राजनीति में घमासान-राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पद से दिया इस्तीफा ;घमासान

जननायक जनता पार्टी के सबसे बुजुर्ग एमएलए रामकुमार गौतम ने बुधवार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। रामकुमार गौतम ने तंज भरे लहजे में कहा कि पार्टी तो सिर्फ आसपास (क्षेत्रीय) की है। लेकिन मुझे बनाया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गया था, जबकि पार्टी राष्ट्रीय स्तर की नहीं है। इसलिए इस पद से इस्तीफा दे दिया। गौतम ने यह भी कहा कि अभी पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। 

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पार्टी से इस्तीफा देने पर गौतम बोले कि पूरे भारत में कानून ऐसा बना हुआ है कि पार्टी तो छोड़ नहीं सकता। पार्टी छोडूंगा तो एमएलए पद छोड़ना पड़ेगा। जिन लोगों ने जिस मंशा से वोट किया था, उनका कुछ भला कर पाऊं, इसलिए पार्टी नहीं छोड़ी। 

राम कुमार गौतम के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। इस्तीफे की बजाय वो ही बता सकते हैं, दुष्यंत चौटाला ने कहा अगर उन्होंने ऐसा किया तो जल्द ही इस मामले को सुलझा लेंगे।

हरियाणा की राजनीति में घमासान छिड़ गया है. जननायक जनता पार्टी (JJP) के उपाध्यक्ष और विधायक रामकुमार गौतम (Ram Kumar Gautam) ने पार्टी पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) को भूलना नहीं चाहिए कि वह पार्टी विधायकों की वजह से उप-मुख्यमंत्री बने हैं. इसी के साथ उन्होंने दुष्यंत द्वारा बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर भी दुख जाहिर किया है.

JJP विधायक रामकुमार गौतम ने कहा, ‘JJP और बीजेपी का गठबंधन हमारी पार्टी के अधिकतर नेताओं की जानकारी के बगैर हुआ था. मैं बहुत दुखी हूं कि उन लोगों ने एम्बियंस मॉल में गठबंधन को लेकर बातचीत की थी और जब हमें इसका पता चला तो हमें बहुत बुरा लगा. जनता को दुख पहुंचा और सभी विधायक दुखी थे. सभी अच्छे विभाग दुष्यंत ने ले लिए. बाकी दूसरे विधायकों का क्या. क्या उन लोगों को जनता ने वोट नहीं दिया.’

रामकुमार गौतम ने डिप्टी सीएम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘उसने (दुष्यंत चौटाला) कहा कि वह हम लोगों को तीन महीने तक परखेगा. तुम होते कौन हो हमें परखने वाले.’ उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने 11 मंत्रालय अपने पास रखे हैं और सिर्फ पार्टी के एक विधायक को महत्वहीन मंत्रालय का जूनियर मिनिस्टर बनाया है. दुष्यंत चौटाला सत्ता में आने के बाद अपने परिवार को भूल गए.

हरियाणा में JJP और बीजेपी गठबंधन के बाद माना जा रहा था कि रामकुमार गौतम को मंत्रालय जरूर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने आगे कहा, ‘मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता था लेकिन दुष्यंत और उसके पिता अजय चौटाला चाहते थे कि मैं उनके साथ आऊं. वह जानते थे कि सिर्फ एक मैं ही हूं जो निवर्तमान विधायक कैप्टन अभिमन्यु को हरा सकता हूं.’

उन्होंने आगे कहा कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे. रामकुमार गौतम ने कहा, ‘जनता ने मुझे चुना है. मेरी उनके प्रति जिम्मेदारी है. अगर मैं अपनी पार्टी से इस्तीफा देता हूं तो मुझे विधायकी छोड़नी पड़ेगी और मैं अपने क्षेत्र को बीच रास्ते में नहीं छोड़ सकता. लिहाजा मैं अपने खून और पसीने से पार्टी को आगे बढ़ाऊंगा.’ उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस बारे में कहा कि उन्हें मीडिया के जरिए ही रामकुमार गौतम के इस्तीफे की जानकारी मिली है. पहले वह उनसे बात करेंगे.

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