डीएवीपी की विज्ञापन नीति 2016 का प्रचण्‍ड विरोध


DAVP AGAINST#‘‘अखबार बचाओ मंच’’ #डीएवीपी की विज्ञापन नीति 2016 के विरोध में प्रकाशक ने जन्तर-मन्तर पर किया प्रचंड प्रदर्शन # – राज्यसभा सांसद मनुव्वर सलीम व कांग्रेसी नेता जे. पी. अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर दिया समर्थन #प्रकाशक डीएवीपी नीति वापिस होने तक करेंगे संघर्ष # वही 8 अगस्त को “अखबार बचाओ मंच” के प्रयास की सराहना करते हुए श्री शशिनाथ दुबे जी एवम् साथियो को साधुवाद : IFSMN महासंघ # शीघ्र ही इफसमन के बेनर तले जंतर मन्तर नई दिल्ली में  इंडियन फैडरेशन आफ स्‍माल एण्‍ड मीडियम न्‍यूज पेपर्स का होगा धरनाा प्रदर्शन  #www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar,

नई दिल्ली। डीएवीपी की विज्ञापन नीति के विरोध में 8 AUGUST 2016 देश भर के सैकडों प्रकाशक ‘अखबार बचाओ मंच’ के बैनर तले एकजुट हुए और इस काली नीति का विरोध में प्रचंड प्रदर्शन किया। प्रकाशकों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व केन्द्रीय सूचना प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू के नाम उनके कार्यालय में एक ज्ञापन दिया और मांग की इस नीति को तत्काल वापिस कर किया जाए। राज्यसभा सांसद मनुव्वर सलीम व कांग्रेसी नेता जेपी अग्रवाल ने धरना स्थल पर पहंुचकर प्रकाशकों की इस मुहिम को समर्थन दिया।

Davp Advertisement Policy 2016 के आपत्तिजनक बिंदुओं को समाप्त करने हेतु प्रभावी कदम उठाते हुए 7 अगस्त 2016 को इफसमन राष्ट्रीय पदाधिकारी श्री रविन्द्र गुप्ता जी ने केंद्रीय सुचना प्रसारण मंत्री, तथा बीजेपी के अनेक प्रभावशाली सांसदों तथा कांग्रेस हाई कमान श्री राहुल गांधी जी, मोती लाल वोरा जी तथा अनेक कांग्रेस सांसदों को DAVP Adver Policy 2016 को निरस्त करने की मांग का ज्ञापन दिया गया तथा ये सब महत्वपूर्ण लोग इफसमन को पत्र भेज कर की गई कार्यवाही से भी अवगत करा रहे है;
मैं, इफसमन (IFSMN) के अपने राष्ट्रीय नेताओ तथा विशेष कर श्री रविन्द्र गुप्ता जी का हार्दिक शुक्रिया अदा करता हु,
वही 8 अगस्त को “अखबार बचाओ मंच” के प्रयास की सराहना करते हुए श्री शशिनाथ दुबे जी एवम् साथियो को साधुवाद :
वही श्री गुप्ता जी ने वताया;
शीघ्र ही इफसमन के बेनर तले जंतर मन्तर नई दिल्ली में एक सुव्यवस्थित धरने प्रदर्शन का कार्यक्रम होगा, जिसमें अनेक संसद सदस्य स्वयं धरना स्थल में सम्बोधित करेगे तथा उसके उपरान्त केंद्रीय मंत्री जी को ज्ञापन देकर उनसे davp adver policy 2016 के आपत्तिजनक बिन्दुओ को समाप्त करने हेतु गंभीर मंथन होगा,
इस पुनीत कार्य में आपकी सहमति तथा आपके पधारने से यह सिद्ध होगा की आप Davp Adver policy 2016 की खत्म कराने में सहयोग करना चाहते है: IFSMN एक फेडरेशन है, यानि महासंघ; जो शीघ्र ही प्रभावी भूमिका निभाने जा रही है, इस कार्य के लिए फेडरेशन के प्रभावी संपादको ने विभिन्न राज्यो से मोर्चा संभाल लिया है:
अवगत कराना है की फेडरेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 30 जुलाइ 2016 की बैठक में श्री रविन्द्र गुप्ता जी को आंदोलन की रूप रेखा बनाने के लिए अधिकृत कर दिया था जो अन्य साथियो से सलाह कर शीघ्र कार्यक्रम घोषित करेगे, श्री रविन्द्र गुप्ता जी (Delhi) से मो0 0986822831, 09013432010 पर सम्पर्क किया जा सकता है:
सादर
चंद्रशेखर जोशी संपादक
प्रेजिडेंट उत्तराखंड तथा ;
नेशनल चेयरमैन ; (कम्युनिकेशन अफेयर्स)
इंडियन फेडरेशन ऑफ़ स्माल एंड मध्यम न्यूज़ पेपर्स, नई दिल्ली 

