हज सब्सिडी से एयरलाइन कंपनियों को फायदा मिलता था ; गुलाम नबी आजाद

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से २०१२ तक खत्म होनी थी सब्सिडी
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सुप्रीम कोर्ट ने साल २०१२ में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे २०२२ तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए. इसे लेकर केंद्र सरकार ने भी २०१८ से हज सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह खत्म किए जाने की बात कही थी वही कुछ दिन पहले ही सऊदी हुकुमत ने भारत के हज यात्रियों का कोटा बढा दिया था. इस साल से भारत के हज यात्रियों की संख्या १,७५,०२५ हो जाएगी।
केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी को खत्म किए जाने के फैसले के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा हज सब्सिडी को खत्म करने की तय की गई सीमा से पहले ही इसे खत्म कर दिया है, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के पार्ट-१ को ही सरकार ने लागू किया है और मुझे लगता है कि सरकार इस फैसले के पार्ट-२ को भी लागू करेगी। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि सब्सिडी से हाजियों को नहीं बल्कि एयरलाइन कंपनियों को फायदा मिलता था। काफी पहले से ही हज सब्सिडी को खत्म किए जाने की मांग उठती रही है. सुपीम कोर्ट ने साल २०१२ में केंद्र सरकार को हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सरकार को इसे २०२२ तक पूरी तक खत्म कर देना चाहिए. इसे लेकर केंद्र सरकार ने भी २०१८ से हज सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से पूरी तरह खत्म किए जाने की बात कही थी।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ंने कहा, ‘मुस्लिम समाज के लोग खुद यह कहते थे कि हज सब्सिडी एक गाली जैसी हो गई है. इसलिए इन चीजों से मुक्ति मिल सके, इसकी कोशिश है. कोई भी मुसलमान सब्सिडी पर हज करना पसंद नहीं करेगा. मैं इतना जरूर कहना चाहता हूं कि हज पर हम पूरी सुविधा देंगे। नकवी ने कहा, यह अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण के बिना और गरिमा के साथ सशक्तीकरण की हमारी नीति का हिस्सा है। मंत्री ने कहा कि सरकार ने पिछले साल हज सब्सिडी पर २५० करोड रुपये खर्च किए थे.
साल २०१२ में आए उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद के वर्षों में हज सब्सिडी की राशि में लगातार कमी की गई. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से आठ फरवरी, २०१७ को जारी बयान के अनुसार सरकार ने २०१३ में ६८०.०३ करोड रुपये, २०१४ में ५७७.०७ करोड रुपये, २०१५ में ५२९.५१ और २०१६ में करीब ४०५ करोड रुपये सब्सिडी के तौर पर दी. नकवी ने इस बात से इनकार किया हज सब्सिडी खत्म करने का कदम राजनीतिक है उन्होंने कहा, जब सरकार ने एलपीजी पर सब्सिडी खत्म की तो क्या वह सियासी मुद्दा है? हम पारर्शी ढंग से हज यात्रा चाहते हैं। हम हज सब्सिडी पर खर्च होने वाले पैसे का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों के शैक्षिणक सशक्तीकरण के लिए करेंगे। उन्होंने कहा, इस बार आजादी के बाद सबसे ज्यादा १.७५ लाख लोग हज पर जाएंगे. हमने हज यात्रियों के लिए अलग-अलग प्रस्थान स्थलों का विकल्प देने का भी फैसला किया है. इसके साथ हजयात्रा के लिए समुद्री मार्ग को लेकर भी विचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि हज पर सब्सिडी की व्यवस्था खत्म किए जाने के बावजूद साल २०१८ में १.७५ लाख भारतीय मुसलमान हज पर जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सऊदी अरब की सरकार ने भारत से पानी के जहाज के जरिए हज यात्रा फिर से आरंभ करने को सैद्धांतिक रूप से सहमति प्रदान कर दी है और दोनों देशों के अधिकारी इससे जुडे तौर-तरीकों को अंतिम रूप देंगे। इस साल की शुरुआत में नकवी ने कहा था कि केंद्र सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक हज सब्सिडी खत्म करेगी।
एएआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने बगैर मेहरम हज पर महिलाओं के जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा का प्रतिवाद करते हुए कहा कि किसी दूसरे देश की सरकार जो काम पहले ही कर चुकी है उसका श्रेय प्रधानमंत्री को नहीं लेना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि सऊदी हज प्रशासन ने ४५ साल से अधिक उम्र की किसी भी देश की मुस्लिम महिला को बगैर मेहरम हज पर जाने की अनुमति दी है। इस बार कुल १३२० महिलाओं ने मेहरम के बिना हज पर जाने के लिए आवेदन किया और भारतीय हज समिति ने सभी के आवेदन स्वीकार कर लिए. इनमें से करीब ११०० महिलाएं केरल की हैं।

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