पेयजल लाइनें ध्वस्त, बरसाती गदेरे का पानी पीने को मजबूर

IMG-20160702-WA0013मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि से जिले में 43 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त होने से 80 से अधिक गांवों में जल संकट हो गया है। लोग दो किमी दूर प्राकृतिक स्रोतों से वाहनों की मदद से अपने और मवेशियों के लिए पानी जुटा रहे हैं। 20 मई से शुरू हुए बारिश और अतिवृष्टि से जहां ऊखीमठ नगर, ऊखीमठ-फाफंज, ऊखीमठ-मंगोलचारी पेयजल योजनाएं कई स्थानों पर टूटी हैं।
वहीं सेमला और भींगी की पेयजल योजनाएं पूर्णरूप से ध्वस्त हो गई हैं। यहां ग्रामीण बरसाती गदेरे का पानी पीने को मजबूर हैं। इधर, जखोली ब्लाक के मवाण गांव, चाका, जैली, कंडाली तथा अगस्त्यमुनि ब्लाक में मदोला, भुनका, कोठगी आदि पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हैं।

यहां ग्रामीण दूरस्थ स्रोतों से पानी जुटा रहे हैं। जनपद में 30 विभागीय और 13 ग्राम पंचायतों की योजनाओं को क्षति पहुंची हैं। मवाणागांव के ग्राम प्रधान रेखा देवी का कहना है कि पेयजल योजना 15 दिन से टूटी है।

ग्रामीण गदेरे का गंदीला पानी पी रहे हैं, जिससे बीमारी का खतरा बना हुआ है। सेमला के वन पंचायत सरपंच देवेंद्र सिंह और केएन त्रिवेदी ने बताया कि 28 परिवार 800 सौ मीटर दूर से पानी जुटा रहे हैं। स्टोर टैंक ध्वस्त होने से स्थिति गंभीर हो गई है।

बारिश और अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त 43 योजनाओं को क्षति पहुंची है। सड़क से लगे गांवों में टैंकर से पेयजल सप्लाई की जा रही है। टूटी योजनाओं की स्थायी मरम्मत के लिए शासन को 1, 27, 70 हजार का इस्टीमेट भेजा जा चुका है।
वही दूसरी ओर चमोली जनपद में तीन स्थानों पर बादल फटने के बाद लापता हुए नौ लोगों में से पांच के शव बरामद कर लिए गए हैं। जबकि अब भी छह लोग लापता हैं। घाट कस्बे के पुराने बाजार में एक मकान में सो रहे दादा और पोता नंदाकिनी नदी में बह गए। दशोली ब्लाक के सिरों गांव में अखोड़ी गदेरे के उफान में बहे दो युवकों के शव मिले हैं। जबकि इसी ब्लाक के जाखणी गांव में दो नेपाली मजदूरों सहित पांच लोग लापता हैं।
बृहस्पतिवार रात नौ बजे से हो रही बारिश शुक्रवार को भी जारी रही। बारिश से बदरीनाथ हाईवे के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से करीब तीन हजार यात्रियों को जगह-जगह सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया है। दशोली ब्लाक के सिरौं गांव के बीचों-बीच स्थित अखोड़ी गदेरे में सुबह पांच बजे बादल फटने से गदेरा उफान पर आ गया। इससे गांव के मनोहर सिंह झिंक्वाण (30) पुत्र मोहन सिंह और जयप्रकाश (36) पुत्र दर्शन सिंह बह गए। पुलिस ने दोनों का शव बरामद कर लिया है।

घाट पुराने बाजार में नंदाकिनी के ऊफान से घूनी गांव निवासी रामचंद्र (80) और उनका पोता योगेश्वर प्रसाद (18) पुत्र सुंदरमणि आवासीय मकान समेत बह गए हैं। दोनों के शव बरामद हो गए हैं। घाट ब्लॉक के जाखणी गांव में भी चार लोगों के बहने की सूचना है। यहां राजेश्वरी देवी पत्नी बीरबल, अव्वल दास और दो नेपाली मूल के मजदूर मलबे में जिंदा दफन हो गए हैं।

इसी ब्लाक के वादुक गांव में ग्रामीण जीत सिंह आवासीय भवन के क्षतिग्रस्त होने से मलबे में दब गया है। घाट पुराने बाजार में शंभू प्रसाद, बदरी प्रसाद, कुंवर राम और हिम्मत सिंह के मकान भी नंदाकिनी नदी में बह गए हैं। कुमजुग गांव के कुमारतोली तोक में नंदाकिनी नदी से करीब 12 मकान मलबे में दब गए हैं।

गांव में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर का भवन भी मलबे में दब गया है। गांव के ग्रामीण बुद्धिराम, गुड्डूराम, मंजू, संदीप, महावीर, नंदी देवी, सीता देवी और वंशीराम को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित निकाल दिया है।

घाट बाजार में सुरेंद्र सिंह, अब्दुल गफ्फार और गीता देवी की दुकानें बह गई हैं, जबकि ग्रामीण शिव सिंह नेगी, मोहन सिंह, नरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, भागवत सिंह और रमेश रौतेला के आवासीय मकान नदी के कटाव से खतरे की जद में आ गए हैं।

इनके मिले शव
मनोहर सिंह झिंक्वाण (30) पुत्र मोहन सिंह, ग्राम-सिरौं, चमोली
जयप्रकाश (36) पुत्र दर्शन सिंह, ग्राम -सिरौं, चमोली
जीत सिंह (30) पुत्र खिलाप सिंह, ग्राम-वादुक, घाट, चमोली
लापता लोग-
अव्वल दास पुत्र सेमी दास, ग्राम-जाखणी, चमोली
राजेश्वरी देवी पत्नी बीरबल सिंह, ग्राम-जाखणी, चमोली
रामचंद्र, ग्राम-घूनी, घाट
योगेश्वर प्रसाद (18) पुत्र सुंदरमणि, ग्राम घूनी, चमोली

दो नेपाली मूल के मजदूर
भारी बारिश से सहमे तमिलनाडू के तीर्थयात्री
गोपेश्वर। चमोली बाजार से करीब आधा किमी पहले रुईगाड में बादल फटने से बदरीनाथ हाईवे करीब सौ मीटर बह गया है। यहां स्थित होटल में ठहरे 60 तीर्थयात्रियों और 13 स्थानीय लोगों को पुलिस और लोगों की मदद से सुरक्षित निकाल दिया गया है। बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग, चमोली, बिरही और कोड़िया में अवरुद्ध हो गया है।
रुईगाड के समीप एक होटल में ठहरे तमिलनाडू के 34 तीर्थयात्री भारी बारिश को देखते हुए सहमे हुए हैं।

तीर्थयात्री कृष्णन, चंद्रशेखर, सिलवरनाथ, कमलानाथ, अय्यपन और मुक्त विजयन का कहना है कि वे बृहस्पतिवार को बदरीनाथ धाम जा रहे थे। रात्रि विश्राम के लिए चमोली बाजार में ठहर गए। कहा कि उन्होंने अपनी आंखों के सामने पहली बार ऐसी प्रलयंकारी बारिश देखी।

होटल के समीप गदेरे में डरावनी आवाजें आ रही थी। बाहर देखा गदेरा उफान पर था। गदेरे में मलबा और बोल्डर बह कर आ रहे थे। इसी दौरान चमोली बाजार की ओर से कुछ पुलिस वाले और स्थानीय लोगों ने हमें वहां से सुरक्षित निकाला।

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