भारत के लघु एवं मध्‍यम समाचार पत्रों का महासंघ- आई एफ एस एम एन
मो0 9412932030
Mail  csjoshi_editor@yahoo.in

वही दूसरी ओर प्रकाशकों ने 8 अगरस्‍त 2016 को भारी संख्या में जन्तर-मन्तर नई दिल्‍ली पर एकजुट होकर होकर यह दिखा दिया कि छोटे एवं मझोल अखबारों के अस्तित्व को मिटाया नहीं जा सकता। यह अखबार लोकतंत्र की रीढ हैं और समाज के हर स्तर के लोगों की आवाज शासन-प्रशासन व सत्ता के गलिहारों तक बुलंद करते हैं। कई मीडिया चैनलों ने भी प्रकाशकों की इस मुहिम को कवर किया।
धरने पर बैठे प्रकाशकों को सम्बोधित करते हुए राज्यसभा सांसद चौ. मनुव्वर सलीम ने कहा कि सरकार के लिए बडी शर्म की बात है कि छोटे और मझोले अखबारों को अपने अस्तित्व के लिए धरने पर बैठना पडा। यह अखबार लोकतंत्र की रीढ है। मैने यह बात संसद मंे भी उठाई और डीएवीपी की नीति का विरोध किया। लोकतंत्र में यह जरूरी है कि इस अखबारों की स्वतंत्रता और अहमियत को मजबूत किया जाए। वहीं कांग्रेसी नेता व पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि भाजपा सरकार की अखबार विरोधी नीति बिल्कुल गलत है और सरकार तानाशाह की तरह काम कर रही है। मगर अखबारों पर उसकी तानाशाही नहीं चलने वाली। हमारी पार्टी हमेशा छोटे और मझोले अखबार वालों के साथ है।
ऑल इंडिया स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गुरेन्द्र सिंह भी धरना स्थल पर पहंुचे और कहा कि हमने हमेशा छोटे अखबारों के हित के लिए लडाई लडी है और हम तब तक लडते रहेंगे जब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिलते। अखिल भारतीय समाचार पत्र एसो. के अखिलेश चन्द शुक्ला, कौमी पत्रिका के सम्पादक गुरूचरण सिंह, एक्सप्रेस मीडिया गु्रप के चेयरमैन सनत जैन, दै. बन्देमातरम के सम्पादक दीपक गोठी, दै. ‘राजपथ’ के सम्पादक अशोक नवरत्न, कृषक मोर्चा के सम्पादक शशि नाथ दूबे, स्वतंत्र शाहदरा मेल के सम्पादक अनिल शर्मा, दै. ‘सरोकार’ के सम्पादक सिराज साहिल, दै. रोजाना के सम्पादक पवन सहयोगी, एपीएन न्यूज चैनल के मैनेजिंग एडिटर विनय राय, सिंह की आवाज़ के सम्पादक अर्जुन जैन, स्वराज टाइम्स के सम्पादक डा. अजय शर्मा व सियासी तकदीर के एडिटर मुस्तकीम खान, दि कंट्री टाइम्स के एडिटर विष्णु पुरोहित, जवाहर दर्शन के सम्पादक अभ्युदय अवस्थी, जनभारत मेल देहरादून के सम्पादक गुरूदीप सिंह टोनी, लोहिया क्रांति के सम्पादक अरूण त्रिपाठी, ‘सीमा बुलेटिन’ नारनौद हिसार के सम्पादक घनश्याम जिंदल, ‘ग्रेट मंगला टाइम्स’ पंचकुला के सम्पादक अजय गुप्ता, मौ. शादाब, शाबाश इंडिया के सम्पादक मौ. कारी, गांव देश के सम्पादक शिवशरण सिंह, उप्र. सहकारी रोशनी के हिमांशु मिश्रा, रोशन लहरी के सम्पादक शिव नरेश सिंह, सालाए-ए-आवाज़ के एडिटर नवाब सिद्दकी, निष्पक्ष समाचार टाइम्स के सम्पादक मोहन लाल मेहरोत्रा आदि ने सम्बोधित किया। मंच संचालन वसीउद्दीन सिद्दकी ने किया।
