विश्वविद्यालय की पहचान उनके विद्यार्थियों से ः डॉ. प्रणव पण्ड्या

DR PANDYAविश्वविद्यालय की पहचान उनके विद्यार्थियों से ः डॉ पण्ड्या

नवप्रवेशी विद्यार्थियों के स्वागत के लिए आयोजित हुआ उन्नयन-२०१६

हरिद्वार २१ अगस्त।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि
‘उन्नयन-१६’ जीवन में स्फूर्ती और जोश के साथ कुछ कर गुजरने की प्रेरणा
देता है। यह हर वर्ग, उम्र के लोगों को विचारों तथा कर्मों से युवा बने
रहने की शिक्षा देता है। आज संसार को जरूरत है ऐसे युवाओं की जिनके कदम
उत्कृष्टता की ओर बढ़ते हों।

डॉ. पण्ड्या देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के मृत्युजंय
सभागार में नवप्रवेशी विद्यार्थियों के स्वागत हेतु आयोजित उन्नयन-२०१६DSC_4343NN
के अवसर पर विद्यार्थियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज सभी
विश्वविद्यालय में उन्नयन जैसे कार्यक्रम की जरूरत है जिससे जूनियर एवं
सीनियर विद्यार्थियों का मतभेद खत्म हो तथा आपस में प्यार बढ़े। उन्होंने
कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान उनके विद्यार्थियों से होती है।
जो विश्वविद्यालय की गौरव गरिमा को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास रत
रहते हैं।

इससे पूर्व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के सीनियर
विद्यार्थियों ने नवप्रवेशी विद्यार्थियों के स्वागत के लिए उन्नयन-१६ काDSC_4373NN
आयोजन किया। इसकी मुख्य थीम उत्तिष्ठत् जाग्रत थी, जिसे कुलाधिपति ने
निर्धारित की थी। इस अवसर पर बी.ए तृतीय वर्ष के छात्र देवेन्द्र ठाकुर
ने देव स्तुति के मनमोहक नृत्य के साथ कार्यक्रम में समा बांध दिया। इसके
उपरान्त छात्र-छात्राओं ने समूह गान, समूह नृत्य, लघु नाटिका, मोनो एक्ट
तथा जटिल योगासनों का प्रदर्शन के द्वारा विश्वविद्यालय की खूबियां एवं
विभिन्नता को दर्शाते हुए भारतीय संस्कृति एवं अध्यात्मवाद का संदेश
पहुंचाया। साथ ही देसंविवि द्वारा व्यक्तित्व विकास के विविध आयाम
स्वाध्याय, यज्ञ, गीता-ध्यान, प्रार्थना आदि को रचनात्मक तरीके सेDSC_0164N
प्रस्तुत किया, जो विद्यार्थियों के मनोरंजन के साथ-साथ प्रेरणा देने
वाला रहा। उल्लेखनीय है उन्नयन-१६ की तैयारी से लेकर सम्पूर्ण कार्य
विद्यार्थियों ने ही सम्पन्न कराया।

इस अवसर पर देसंविवि के सभी विद्यार्थी, शिक्षकगण,
कर्मचारी, शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के कार्यकर्त्ता मौजूद
रहे।

स्काउट गाइड का राष्ट्रपति व राज्यपाल पुरस्कार जांच शिविर शांतिकुंज में प्रारंभ

हरिद्वार २१ अगस्त।

उत्तराखण्ड राज्य का स्काउट गाइड का प्रादेशिक प्रशिक्षण केन्द्र
शांतिकुंज में पांच दिवसीय राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कार जांच शिविर
का आज शुभारंभ हुआ। दोनों शिविरों में स्काउट मास्टर एवं गाइड कैप्टनों
ने अलग-अलग प्रशिक्षण शिविर का संचालन कर रहे हैं।

शिविर का शुभारंभ स्काउट गाइड के ध्वज फहराने के साथ
बौद्धिक सत्र से हुआ। इस अवसर पर शांतिकुंज के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता डॉ.
ब्रजमोहन गौड़ ने स्काउट गाइड को अनुशासनबद्ध होकर कार्य करने की बात कही।
राष्ट्रपति जाँच शिविर में देवभूमि के देहरादून, हरिद्वार, चम्पावत,
पिथौरागढ़, पौड़ी गढ़वाल सहित सभी जनपदों के१०६ तथा राज्यपाल जांच शिविर में
१२० विद्यार्थी शामिल हैं। इन स्काउट एवं गाइड के विभिन्न प्रशिक्षण के
क्रम में प्रशिक्षक राज्य आयुक्त वीरेन्द्र सिंह विष्ट, राज्य प्रशिक्षण
आयुक्त डॉ. रामसिंग नेगी, विमला पंत, कल्पना धामी, जनपद मुख्यालय आयुक्त
गेंदालाल चौरसिया, जिला संगठन आयुक्त मंगल गढ़वाल, सचिव नरेन्द्र ठाकुर
आदि जुटे हैं।

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