समाज के प्रत्येक वर्ग का विकास अहम् ः डॉ. प्रणव पण्ड्या

dr-pranav-pandyaअखिल विश्व गायत्री परिवार #आदिवासियों को मिला नवजीवन #समाज के प्रत्येक वर्ग का विकास अहम् ः डॉ. प्रणव पण्ड्या

हरिद्वार १२ सितंबर।
अखिल विश्व गायत्री परिवार समाज के प्रत्येक वर्ग के विकास हेतु अलग-अलग कार्यक्रम संचालित कर रहा है। युवा वर्ग के लिए नैतिक, बौद्धिकएवं रचनात्मकगतिविधियाँ चला रहा है तो वहीं गरीब व आदिवासी भाई-बहिनों हेतु कुटीर उद्योग के साथ विभिन्न प्रशिक्षणकार्यक्रम भी आयोजित कर रहा है। गायत्री परिवारहिमालय के बीच बसे उत्पाल्टा में युवाओं को कुटीर उद्योग का प्रशिक्षण दे रहा है, तो वहीं मध्यप्रदेश के आदिवासी भाई-बहिनों के सांस्कृतिक उन्नयन हेतु विशेषअभियान चलाया है।
ऐसे ही एक कार्यक्रम मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के दस हजार से अधिक आदिवासी भाई-बहिनों के बीच संपन्न कराकर लौटे मध्य जोन के समन्वयक श्रीकैलाश महाजन ने बताया कि मध्य प्रदेश में निमाड़ के आदिवासी बहुल क्षेत्र में सन्त श्री डेमनिया भाई नशा मुक्ति अभियान चला रहे हैं। ३० वर्ष पूर्व वे इसके लिएअकेले ही घर से चले थे। अब तक वे मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान के पाँच लाख से अधिक आदिवासी व अन्य लोगों से शराब व अन्य नशा छुड़वा चुके हैं। वे मप्र,छत्तीसगढ़ एवं जयपुर के आदिवासी भाई-बहिनों के बीच नशा मुक्ति अभियान से अच्छी सफलता प्राप्त की है। इस जन जागरण अभियान की सफलता की सराहनाकरते हुए मप्र के राज्यपाल ने उन्हें सम्मानित भी किया।
डेमनिया भाई ने बताया कि उनके परिवार के पास काफी जमीन थी, पिता को शराब की लत लगी, तो उन्होंने धीरे-धीरे ४०-५० बीघा जमीन बेच दी। अंतसमय में उन्हें गलती का अहसास हुआ, तो शराब से दूर रहने की सीख दी। इस बीच गायत्री परिवार से जुड़कर नशा मुक्ति अभियान को अपने जीवन का ध्येय बनालिया।
अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या व संस्थाकी अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि मप्र, छग व जयपुर के आदिवासी भाई-बहिनों ने जिसतरह से शराब मुक्ति अभियान में भागीदारी करते हुए नशा से दूर रहने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, यह समाज के लिए एक शुभ संकेत है। डॉ. पण्ड्या ने कहाकि उन आदिवासी परिवारों के साथ गायत्री परिवार खड़ा है। उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए भी गायत्री परिवार ने प्रशिक्षण का क्रम प्रारंभ किया है। धीरे-धीरे उनकेपरिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधर रही है।

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