गुजरात निकाय चुनाव- 27 नगरपालिकाओं पर कांग्रेस का कब्जा

बीजेपी का प्रदर्शन पहले से खराब  # गुजरात निकाय चुनाव- जैसे तैसे मिली जीत 

बीजेपी को झटका विधानसभा चुनाव के बाद गुजरात में ये पहले चुनाव # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 

राज्य की 75 नगरपालिकाओं में से 59 में बीजेपी का कब्जा था. वहीं इस बार बीजेपी का प्रदर्शन पहले से खराब रहा है. पिछली बार कांग्रेस पार्टी ने 75 नगरपालिकाओं में से 11 सीटें जीती थी. इस बार उसे बड़ा फायदा होता दिखा. कांग्रेस ने 75 में से 27 नगरपालिकाओं पर अपना कब्जा जमाया.
विधानसभा चुनाव के बाद गुजरात में ये पहले चुनाव हैं। गुजरात की 75 नगरपालिकाओं पर 17 फरवरी को हुए चुनाव के नतीजें आज घोषित – पिछले चुनाव में बीजेपी का 60 नगर पालिकाओं का कब्जा था, 6 पर कांग्रेस का कब्जा था. 9 पर निर्दलीयों के साथ बीजेपी सत्ता में आई थी. गुजरात की 75 नगरपालिकाओं, 2 जिला पंचायत, 17 तालुका पंचायत और लगभग 1,400 ग्राम पंचायत चुनाव

गुजरात में 74 नगरपालिका चुनाव के वोटों की काउंटिंग जारी है। फिलहाल रुझानों में बीजेपी आगे है। दूसरे नंबर पर कांग्रेस है। दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव के बाद यह पहला चुनाव है। नगरपालिका चुनाव के लिए 17 फरवरी को वोट डाले गए थे। निकाय चुनाव में बीजेपी की ओर से 1934 और कांग्रेस के 1783 कैंडिडेट्स मैदान में थे। 1793 निर्दलीय कैंडिडेट्स ने चुनाव लड़ा था।
75 में नगरपालिका के नतीजे आ चुके हैं. इस बार के नतीजों में बीजेपी को झटका लगा है. 15 नगरपालिका कांग्रेस ने बीजेपी से छीन ली है. अभी तक के नतीजों में 43 नगरपालिका में बीजेपी तो वहीं 27 में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है. 5 नगरपालिका में निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है. पीएम मोदी के गृह नगर वडनगर में बीजेपी ने 28 में 27 सीटें जीतकर कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है. अमरेली की 3 में दो नगरपालिका में बीजेपी ने जीत दर्ज की है वहीं कांग्रेस के खाते में एक नगरपालिका गई है. भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका में भी बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. वहीं टाटा के नैनो प्लांट से चर्चा में आए गुजरात के साणंद में भी भगवा रंग चढ़ा दिखा. लौहपुरुष सरदार पटेल की जन्मस्थली करमसद और एनसीपी के प्रभुत्व वाली कुतियाणा नगरपालिका में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस ने धीरुभाई अंबानी के गांव चोरवाड और जूनागढ के वंथली में जीत दर्ज की है.
पोरबंदर की चोरवाड नगरपालिका में कांग्रेस का कब्जा हो गया है. पीएम मोदी के गृहनगर वडनगर में बीजेपी ने जीत दर्ज की है. छाया नगरपालिका में 16 बीजेपी, 12 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है.
भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका में भी बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. वहीं टाटा के नैनो प्लांट से चर्चा में आए गुजरात के साणंद में भी भगवा रंग चढ़ा दिखा. लौहपुरुष सरदार पटेल की जन्मस्थली करमसद और एनसीपी के प्रभुत्व वाली कुतियाणा नगरपालिका में भी बीजेपी ने जीत दर्ज की है. वहीं कांग्रेस ने धीरुभाई अंबानी के गांव चोरवाड और जूनागढ के वंथली में जीत दर्ज की है. बनासकांठा के थराड नगरपालिका में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है. यहां बीजेपी और कांग्रेस को 12-12 सीटें मिली हैं. यहां 4 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. राजुला नगरपालिका में कांग्रेस ने बीजेपी का सफाया कर दिया. कांग्रेस ने 18 में जीत दर्ज की है. द्वारका नगरपालिका में बीजेपी का कब्जा, 15 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. साणंद में बीजेपी ने 16 सीटें जीती हैं. वलसाड़ में बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर देखने को मिली है. यहां दोनों ही पार्टियों को 14-14 सीटें मिली है.
जूनागढ़ की 6 नगरपालिकाओं में से 6 में बीजेपी और 6 में कांग्रेस आगे है. तलाजा में रस्साकशी के बाद बीजेपी जीत गई है. बीजेपी को 16 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली है. उपलेटा में 12 में से 10 बीजेपी के खाते में गई हैं जबकि यहां कांग्रेस के विधायक है. तलाजा में कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर मानी जा रही है. यहां कांग्रेस 12 और बीजेपी 11 सीटों पर आगे है. धंधुका में 28 सीटों में से बीजेपी और कांग्रेस को 8-8 सीटें मिली हैं. मेहमदाबाद में 11 बीजेपी और कांग्रेस 9 सीटों पर आगे हैं.
बता दें कि गुजरात की 75 नगरपालिका के लिए चुनाव होना था लेकिन एक नगरपालिका में निर्विरोध उम्मीदवार का चयन हो गया. अमरेली जिले की जाफराबाद नगरपालिका की सभी 28 सदस्यों की निर्विरोध चुन लिया गया है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद निकाय के लिए 17 फरवरी को 74 नगरपालिकाओं, दो जिला पंचायत, 17 तालुका पंचायत और करीब 1400 ग्राम पंचायतों में शांतिपूर्ण वोटिंग संपन्न हुई थी. दाहोद में सबसे ज्यादा 76.67 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहीं राजकोट में सबसे कम 50.17 प्रतिशत मतदान हुआ था.
निकाय चुनाव में बीजेपी की ओर से 1934, कांग्रेस की ओर से 1783 उमीदवार मैदान में थे. 1793 निर्दलीय उमीदवार भी चुनावी मैदान में थे. इन चुनावों के लिए कुल 2763 मतदान केंद बनाए गए थे जिसमें से 530 को संवेदन और 95 अति संवेदनशील घोषित किया गया था. 15,000 से ज्यादा मतदानकर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था.
साल 2016 में गुजरात की 123 नगरपालिकाओं में हुए चुनाव में बीजेपी ने 107 सीटों पर कब्जा किया था. लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा है हालांकि वह राज्य की सत्ता की चाबी अपने हाथ में रखने में कामयाब हुई लेकिन 22 सालों में पहली बार कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी.
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में हार्दिक, अल्पेश और जिग्नेश की तिकड़ी अपना बहुत ज्यादा असर दिखाने में कामयाब नहीं हुई थी. हालांकि बीजीपे के लिए तीनों ने खासी मुश्किल खड़ी की थी और चुनाव जीतने के लिए बीजेपी को ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा था. इस तिकड़ी का कमाल था कि बीजेपी 100 सीटें भी हासिल नहीं कर पाई. वैसे तो निकाय चुनाव स्थानीय मु्द्दों के आधार पर लड़े जाते हैं. देखना होगा कि बीजेपी का कितना अच्छा प्रदर्शन करती है.

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