धारचूला विधानसभा घमासान टलता है कि नहीं

धारचूला विधानसभा घमासान टलता है कि नहीं

पिथौरागढ। धारचूला विधानसभा से नामांकन की तैयारी में लगे भाजपा नेता जगत मर्तोलिया को मनाने के लिये भाजपा के केन्द्रीय नेताओं ने बातचीत शुरू कर दी है। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश तथा उत्तराखंड चुनाव प्रभारी एवं केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने मर्तोलिया को बातचीत के लिये २८ जनवरी को देहरादून बुलाया है। केन्द्रीय नेताओं ने आश्वासन दिया कि पार्टी उनके सम्मान की रक्षा करेगी।
बागी तेवर बनाये हुए भाजपा नेता जगत मर्तोलिया ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार की देर सायं उक्त दोनों केन्द्रीय नेताओं ने उनसे लंबी बातचीत की। इसलिये वे अब २७ जनवरी को पूर्व घोषित अपने नामांकन के फैसले को वापस ले रहे ह। उन्होंने बताया कि पार्टी कार्यकर्ता एवं आम जनता के अनुरोध को भी उन्होंन साथ में स्वीकार किया है। मर्तोलिया ने बताया कि देहरादून में वार्ता होने के बाद वे अपने समर्थकों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं की विधानसभा स्तरीय बैठक के बाद तय करेंगे कि धारचूला विधानसभा के भाजपा प्रत्याशी का चुनाव प्रचार करगे कि नहीं। अभी भी भाजपा में चल रहा रार पूरी तरह थमा नहीं है। मर्तोलिया ने कहा कि चुनाव संचालन समिति तथा संसदीय बोर्ड के सम्मुख उनके पक्ष एवं जनाधार, सर्वे रिपोर्ट को गलत ढंग से पेश किया गया। इसलिये उनका टिकट कटा। संसदीय बोर्ड के सबसे ताकतवर सदस्य रहे उक्त दोनों केन्द्रीय नेताओं के सम्मुख वे अपनी बात को रखना चाहते हैं। मर्तोलिया यह कहने से भी नहीं चूके कि पार्टी ने कांग्रेसी कुशासन के खिलाफ उनके संघर्ष, त्याग तथा जनाधार का सम्मान नहीं किया। इसलिये वे पार्टी से नाराज हैं। टिकट कटना तो एक सामान्य बात है। मर्तोलिया ने बताया कि केन्द्रीय नेताओं ने उनके तर्कों का सम्मान करते हुए विस्तार से बातचीत के लिये उन्हें बुलाया है। २०१७ के विधानसभा चुनावों में पार्टी उनका कहां पर उपयोग करना चाहती है इस पर भी केन्द्रीय नेताओं से बातचीत की जायेगी। भाजपा नेता मर्तोलिया ने विधानसभा प्रत्याशी घोषित हो जाने के बाद दस दिनों के भीतर बगावती तेवर दिखाकर पार्टी में अपनी ताकत तथा कार्यकताओं में पकड होने का एहसास केन्द्रीय नेताओं को करा दिया। फिलहाल धारचूला विधानसभा में मर्तोलिया के नामांकन हो जाने के बाद पार्टी में हो रही दोफाड की स्थिति टल गयी है। केन्द्रीय नेताओं से बातचीत होने के बाद मर्तोलिया के अगले कदम के बाद तय होगा कि यह घमासान टलता है कि नहीं।

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