की है। 46 वर्षीय राहुल को जनवरी 2013 में जयपुर के ‘चिंतन शिविर’ में उपाध्यक्ष चुना गया था। 16 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पूर्व समिति की बैठक होना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संसद सत्र में कांग्रेस विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रही है जिनमें पठानकोट हमले की कवरेज को लेकर एनडीटीवी इंडिया के खिलाफ एक दिवसीय प्रतिबंध के मुद्दे पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विषय भी शामिल है। कांग्रेस में संगठनात्मक चुनाव काफी लंबे समय से अटके पड़े हैं और पार्टी ने 31 दिसंबर तक इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए चुनाव आयोग से समय मांगा है।

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भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टीवी चैनल एनडीटीवी इंडिया पर पठानकोट हमले के दौरान संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक करने के आरोप में एक दिन का प्रतिबंध लगाया है। सोमवार (7 नवंबर) को एनडीटीवी ने इस प्रतिबंध के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।एनडीटीवी इंडिया को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 29 जनवरी को कारण बताओ नोटिस भेजा। इस नोटिस में चैनल से चार जनवरी को पठानकोट आतंकी हमले के दौरान संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक करने के बारे में सफाई मांगी गई। नोटिस में कहा गया कि हमले की रिपोर्टिंग करते समय एनडीटीवी इंडिया ने एयरबेस में मिग विमान, लड़ाकू विमान, रॉकेट लान्चर, मोर्टार, हेलीकॉप्टर, ईंधन टैंक जैसे आयुध की मौजूदगी की सूचना दी जिसकी वजह से ये आयुध आतंकियों के हाथ में पड़ सकते थे और राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंच सकता था। इससे सेना के जवानों और आम नागरिकों की जान की खतरा हो सकता था।
नोटिस में कहा गया कि चैनल ने एयरबेस में मौजूद स्कूल और रिहायशी इलाके की भी जानकारी सार्वजनिक की जिसका इस्तेमाल आतंकियों के सहयोगी कर सकते थे और स्कूल और रिहायशी इलाकों के मासूमों की जान खतरे में पड़ सकती थी। मंत्रालय के नोटिस में एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण का वो हिस्सा भी संलग्न जिसमें कथित जानकारियां सार्वजनिक की गई थीं। चैनल ने मंत्रालय को दिए जवाब में कहा कि उसने हमले की रिपोर्टिंग के दौरान ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जो पहले से सार्वजनिक न हो। चैनल के जवाब से संतुष्ट नहीं के बाद नौ नवंबर को 24 घंटे के लिए एनडीटीवी इंडिया के प्रसारण पर रोक लगाने का आदेश दिया गया। आइए देखते हैं कि क्या सचमुच एनडीटीवी इंडिया ने पठानकोट हमले के दौरान ऐसी कोई जानकारी सार्वजनिक की थी जो पहले से सार्वजनिक नहीं थी।

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सोमवार (7 नवंबर) को हुई कांग्रेस कार्यकारिणी समिति (CWC) की अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी नहीं शामिल हुईं। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने की। मीडिया में पहले आई खबरों में कहा गया कि सोनिया गांधी बीमार होने के कारण बैठक में नहीं शामिल हो सकीं लेकिन शायद ये केवल मीडिया को बताने का बहाना भर था। ताजा मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सोमवार सुबह एसपीजी की बुलेटप्रूफ गाड़ी 10.55 पर सोनिया के आवास 10 जनपथ पर पहुंच गई थी लेकिन उनके निजी डॉक्टरों ने दिल्ली में पिछले कुछ दिनो में खतरनाक स्तर तक बढ़ चुके वायु प्रदूषण को देखते हुए बाहर न जाने की सलाह दी।
कार्यकारिणी की बैठक कांग्रेस मुख्यालय 24 अकबर रोड पर होनी थी। सोनिया के आवास से गाड़ी से कांग्रेस मुख्यालय जाने में कुछ ही मिनट लगते हैं लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें सलाह दी कि इस समय दिल्ली में इतना अधिक वायु प्रदूषण है कि उनके फेफेड़े इससे प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी मीडिया को बताया कि सोनिया को गले में तकलीफ है। कार्यकारिणी की बैठक में सदस्यों ने राहुल गांधी से पार्टी का अध्यक्ष बनने की मांग की। पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए इसी साल चुनाव होने वाले हैं। दिवाली के बाद से ही दिल्ली में धुआं, धुंध और कोहरा छाया हुआ है। पिछले 24 घंटों में राजधानी में वायु प्रदूषण का पिछले सभी रिकॉर्ड टू गए हैं। दिल्ली में कई जगहों पर प्रदूषक कण पीएम 205 और पीएम 10 खतरे की सीमा से 17 गुना अधिक स्तर पर पहुंच गए। ये कण सांस के साथ अंदर चले जाते हैं और स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। दिल्ली के इस वायु प्रदूषण की तुलना 1952 में लंदन में छाए भयानक कोहरे से की जा रही है। उस भयानक कोहरे की वजह से लंदन में चार हजार से अधिक लोगों की असमय मृत्यु हो गई थी। 69 वर्षीय सोनिया गांधी की तबीयत अगस्त में वाराणसी में एक रोड शो के दौरान खराब हो गई थी। यूपी में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों के मद्देनजर वो पार्टी का प्रचार कर रही थीं। उन्हें तत्काल दिल्ली लाकर सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उनका कई हफ्तों तक इलाज चला। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें फेफड़ों में तकलीफ थी।
कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकतंत्र इस समय अंधकार के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को सत्ता का नशा हो गया है। असहमति रखने वाले सभी लोगों को वह चुप करा देना चाहती है।

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