दो साल की सजा मिली तो हार्दिक पटेल ने कहा- ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’

साल 2015 में हुए मेहसाणा दंगा मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई गई है. निचली अदालत ने उन्हें ये सजा सुनाई है. हार्दिक ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’ लिखा है.
गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल समेत तीन लोगों को मेहसाणा दंगा मामले में दोषी करार दिया गया है. उनके अलावा जिन दो और लोगों को दोषी करार दिया गया है, उनमें सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल का भी नाम शामिल है. इस मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल को दो-दो साल की सज़ा दी गई है. वहीं, इस मामले में 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया है. सजा मिलने के बाद हार्दिक ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’ लिखा है.

सजा मिलने के बाद हार्दिक ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने ‘इंक़लाब ज़िंदाबाद’ लिखा है.  पाटीदार आंदोलन के दौरान ही हार्दिक पटेल सुर्खियों में आए थे.  किसी भी राजनीतिक पार्टी में नहीं होने के बावजूद हार्दिक ने लाखों लोगों की भीड़ जुटा ली थी, जिसके चलते वे दुनिया भर की मीडिया में छा गए थे. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार किया था

पाटीदार अनामत आंदोलन के दौरान 23 जुलाई, 2015 को विसनगर के बीजेपी विधायक ऋषिकेश के दफ्तर में तोड़फोड़ हुई थी. इस मामले में हार्दिक पटेल सहित तीन लोगों को दोषी पाया गया है. विसनगर जिला सेशंस कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि दंगा फैलाने के मामले में हार्दिक पटेल, लालजी पटेल और अंबालाल पटेल दोषी ठहराए जाते हैं. तीनों को दो-दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा तीनों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है.
पाटीदार आंदोलन के दौरान ही हार्दिक पटेल सुर्खियों में आए थे. हार्दिक मूल रूप से अहमदाबाद से करीब 60 किलोमीटर दूर है वीरमगाम के रहने वाले हैं. यहीं उनके माता-पिता भरतभाई पटेल और उषाबेन रहते हैं. किसी भी राजनीतिक पार्टी में नहीं होने के बावजूद हार्दिक ने लाखों लोगों की भीड़ जुटा ली थी, जिसके चलते वे दुनिया भर की मीडिया में छा गए थे. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान हार्दिक पटेल ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में प्रचार किया था, हालांकि यहां बीजेपी एक बार फिर से सत्ता में लौट आई है.

मालूम हो कि इस मामले में गुजरात के मेहसाणा में हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी भी हुई थी. इसके विरोध में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) ने बंद का ऐलान किया था. हालात को नियंत्रण में करने के लिए प्रशासन ने मेहसाणा, सूरत और राजकोट में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी. यह काफी उग्र आंदोलन था. आंदोलनकारियों ने दो मकानों को आग के हवाले कर दिया था और पुलिस की कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया था

हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा है, ”किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है. इंक़लाब ज़िंदाबाद.”
गौरतलब है कि पिछले साल आरक्षण आंदोलन के दौरान स्थानीय बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में हार्दिक पटेल और लाल जी पटेल समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. महसाण और माणसा के बाद बिसनगर में आरक्षण आंदोलन की तीसरी रैली के दौरान ये हमला हुआ था. ये आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा की पहली घटना थी.
साल 2015 से आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में जगह-जगह आंदोलन कर रहा है. गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
हार्दिक पटेल गुजरात में पटीदार आंदोलन के बड़े युवा नेता हैं. पाटीदार समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण चाहते हैं. हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 में चन्दन नगरी गुजरात में हुआ था. हार्दिक साल 2011 में सरदार पटेल समूह से जुड़े थे. इसके बाद हार्दिक ने साल 2015 में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति का निर्माण किया था, जिसका लक्ष्य अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल होना था.

 

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