‘पूरा सच’ नाम के अखबार से पोल खुली थी

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रेप केस में सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा और पंजाब में भारी हिंसा हुई है.   बलात्कार के मामले में दोषी बाबा राम रहीम के बचाव में भाजपा सांसद साक्षी महाराज उतर आए हैं। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को 15 वर्ष पुराने बलात्कार के एक मामले में आज दोषी करार दिया। सीबीआई के न्यायाधीश जगदीप सिंह ने 50 वर्षीय डेरा प्रमुख को बलात्कार का दोषी ठहराते हुए कहा कि उनकी सजा का एलान 28 अगस्त को किया जाएगा। 

पंचकूला में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ गयी है. मृतकों का आंकड़ा जहां 30 तक पहुंच गया है तो घायलों की संख्या भी 250 को पार कर गयी है.हरियाणा सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा ‘अब तक 22 लोगों के शवों को बरामद किया गया है और गोली चलाने वाले उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है. उपद्रवियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. धारा 144 कैसे टूटी? सीएम खट्टर ने इसका जवाब नहीं दिया सीएम खट्टर को केंद्र सरकार के निर्देश मिला कि तुरंत पंचकूला पहुंचे और हालात का जायजा लें. माना जा रहा है कि सीएम पंचकूला पहुंच कर तमाम इंतजाम के बावजूद हिंसा को लेकर कुछ लोगों पर कार्रवाई के आदेश भी दे सकते हैं. 

हरियाणा की हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, “आज हिंसा की घटनाओं से गहरा दुख, में गहरा दुख होता है, मैं हिंसा की निंदा करता हूं और हर किसी को शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूं.
कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. मैंने एनएसएए और गृह सचिव के साथ स्थिति की समीक्षा की. अधिकारियों से स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य करने के लिए कहा गया है.”

मनोहर लाल खट्टर को इस घटना की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. सिर्फ पंचकुला में एक लाख से अधिक लोग इकट्ठा हो गई थी. अब कितनी भी सेना हो या पुलिस हो इतनी भीड़ को हिंसक होने पर रोकना मुश्किल काम ही होगा. सबसे बेहतर यही होता कि इस भीड़ को जमा ही नहीं होने दिया जाता. एक या दो अविवेकी और हिंसक इंसान पर काबू पाना आसान होता है लेकिन जब यह भीड़ वह भी लाखों की भीड़ में तब्दील हो जाए हो यह असंभव जैसा काम होता है.  पुलिस प्रशासन के अफसर यह बयान दे रहे थे कि सुरक्षा के पुख्ता अंजाम किए गए हैं. सेना और अर्द्ध-सैनिक बलों को तैनात किया गया है और धारा 144 लगाई गई है.  मनोहर लाल खट्टर के 2014 में मुख्यमंत्री बनने के बाद भीड़ द्वारा सार्वजनिक हिंसा की यह तीसरी घटना है. सबसे पहली घटना हिसार में बाबा रामपाल को गिरफ्तार करने के दौरान हुई थी. इसमें 5 महिलाओं समेत 6 लोगों की मौत हुई थी. बाबा रामपाल के आश्रम में उनके समर्थकों ने तरह-तरह के घातक हथियार जमा कर रखे थे. सुरक्षा बलों ने रामपाल को गिरफ्तार करने के बाद 26 करोड़ रुपए के खर्च का बिल राज्य सरकार को दिया है. इसी तरह जाट आरक्षण आंदोलन के वक्त सार्वजनिक संपत्ति के भारी नुकसान के साथ-साथ 30 लोगों की जान गई थी. मुरथल में सामूहिक बलात्कार की घटनाएं सामने आईं थीं. 

