गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स; जीएसटी;

GSTभारत में केंद्र से लेकर राज्यों में सरकार भले ही अलग-अलग दलों की हो मगर आर्थिक नीतियां कमोबेश एक जैसी ही हैं. सबका मॉडल एक ही है लेकिन अब हर राज्य में एक ही प्रकार की कर प्रणाली होगी जिसका नाम जीएसटी है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स. यह बदलाव आम उपभोक्ता को प्रभावित करने के साथ-साथ बड़ी कंपनियों से लेकर गांव कस्बों में चल रहे छोटे कारखाने और उत्पादों को भी प्रभावित करेगा. www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal
जीएसटी लागू होने के बाद कई सवाल हैं. पहला सवाल तो ये हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद क्या सस्ता होगा और क्या महंगा होगा. मोबाइल के बिल से लेकर रेस्त्रा में खाना-पीना. क्रेडिट कार्ड पर खरीदारी से लेकर हवाई सफर. आज की तारीख मे गिनी चुनी सेवाओं को छोड़कर सभी पर सर्विस टैक्स लगता है. भले ही अभी ये तय नहीं हुआ हो किन सामान के लिए जीएसटी की दर क्या होगी, लेकिन एक बात तो तय है कि सर्विस टैक्स बढ़ेगा. इस बारे में पहला संकेत मुख्य आर्थिक सलाहकार अऱविंद सुब्रमण्यिन की रिपोर्ट से ही मिल गए थे.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यसभा में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक के पारित होने का स्वागत किया और इसे सही मायनों में एक एतिहासिक क्षण बताया। उन्होंने इसके लिए सभी दलों के नेताओं और सदस्यों को धन्यवाद दिया। मोदी ने जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद का सबसे बेहतर उदाहरण बताया और कहा कि हम सभी मिलकर भारत को प्रगति की नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। जीएसटी से जुड़े संविधान के 122वें संशोधन विधेयक 2014 के राज्यसभा में पारित होते ही मोदी ने ट्वीटर पर कहा, ‘राज्यसभा में जीएसटी विधेयक पारित होने के सही मायनों में इस एतिहासिक अवसर पर मैं सभी दलों के नेताओं और सदस्यों का आभार व्यक्त करता हूं।’

उन्होंने इसे नई राह दिखाने वाला निर्णय बताते हुए कहा, ‘21वीं सदी के लिये देश को एक नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली देने के लिये हमारे सांसदों को बधाई दी जानी चाहिये।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी से ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को बढ़ावा मिलेगा तथा निर्यात प्रोत्साहन में भी मदद मिलेगी। देश में रोजगार और राजस्व में वृद्धि होगी।
एसजीएसटी में राज्य सरकारों की ओर से लगने वाले वैल्यू एडेड टैक्स यानी वैट, ऑक्ट्रॉय व इंट्री टैक्स, परचेज टैक्स, लग्जरी टैक्स, लॉटरी पर लगने वाले टैक्स और तमाम सेस और सरचार्ज मिल जाएंगे. वहीं दो राज्यों के बीच होने वाले कारोबार पर आईजीएसटी लगेगा. शराब पूरी तरह से जीएसटी से बाहर रहेगी, यानी इस पर टैक्स लगाने के लिए राज्य सरकारें स्वतंत्र होंगी. पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और रसोई गैस को भी फिलहाल जीएसटी से बाहर ऱखने का फैसला किया गया है. मतलब केंद्र और राज्य सरकारें दोनों मिलकर उस पर टैक्स लगाती रहेगी.
राज्यसभा से संविधान संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया शुरु होगी. इसमें तीन कानून बनने के साथ-साथ जीएसटी काउंसिल का गठन होना शामिल है.

अगर राज्यसभा ने मूल विधेयक में फेरबदल को मंजूरी दे दी तो उस पर लोकसभा की भी मंजूरी जुटानी होगी. फिर संविधान संशोधन विधेयक को कम से कम 15 राज्यों के विधानसभाओं से अनुमोदित कराना होगा. ये हो जाने के बाद, राष्ट्रपति संविधान संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे जिसके बाद वो कानून बन जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘हम सभी दलों और राज्यों के साथ मिलकर ऐसी कर प्रणाली बनाने के लिये कार्य करते रहेंगे जिससे कि देश के सभी नागरिकों को फायदा हो और पूरा देश एक जीवंत साझे बाजार के रूप में उभरे।’
राज्यसभा में जीएसटी बिल पास हो गया है. संसद के मानसून सत्र में जीएसटी पास कराने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील रंग लाई है और सदन में 197 वोटों के साथ जीएसटी बिल को पास कर दिया गया है. जीएसटी के लिए संविधान संशोधन बिल के खिलाफ एक भी वोट नहीं पड़ा यानी पूर्ण बहुमत से जीएसटी बिल को पास कर दिया गया है. राज्यसभा में कांग्रेस का समर्थन मिलने के बाद जीएसटी यानी वस्तु और सेवा कर लागू करने के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर लग चुकी है. यह अब तक सबसे कड़ा आर्थिक सुधार है, क्योंकि इससे पूरे देश में एक समान कर लगेगा.

गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के लिए जरुरी संविधान संशोधन विधेयक पर आज राज्यसभा में मुहर लग सकती है. राज्यसभा से ये बिल पास हो जाने पर केंद्र सरकार लोकसभा की सहमति जुटाएगी. हालांकि इसके बाद कई और विधायी प्रक्रिया पूरी करनी होंगी और नियम-कानून को अंतिम रुप देना होगा. अगर सब ठीक रहा तो उम्मीद है कि अगले साल 1 अप्रैल से जीएसटी लागू हो सकता है.

बिल को लेकर वित्त मंत्री अरूण जेटली काफी उत्साहित हैं. उन्हें लगता है कि नई कर व्यवस्था लागू होने से देश की अर्थव्यवस्था को काफी फायदा होगा. विभिन्न सामान और सेवाओं के लिए देश को एक बाजार बनाने वाले जीएसटी में कई करें मिला दी जाएंगी. इनकी जगह सिर्फ तीन तरह के टैक्स होंगे.

सेट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी सीजीएसटी

स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी एसजीएसटी

इंटिग्रेटेड गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी आईजीएसटी

सीजीएसटी में केंद्र सरकार की ओर से लगाए जाने वाले सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स, एडिशनल कस्टम ड्यूटी, स्पेशल एडिशनल कस्टम ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स के साथ कई तरह के सरचार्ज और सेस मिल जाएंगे.

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