ढैंचा घोटाले में पी०आई०एल० आज भी है लम्बित ; रघुनाथ मोर्चा अध्यक्ष

मुख्यमन्त्री के दरबारी ढैंचा घोटाले में झूठ बोलने से आयें बाज ……नेगी
ढैंचा घोटाले में पी०आई०एल० सं० ७०/२०१५ है श्री त्रिवेन्द्र के खिलाफ आज भी है लम्बित।
नमांकन पत्र में नहीं दर्शाया जनहित याचिका के तथ्य।
२८ फरवरी २०१७ का मा० उच्च न्यायालय ने दिये हैं मामले को २१.०४.२०१७ हेतु लिस्ट करने के निर्देश।

विकासनगर-देहरादून स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्श मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अभी दो दिन पहले मेरे द्वारा सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र रावत के खिलाफ चुनावी नामांकन पत्र में ढैंचा घोटाले को लेकर झूठा षपथ पत्र दिये जाने का मामला उठाया था, जिसमें मेरे द्वारा कहा गया था कि श्री रावत द्वारा २०१७ के विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में ढैंचा बीज घोटाले से सम्बन्धित जनहित याचिका सं० ७०/२०१५ का उल्लेख नहीं किया, जिसमें प्रतिवादियों का २०.०७.२०१५ को काउन्टर एफीडेविट जमा करने हेतु तीन सप्ताह का नोटिस जारी हआ था।
नेगी ने कहा कि उक्त मामले की जब पत्रकारों द्वारा मुख्यमन्त्री के दरबारियों से प्रतिकि्रया ली गयी तो उनके द्वारा यह कहना कि ’’मामला न्यायालय ने समाप्त कर दिया है तथा सभी तथ्य औचित्यहीन है‘‘ बहुत ही गम्भीर पहलू है।
हैरानी की बात यह है कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेष दिनांक २८.०२.२०१७ के द्वारा उक्त मामले को २१.०४.२०१७ हेतु लिस्ट करने के निर्देष दिये थे तथा मा० न्यायालय ने काउन्टर एफिडेविट जमा न कर पाने की सूरत में प्रतिवादी को स्वयं उपस्थित होने के निर्देष दिये थे तथा आज भी मामला मा० न्यायालय में लम्बित है।
नेगी ने मुख्यमन्त्री श्री रावत को जनहित में मषवरा दिया कि स्वयं एवं अपने दरबारियों से जनता के सामने झूठ न बुलवायें, अन्यथा मोर्चा मामले की और अधिक चीर-फाड करेगा।

जनसंघर्श मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अभी दो दिन पहले मेरे द्वारा सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र रावत के खिलाफ चुनावी नामांकन पत्र में ढैंचा घोटाले को लेकर झूठा षपथ पत्र दिये जाने का मामला उठाया था, जिसमें मेरे द्वारा कहा गया था कि श्री रावत द्वारा २०१७ के विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में ढैंचा बीज घोटाले से सम्बन्धित जनहित याचिका सं० ७०/२०१५ का उल्लेख नहीं किया, जिसमें प्रतिवादियों का २०.०७.२०१५ को काउन्टर एफीडेविट जमा करने हेतु तीन सप्ताह का नोटिस जारी हआ था। नेगी ने कहा कि उक्त मामले की जब पत्रकारों द्वारा मुख्यमन्त्री के दरबारियों से प्रतिकि्रया ली गयी तो उनके द्वारा यह कहना कि ’’मामला न्यायालय ने समाप्त कर दिया है तथा सभी तथ्य औचित्यहीन है‘‘ बहुत ही गम्भीर पहलू है।

हैरानी की बात यह है कि मा० उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेष दिनांक २८.०२.२०१७ के द्वारा उक्त मामले को २१.०४.२०१७ हेतु लिस्ट करने के निर्देष दिये थे तथा मा० न्यायालय ने काउन्टर एफिडेविट जमा न कर पाने की सूरत में प्रतिवादी को स्वयं उपस्थित होने के निर्देष दिये थे तथा आज भी मामला मा० न्यायालय में लम्बित है।
नेगी ने मुख्यमन्त्री श्री रावत को जनहित में मषवरा दिया कि स्वयं एवं अपने दरबारियों से जनता के सामने झूठ न बुलवायें, अन्यथा मोर्चा मामले की और अधिक चीर-फाड करेगा।

पत्रकार वार्ता मेंः- मोर्चा जिलाध्यक्ष डा० ओ०पी० पंवार, दिलबाग सिंह, मौ० असद, नरेन्द्र तोमर आदि थे।

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