लोग स्वावलम्बी बने तथा पहाड से पलायन रूके- हरीश रावत

PALAYAN HILS

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हरीश रावत ने कहा- लोग स्वावलम्बी बने तथा पहाड से पलायन रूके- उत्तराखण्ड के दूर-दराज के लोगों तक विकास की किरण पहुंचे। उनका आर्थिक विकास हो हम सब को साथ लेकर विकास करने की परम्परा में विश्वास ;  विश्वास हमारी धरोहर है। आम आदमी को विश्वास चाहिए और हमारी पुरी कोशिश है कि हम उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक को उच्चस्तर का विकास प्रदान करें।

प्रदेश के प्राइमरी स्तर के विद्यालयों से डिग्री कालेज तक रिक्त सभी पदों पर अध्यापकों, प्राध्यापकों की तैनाती कर दी जायेगी। इसी प्रकार प्रदेश में चिकित्सालयों में चिकित्सकों के पदों पर भी तैनाती किये जाने के भी सरकार द्वारा प्रयास www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)

कुमायूं की धरती के देघाट, डौन परेवा, सल्ट, खुमाड, जैती, सालम में आज भी वहाँ के रणबंगुरो की शहादत के मौके पर बडे आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि

शहीदों एवं स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों ने जो सपने देखे थे उसके अनुरूप देश व उत्तराखण्ड प्रदेश का विकास करने के लिए दिन रात पूरी तत्परता के काम
डौन परेवा/कोटाबाग/हल्द्वानी 23 अगस्त 2016 (सूचना) – डाॅन परेवा गांव में स्वर्गीय दीवान सिंह बिष्ट स्वतन्त्रता संग्राम सैनानी की 70 वी पुण्यतिथ के अवसर पर राजकीय इण्टर कालेज डान परेवा में शहीद स्व0 दीवान सिंह बिष्ट की प्रतिमा पर प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा माल्यापर्ण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किये। गौरतलब है कि स्व0 दीवान सिंह बिष्ट ने 24 वर्ष की आयु में देश की आजादी के लिए शहादत दी थी। उनका जन्‍म 1923 में डान परेवा गांव में हुआ था। 1945 में अंग्रेजों द्वारा उनको बरेली जेल में मौत के घाट उतार दिया था।
कार्यक्रम में उपस्थित जनता को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि देश की आजादी के लिए महात्मा गांधी के नेतृत्व में जो स्वाधीनता की लडाई लडी गयी उसमें उत्तराखण्ड के रणबाकुरों ने भी बढ़चढ कर हिस्सा लिया और देश की खातिर अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। उन्होनें कहा कि कुमायूं की धरती के देघाट, डौन परेवा, सल्ट, खुमाड, जैती, सालम में आज भी वहाँ के रणबंगुरो की शहादत के मौके पर बडे आयोजन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। श्री रावत ने कहा कि शहीदों एवं स्वतन्त्रता संग्राम सैनानियों ने जो सपने देखे थे उसके अनुरूप देश व उत्तराखण्ड प्रदेश का विकास करने के लिए दिन रात पूरी तत्परता के काम कर रहे हैं। उन्होनें कहा कि भौगोलिक दृष्टि से उत्तराखण्ड एक विषम प्रदेश है। यहाँ कि परिस्थितियों एवं आपदाओं से लोगों को जुझना पडता है। हमारा प्रयास है कि उत्तराखण्ड के दूर-दराज के लोगों तक विकास की किरण पहुंचे। उनका आर्थिक विकास हो। लोग स्वावलम्बी बने तथा पहाड से पलायन रूके। इसके लिए भी सरकार विकास की नई-नई योजनाएं संचालित कर रही है। श्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्र की महिलाओं तथा लोगों का विकास, शिक्षा, खेती, दस्तकारी, हस्तशिल्प के माध्यम से किया जा सकता है। उन्होनें महिलाओं से कहा कि वे अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा दिलायें। श्री रावत ने कहा कि प्रदेश के प्राइमरी स्तर के विद्यालयों से डिग्री कालेज तक रिक्त सभी पदों पर अध्यापकों, प्राध्यापकों की तैनाती कर दी जायेगी। इसी प्रकार प्रदेश में चिकित्सालयों में चिकित्सकों के पदों पर भी तैनाती किये जाने के भी सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री रावत ने जूनियर हाईस्कूल ओखलकांडा को इन्टर कालेज में उच्चीकरण, एक और आईटीआई खोलने व राजकीय इन्टर कालेज डौन परेवा में दो कक्षा-कक्ष बनाये जाने की घोषणा के साथ ही उन्होने कहा गत वर्ष की गई पांच घोषणाओं का शासनादेश निर्गत करते हुये धनराशि स्वीकृत कर दी गयी हैै।
श्री रावत ने सरकार के जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रदेश सरकार उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प को जीवित करने की दिशा में काम कर रही है। उन्होनें कहा कि इस आधुनिकतम दौर में हमारे परम्परागत हस्तशिल्प एवं कुटीर उद्योग धन्धे विलुप्त होते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि ग्रामीण स्तर पर लोगों को रोजगार मिले। लोग हस्तशिल्प से जुडे और उत्तराखण्ड का पुराना वैभव साकार हो सके। इसलिए प्रदेश सरकार हस्तशिल्पियों, कलाकारों, धार्मिक अनुष्ठान कराने वालों लोगों को आर्थिक विकास हेतु पेंशन दे रही है। इसके साथ ही उत्तराखण्ड के परम्परागत उत्पादन मंडुवा, चैलाई, झिंगौरा, आदि को भी व्यवसाय से जोडा जा रहा है। प्रदेश में फल-फूल, माल्टा आदि के विपणन की व्यवस्था भी प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही है, ताकि काश्तकारों को उनकी फसल का वाजिब दाम मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी वर्ष महिला सशक्तिकरण एवं वृद्ध सम्मान के रूप मानने जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए मेरे बुजुर्ग, मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत प्रदेश के पांच हजार बुजुर्गों को चार धाम यात्रा के साथ ही अन्य धार्मिक स्थलों की निःशुल्क यात्राएं करायी जा रही हैं। उन्होनें कहा कि हम सब को साथ लेकर विकास करने की परम्परा में विश्वास रखते हैं, विश्वास हमारी धरोहर है। आम आदमी को विश्वास चाहिए और हमारी पुरी कोशिश है कि हम उत्तराखण्ड के प्रत्येक नागरिक को उच्चस्तर का विकास प्रदान करें।
श्री रावत ने कहा कि प्रदेश में इस वक्त 1000 किमी0 नई सडकों का निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। 30 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की कार्यवाही गतिमान है। प्रदेश में निरंतर विद्युत आपूर्ति की जा रही है। उन्होने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों को 25 हजार सीडमनी के रूप में दी जायेगी साथ ही महिला मंगल दलों को भी पांच हजार की धनराशि उनके खातों में जमा कराने के आदेश जिलाधिकारियो को दे दिये गये है, साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहो द्वारा उत्पादित सामग्री का विपणन हेतु जिलाधिकारियों द्वारा साप्ताहिक हाट बाजारों का आयोजन किया जायेगा, साथ ही गा्रमीण महिलाओ द्वारा उत्पादित वस्तुओ को स्थानीय बाजार मिल सके। पहाडी क्षेत्रो में ईको टूरिज्म, हस्तशिल्प,जैविक खेती, फल,दालें आदि उत्पादन कर आत्मनिर्भर बनाकर पलायन को रोके जाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में लगभग भूमिहीनो को भूमिधरी अधिकार दिये जाने की कार्यवाही गतिमान है। प्रदेश में 500 माॅडल

