गुजरात में भूकम्‍प- हार्दिक पटेल का जेल से बाहर आना- क्‍या संयोग

Hardik-patel- 0क्‍या अनोखा संयोग रहा- पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने नौ महीने बाद जेल से बाहर आये, उसके बाद- गुजरात में रविवार (17 जुलाई) को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया; कुदरत क्‍या संदेश दे रही है गुजरात के लिए- यह तो समय ही बतायेगा- परन्‍तु इशारा साफ है- कि गुजरात में भाजपा के अच्‍छे दिन समाप्‍ति की ओर तो नही- हार्दिक पटेल के जेल से बाहर आते ही पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के जेल से बाहर आने के बाद कई राजनेताओं ने उनसे मुलाकात की। भाजपा नेताओं की उनसे मिलने के लिए लाईन लगी रही, इस कारण आप नेता पीछे रह गये- यह बहुत कुछ दूरगामी संदेश दे रहा है- पटेल समर्थक जेल के बाहर हार्दिक का इंतजार कर रहे थे। जैसे ही हार्दिक जेल से बाहर आए पाटीदारों ने उनका स्वागत किया। इसके साथ ही गब्बर इज बैक के पोस्टर लगाए गए हैं। जेल से जिस वाहन में हार्दिक गए हैं उस वाहन पर भी यह पोस्टर लगा हुआ था।  Execlusive Report: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)

वही गुजरात में रविवार (17 जुलाई) को मध्यम तीव्रता का भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाले राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर आया जो 10 किलोमीटर की गहराई पर केंद्रित था।

वही
पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने नौ महीने बाद आज लाजपोर जेल से बाहर आकर आंदोलन जारी रखने का संकल्प दोहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें 56 इंच का सीना नहीं, बल्कि अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए। जमानत मिलने पर जेल से बाहर आए 22 वर्षीय हार्दिक ने कहा कि वह ओबीसी श्रेणी के तहत अपने समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए अपना आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कुर्मी समुदाय को जोड़कर आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के संकेत दिये। पटेल कुर्मियों को अपनी शाखा मानते हैं। पिछले हफ्ते उच्च न्यायालय से राजद्रोह और विसनगर विधायक के दफ्तर में हिंसा से संबंधित दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद हार्दिक की रिहाई का रास्ता साफ हो गया था।
इधर, आप के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता आशुतोष और गुजरात इंचार्ज गुलाब सिंह यादव भी हार्दिक पटेल से मिलने के लिए गए। हालांकि उनकी मुलाकात हो नहीं पाई। आप सूत्रों के अनुसार हार्दिक के अहमदाबाद के निकोल क्षेत्र में कार्यक्रम में देरी हो गई थी। इस वजह से मुलाकात नहीं हो पाई। दिल्‍ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पाटीदार आंदोलन को खुला समर्थन दे रहे हैं लेकिन हार्दिक इस पर प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं।
पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के जेल से बाहर आने के बाद कई राजनेताओं ने उनसे मुलाकात की। इनमें भाजपा और कांग्रेस के नेता भी शामिल हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के नेताओं को कामयाबी नहीं मिली और उनकी मुलाकात अब होगी। पोरबंदर से भाजपा सांसद विट्ठल रबाडि़या ने शुक्रवार को सूरत में एक फार्म हाउस में हार्दिक से मुलाकात की। हालांकि रबाडिया ने कहा कि उनके बीच केवल हैल्‍लो-हाय ही हुई। उन्‍होंने बताया, ”हां, सूरत में में एक दोस्‍त के फार्म हाउस पर हम मिले थे। यह अनौपचारिक मुलाकात थी और केवल हाय-हैल्‍लो ही हुआ। किसी बात पर चर्चा नहीं हुई। मुलाकात केवल पांच मिनट तक हुई और इस दौरान हार्दिक ने आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया।” रबाडिया ने आरक्षण आंदोलन के दौरान सरकार और पाटीदार नेताओं के बीच मध्‍यस्‍थता की भूमिका निभाई थी। इससे पहले उन्‍होंने सूरत की लाजपुर जेल में भी हार्दिक‍ पटेल से मुलाकात की थी। रबाडिया ने दो महीने पहले हार्दिक‍ से मुलाकात के बाद कहा था कि मामला जल्‍द ही सुलझ जाएगा और आंदोलन खत्‍म हो जाएगा। एक अन्‍य भाजपा नेता कुमार कनाणी ने भी हार्दिक से मुलाकात की। कनाणी पटेल समुदाय से आते हैं और विधायक हैं। उन्‍होंने शुक्रवार को रोड शो के दौरान हार्दिक से मुलाकात की। उन्‍होंने बताया, ” वह पाटीदार समुदाय के लिए हीरो हैं। मेरे लिए समाज पहले और पार्टी बाद में आती है। यदि अगली बार मुझे पार्टी टिकट नहीं भी देती है तो फर्क नहीं पड़ता। पार्टी हाईकमान जो फैसला लेगा मैं तैयार हूं। हार्दिक के जेल से बाहर आने के बाद सबसे पहले भाजपा के बागी विधायक नलिन कोटादिया ने उनका स्‍वागत किया। कोटादिया ने हाल में राजकोट में अरविंद केजरीवाल और एनसीपी की गुजरात यूनिट के अध्‍यक्ष जयंत पटेल से भी मुलाकात की।
अदालत ने यह शर्त लगाई थी कि अगले छह महीनों तक हार्दिक को गुजरात से बाहर रहना होगा। हार्दिक के वकीलों ने स्थानीय अदालत को बताया कि वह अगले छह महीने राजस्थान के उदयपुर में रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान 56 इंच का सीना संबंधी टिप्पणी की तरफ इशारा करते हुए हार्दिक ने कहा, मैं यह कहना चाहता हूं कि मुझे ऊंचाई, वजन या 56 इंच का सीना नहीं चाहिए। मुझे तो अपने समुदाय के लिए अधिकार चाहिए। हार्दिक ने कहा, आने वाले दिनों में हमारा आंदोलन जारी रहेगा। पटेल समुदाय के लिए ओबीसी दर्जे की हमारी मांग कायम है। आने वाले दिनों में हमारे काम करने के तरीके में बदलाव आएगा लेकिन हमारे तेवर ऐसे ही बने रहेंगे। सूरत में अपने समर्थकों के साथ रोड शो शुरू करने से पहले पत्रकारों से बातचीत में हार्दिक ने सभी पार्टियों को इस आंदोलन का राजनीतिक लाभ नहीं उठाने की चेतावनी दी। हार्दिक ने कहा,आंदोलन किसी एक राजनीतिक पार्टी की बपौती नहीं है। किसी पार्टी को इसका राजनीतिक फायदा उठाने का सोचना भी नहीं चाहिए। यह आंदोलन केवल मेरे या किसी और के चाहने से नहीं रूकने वाला। यह तभी खत्म होगा जब पटेल समुदाय को उसके अधिकार मिल जाऐंगे। हार्दिक ने कहा कि राज्य सरकार से बातचीत के दरवाजे खुले हैं।
गुजरात से दिल्ली तक पटेल आंदोलन का डंका बजाने वाले युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल शुक्रवार को जेल से छूट गए। हार्दिक सूरत की लाजपोर जेल में बंद थे। वे जेल से 9 महीने बाद रिहा हुए हैं। बता दें, हार्दिक को 11 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने जमानत दी थी। कोर्ट ने हार्दिक पटेल पर और सख्त शर्त लगाते हुए, उन्हें 9 महीने तक मेहसाना में दाखिल न होने का आदेश दिया है।

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