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और बलात्कार के आरोप में दोषी करार हो चुके गुरमीत राम रहीम की संपत्ति बेच कर राज्य को हुए नुकसान की भरपाई की जाए. हाई कोर्ट ने कहा है इसकी पूरी जिम्मेदारी राम रहीम की है. डेरा समर्थकों ने 100 से ज्यादा गाड़ियों में आग भी लगा दी है. डेरा समर्थकों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं. मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, कुछ चैनलों की ओबी वैन तोड़ी गई है. शिमला हाइवे पर गाड़ियों को तोड़ा जा रहा है. पंचकूला कोर्ट पर समर्थकों ने हमला कर दिया है. समर्थक काफी उग्र होते जा रहे हैं. पंजाब के दो रेलवे स्टेशनों मलोट और बल्लूआणा पर आग लगाई दी गई है. राम रहीम समर्थाकों ने समर्थकों ने मानसा में बिजली ग्रिड में आग लगा दी है. फायर ब्रिगेड में भी आग लगाई. पंजाब के मालोट में पेट्रोल पंप में आग लगाई गई है. न्यूज़18 इंडिया की ओबी वैन पर पत्थर फेंके गए हैं. सिरसा में स्थिति बेकाबू होती जा रही है.

जो काम सरकार को करना चाहिए वो हरियाणा में पिछले 3 सालों से कोर्ट कर रही है. इस मामले में भी कोर्ट ने पुलिस-प्रशासन को पहले से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने को कहा था. यानी जो काम मुख्यमंत्री के जरिए होनी चाहिए थी वो अदालत कर रही थी. यहां तक कि हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई का आदेश भी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जरिए आई. अदालत ने कहा कि राम रहीम की संपत्ति जब्त करके नुकसान की भरपाई की जाए. यहां पर केंद्र सरकार खासकर गृह मंत्रालय का रवैया भी काफी निराशाजनक रहा है. सरकारें हर बार सिर्फ ‘कड़ी निंदा’ करके अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकतीं. खासकर तब जब हाई कोर्ट सुरक्षा संबंधी चिंता जता रही हो.

बलात्कार के मामले में दोषी बाबा राम रहीम के बचाव में भाजपा सांसद साक्षी महाराज उतर आए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कोर्ट केवल शिकायतकर्ताओं की बात सुन रही है करोड़ों भक्तों की बात को नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक शिकायतकर्ता सही है या करोड़ों भक्त। साक्षी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने डेरा समर्थकों द्वारा किए गए नुकसान के लिए नयायलय को जिम्मेदार बताया। 

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम पर लगे साध्वी यौन शोषण मामले के आरोपों में पंचकूला की सीबीआई की विशेष अदालत ने आ फैसला सुनाते हुए उन्हे दोषी करार दिया। पुलिस ने डेरा प्रमुख को हिरासत में ले लिया है और उन्हें अंबाला सेंट्रल जेल ले जाया जा रहा है। राम रहीम की सजा पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। राम रहीम को सेना के पश्चिमी कमांड के अस्थाई जेल में रखा जाएगा। इस फैसले के बाद डेरा समर्थक हिंसक वारदातों पर उतारू हो गए हैं। वारदात में अब तक पंचकूला और सिरसा समेत 28 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 250 से ज्यादा लोग घायल हो गएहैं। घायलों में कुछ मीडियाकर्मी भी शामिल हैं।

  उस पत्रकार के बारे में बता रहे हैं जिसने राम रहीम की पोल खोली थी।  जानकारी मुताबिक ‘पूरा सच’ नाम का अखबार निकालने वाले पत्रकार राम चंदेर छत्रपति ने बलात्कार पीड़ित साध्वियों की चिट्ठी प्रकाशित की थी जिससे राम रहीम खासे नाराज थे। कुछ दिनों बाद 24 अक्टूबर 2002 को छत्रपति के घर के बाहर कुछ लोगों ने गोलियों से छलनी कर दिया था। यह हत्या राम रहीम के खिलाफ साध्वी के साथ रेप की खबर अखबार में छपने के कुछ महीने बाद ही की गई थी।  जिस गुमनाम चिट्ठी को पत्रकार छत्रपति ने अपने अखबार में छापा था, वही चिट्ठी तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, चीफ जस्टिस पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट समेत कई जगह भेजी गई थी। तीन पेज कीचिट्ठी में अज्ञात महिला ने गुरमीत राम रहीम के सिरसा आश्रम में चल रहे महिलाओं के शोषण की कहानी को बताया था। 

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