विद्यालय विकसित कियेे जा रहे है तथा सभी विद्यालयों, डिग्री कालेजों, आईटीआई में प्रधानाचार्योे की तैनाती शीघ्र की जायेगी। प्रदेश में लगभग 7 लाख गरीब पात्र लोगों को समाज कल्याण द्वारा पेंशन दी जा रही है, पेंशन धनराशि 800 रूपये से बढाकर 1000 रूपये कर दी गयी हैै। उत्राखण्ड पहला प्रदेश है जहा पर पंेशन धनराशि सर्वाधिक है। उन्होने कहा जगरियां, डंगरिया, कलाकार, सगुन आंखर वालोे के साथ ही बौना लोगों को भी पेंशन लागू कर दी गयी है। उन्होने कहा उत्तराखण्ड के और अधिक विकास के लिए वित्तीय संसाधन जुटाये जा रहे है। जिससे सभी वर्गो का विकास होगा जिससे प्रदेश की खुशहाली में बढोत्तरी होगी। उन्होने कहा कि विकास हमारी परम्परा व संस्कृति है। आवश्कताओं एव जनभावनाओं के अनुसार विकास कार्यो को सरकार धरातल पर उतार रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता शहीद दीवान सिह विष्ट के भतीजे जीवन सिह विष्ट द्वारा की गयी।
कार्यक्रम में विधायक एवं संसदीय कार्यमंत्री सरिता आर्या ने फूल बूके देकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। ग्रामीण स्तर पर आयोजित इस भव्य समारोह में ब्लाॅक प्रमुख संजय नेगी, कार्यक्रम संयोजक गोपालदत्त तिवारी, आशा बिष्ट, शेर सिंह बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह नेगी, हीरा सिंह नेगी, कान्ता बल्लभ, आरसी बिष्ट, विपिन भट्ट, सरिता भट्ट, योगेश भट्ट, लीला देवी, सावित्री देवी, ललित तिवारी, चंदन राम, दुर्गादत्त काण्डपाल, कमल जोशी, मदन बिष्ट, हीरा सिंह, शिशुपाल, लखपत सिंह, नवीन नैनवाल, हेम नैनवाल, ललित पंत, कृपाल सिह मेहरा, संजय किरौला, भागीरथ लाल चैधरी, पुष्कर दुर्गापाल, हेम भटट, नारायण पाल, भावना नौलिया के अलावा डीआईजी अजय रौतेला, जिलाधिकारी दीपक रावत, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वीटी अग्रवाल मुख्य विकास अधिकारी ललित मोहन रयाल, अपर जिलाधिकारी आरडी पालीवाल, एएसपी यशवन्त चैहान, उपजिलाधिकारी वंदना सिह,परितोष वर्मा सहित बडी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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