इसके अलावा सर्व श्री विरेन्द्र सिंह कुंडलियाल (दै. मानव जगत), नरेन्द्र शर्मा परवाना (ज्ञान ज्योति दर्पण), सतेन्द्र दीक्षित (दै. दीक्षित टाइम्स, आगरा), मौ. इकबाल खान (राबता टाइम्स), बालकिशन गोयल (सियासत नामा), गौतम जैन (दै. मरूलहर, जयपुर), सत्यदेव तिवारी (प्रोम्प्ट टाइम्स), तनवीर अहमद (सियासी उफूक), डा. अलीमुद्दीन खान (कौमी रफ्तार), एस टी रजा (दौर-ए-जदीद), जावेद रहमानी (सायबान), मौ. कैशर अली (तेजीया टाइम्स), सर्व शक्तिमान (वर्तमान हिन्दुस्तान, पंजाबी), वेद प्रकाश शर्मा (हिन्द प्रहरी), अनुज मुद्गल (मुदगल टाइम्स), महेश कुमार शर्मा (हरित शक्ति), राकेश चौहान (चौगामा की आवाज), इमरान कलीम (रेस एक्सप्रैस), आशा यादव (रोजाना टाइम्स), संजीव सिंह सिकरवार (दै. मध्यराज), मौ. सऊद आलम (झुमरी तिलैया एक्सप्रैस), अजीज अली (दै. राजपथ), भूवनेश्वर पाण्डेय (दै. देशरत्न, आगरा), मौ. सरफराज (सदा-ए-वतन), गिरीश चन्द शर्मा (दै. भेदी नजर), शक्ति माथुर शर्मा (रोज़ाना सबकी खबर), पवन नवरत्न (दै राजपथ, मथुरा), नरेन्द्र पाल सिंह (दै सुलहकुल, आगरा), संजय कुमार (दै मशाल-ए-आजादी, अलीगढ़) सहित काफी प्रकाशक उपस्थित थे।
संसद में बार-बार उठ रहा है मझोले समाचार पत्रों का मामला
विभिन्न सांसदो द्वारा संसद के लोकसभा व राज्यसभा में लघु एवं मझोले समाचार पत्र का मामला निरंतर उठ रहा है। कई माननीय सांसद डीएवीपी की न्यू प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2016 का विरोध कर चुके है तथा मांग की कि छोटे एवं मझोले समाचार पत्रों के हित में इस नीति को संशोधित कराया जाए। आज राज्यसभा में सांसद पी. एल पुनिया जी ने लघु एवं मझोले समाचार पत्रों का मामला उठाया और कहा कि इस नीति को तुरन्त वापिस किया जाए। सरकार द्वारा लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के प्रति भेदभाव किया जा रहा है तथा इन्हे समाप्त करने की कोशिश की जा रही है।
इससे पूर्व राज्य सभा में सांसद चौ. मनुव्वर सलीम व लोक सभा संसद चन्द्र कांत खैरे जी लघु एवं मझोले समाचार पत्रों का मामला संसद में उठा चुके हैं। सांसदों ने इस छोटे अखबारों को समाप्त करते की साजिश करार दिया है तथा इस नीति को शीघ्र वापिस करने की मांग की है।
बाडमेर में भी प्रकाशकों ने दिया डीएवीपी नीति के विरोध में ज्ञापन
दिल्ली में जब देश भर के पत्रकार डीएवीपी की प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के विरोध में आवाज बुलंद कर रहे थे बाडमेर प्रेस क्लब के साथियों ने प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन अति. जिला अधिकारी को सौंपा और डीएवीपी की न्यू प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति-2016 को तत्काल वापिस लेने की मांग की। उन्होने ज्ञापन में कहा कि यह नीति छोटे और मंझोले अखबारों को समाप्त करने का षड्यंत्र है। हम सभी इसका विरोध करते हैं।  #www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar,

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