हरीश रावत ने की सुनियोजित रणनीति अख्‍ितयार

सीबीआई समक्ष पेश होने में असमर्थता तथा  भाजपा घोटालों की जांच सार्वजनिक करने की रणनीति ; उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत  ने सुनियोजित रणनीति अख्‍ितयार की-

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उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत को स्टिंग मामले में सोमवार को सीबीआई के सामने पेश नहीं होंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री रावत दिल्ली नहीं गए। वह देहरादून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस में अधिकारियों की मीटिंग लेते हुए दिखाई दिए। हरीश रावत ने सीबीआई को कोर्ट में पेश होने में असमर्थता जताते हुए अर्जी भेजी है जो कि कोर्ट द्वारा रिसीव कर ली गई है। दरअसल, दो दिन पहले मुख्यमंत्री रावत को सीबीआई ने समन जारी किया गया था। इससे पहले भी वे दो बार सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं। समन पर रावत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें सीबीआई से समन जारी करने के पीछे सरकार की साजिश है। सीबीआई ने सीएम हरीश रावत को समन जारी कर 26 को को कोर्ट में पेश होने को कहा था।
वही उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत स्टिंग मामले में अपनी गर्दन फंसती देख भाजपा राज में हुए घोटालों की जांच सार्वजनिक कर सकते हैं। उन्होंने कई प्रकरणों को गिनाते हुए जांच के खुलासे के संकेत भी दिए। इसे उनकी सोची समझी रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। जांच आयोग पहले ही इन जांच रिपोर्टों को सरकार को सौंप चुका है। समझा जा रहा है कि अब चुनाव से पहले इन्हें सार्वजनिक कर भाजपा को राजनीतिक नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में इक्का दुक्का नहीं, बल्कि 58 कथित घोटालों की जांच आयोग को सौंपी गई थी। इसमंप करोड़ों की भूमि से संबंधित स्टर्डिया प्रकरण, बीज घोटाले सहित कई मामलों की जांच डेढ़ साल पहले पूरी हो चुकी है और इसके लिए गठित जांच आयोग इसे सरकार को सौंप चुका है, लेकिन अब चुनाव से ठीक पहले सरकार को इन प्रकरणों की याद आई है। जिसे सरकार सार्वजनिक करने का मन बना रही है। मुख्यमंत्री का कहना है कि जनता को भी जांच में आए तथ्यों को जानने का अधिकार है।
स्टिंग मामले में सीबीआई की ओर से समन मिलने के बाद मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि केंद्र के इशारे पर अगर सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करती है तो कांग्रेस उत्तराखंड में 55 सीट जीतेगी।
झबरेड़ा में कांग्रेस की ओर से आयोजित सर्व समाज एकता महासम्मेलन में सीएम हरीश रावत केंद्र सरकार पर आक्रामक रहे। प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना सीएम ने कहा कि उनके पीछे दिल्ली के इशारे पर सीबीआई लगाई गई है। इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा गया है।
सीएम ने कहा कि अगर केंद्र के इशारे पर सीबीआई उन्हें जेल भेजती है तो उत्तराखंड में कांग्रेस 55 सीट जीतेगी। अगर वह बाहर रहते हैं तब कांग्रेस 45 सीट जीतेगी। सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार गेहूं, तिलहन, दलहन विदेश से मंगा रही है। वोट भी वह बाहर से ही मंगा ले। अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए हरीश रावत ने कहा कि सभी वर्गों का विकास किया।
स्टिंग मामले में आज मुख्यमंत्री हरीश रावत को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन अब खबर है कि वे कोर्ट नहीं जाएंगे।दरअसल, दो दिन पहले उन्हें समन जारी किया गया था। इससे पहले भी वे दो बार सीबीआई के सामने पेश हो चुके हैं।

समन पर रावत ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें सीबीआई से समन जारी करने के पीछे सरकार की साजिश है।
सीबीआई ने सीएम हरीश रावत को समन जारी कर 26 को को कोर्ट में पेश होने को कहा था। रावत का कहना है कि बीजेपी को पता है कि वो रावत से चुनाव में मुकाबला नहीं कर सकती है इसलिए ऐसा दांव खेल रही है। यहां पुलिस लाइन के सम्मेलन कक्ष में पत्रकार वार्ता में सीएम ने फिर से स्टिंग आपरेशन को साजिश बताया।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन में राज्यपाल ने केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी जबकि निर्वाचित सरकार ने संस्तुति नहीं की। यदि ऐसे ही सीबीआई जांच होती रहीं तो कोई नहीं बचेगा। राष्ट्रपति शासन स्टिंग के आधार पर लगाया था लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया। फिर स्टिंग मामले में जांच बनती ही नहीं है। जब किसी विधायक को खरीदा ही नहीं गया तो खरीद-फरोख्त की बात कहां से आई।

स्टिंग में आंख बंद कर लूंगा की बातचीत को उन्होंने स्वीकारा पर कहा कि सत्ता में रहते हुए कुछ समझौते करने पड़ते हैं। उन्होंने सरकार गिराने की साजिश रचने वालों की जांच की भी मांग की। उनकी मांग है कि दो साल तक सीएम आवास में दलाली करने वाले, तथाकथित स्टिंगबाज के पास मोटी धनराशि और सरकार को गिराने की साजिश रचने वालों के खिलाफ जांच होनी चाहिए।

बकौल सीएम, मेरा विचार स्टिंग मामले की न्यायिक जांच कराने का था। बाद में इसे उलझाने के बजाय मैंने कोर्ट पर ही भरोसा जताया। वहीं से मैं निर्दोष साबित होऊंगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मैंने प्रारंभिक जांच शुरू होने पर कहा था कि सीबीआई को पूरा सहयोग करूंगा।

लेकिन सीबीआई की पूछताछ मेरी इच्छा के स्थान पर हो। यह भी साफ किया कि दो दिन पहले हाईकोर्ट में केवल जांच जल्दी करने की दरख्वास्त दी थी। खुद दूसरा पक्ष सुनवाई के लिए तैयार नहीं था। पूछताछ के लिए दिल्ली जाने के सवाल पर उन्होंने कोई साफ जवाब नहीं दिया।

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