हिमालय में भारी बारिश निश्चित तौर पर गंगा-यमुना में बाढ़

uk hillतबाह हुआ टिहरी-उत्तरकाशी हाइवे, उत्तराखंड के टिहरी जिले में 16 ग्रामीण मार्ग मलबा आने के चलते बाधित
उत्तराखंड में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. टिहरी में कार पर मलबा गिरने से तीन लोगों की मौत हो गई है.हाईवे पर घंटों तक यात्री फंस गए हैं. ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाले लिंक मोटरमार्ग भी बंद हो गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ठप पड़ गई है. www.himalayauk.org (Newsportal
मसूरी-टिहरी-उत्तरकाशी जाने वाला मुख्य मार्ग पूरी तरह से तबाह हो गया है. केदारनाथ और बदरीनाथ की यात्रा रोक दी गई है. मसूरी से टिहरी और उत्तरकाशी को भारी वाहन बीच रास्ते में फंसे हैं. मसूरी-टिहरी-उत्तरकाशी मार्ग तबाह होने से धनौल्टी जाने वाले पर्यटक भी फंस गए हैं. मसूरी से टिहरी और उत्तरकाशी को जाने वाला मुख्य मार्ग भारी वाहनो के लिए लंबे समय के लिए बंद हो गया है.टिहरी मार्ग करीब चालीस मीटर पूरी तरह से तबाह हो गया है.साथ ही बड़े क्षेत्र में भू-धसाव हो गया है ,कई हरे पेड़ों को नुकसान हुआ है. (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)

शहर के क्यारकुली गांव का मुख्य मार्ग धसने से ग्रामीणों की मुश्किले बढ़ गई है.लंडौर क्षेत्र के सभासद रमेश भंडारी ने कहा कि शहर के लक्ष्मणपुरी मे हुए भूस्खलन से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गया भवनों को लगातार खतरा बना हुआ है.गांधी चौक क्षेत्र के सभासद कुलदीप रावत ने कहा कि सुमित्रा भवन क्षेत्र में भी भूस्खलन होने से लोगों में भय का माहौल बना है.पुरे मामले की जानकारी एसडीएम को दी गई है.
मौसम विभाग के डीडीजीएम ए के शर्मा के मुताबिक मानसून का अक्ष हिमालय की तलहटी में पहुंच रहा है. ऐसे में उत्तराखंड और हिमाचल के तमाम इलाकों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला अगले 24 घंटों तक जारी रह सकता है. लिहाजा मौसम विभाग ने सरकार को बाढ़ की आशंका के बारे में सूचित कर दिया है. जानकारों के मुताबिक अगले 48 घंटों में दिल्ली में यमुना के जलस्तर में तेज बढ़ोतरी देखी जाएगी. उत्तराखंड के कई इलाक़ों में आज भी भारी बारिश हो रही है जिसके मद्देनज़र रेड अलर्ट जारी किया गया है। तेज़ बारिश के चलते हरिद्वार में गंगा ख़तरे के निशान पर बह रही है। बारिश और भूस्खलन में नौ लोगों की मौत की खबर है। (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)
उत्तराखंड के टिहरी जिले में 16 ग्रामीण मार्ग मलबा आने के चलते बाधित चल रहे हैं. अलग-अलग जगहों पर बारिश से 5 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. लगातार हो रही बारिश से टिहरी झील का जलस्तर 775.35 मीटर पहुंच गया है और टिहरी डैम से 385 क्यूमैक्स पानी छोड़ा जा रहा है.

अगले 24 घंटे में नैनीताल, अलमोड़ा, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और पौड़ी ज़िले में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा शारदा, रामगंगा और कोसी सरयू जैसी नदियां भी ख़तरे के निशान पर पहुंच गई हैं। नदियों के आस पास रहने वाले लोगों को चेतावनी दी गई है। भारी बारिश के दौरान पहाड़ी मलबा आने से बद्रीनाथ, गंगोत्री हाइवे बंद हो गया है। कैलाश मानसरोवर यात्रा भी धारचुला में रोक दी गई है।
हिमालय में यमुना के कैचमेंट एरिया यानी संग्रहण क्षेत्र में अगले 24 घंटों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है. मौसम विभाग ने इसके मद्देनजर हिमाचल के सिरमौर, उत्तराखंड के देहरादून और उत्तरकाशी में अतिवृष्टि की रेड वॉर्निंग अगले 36 घंटों के लिए जारी कर दी है.  (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)
इसका सीधा सा मतलब हुआ कि अगले 36 घंटों में गंगा और यमुना नदी में भारी मात्रा में पानी पहुंचेगा और ये नदियां पूरी तरह से उफन जाएगी. उत्तराखंड में पहले से हो रहे भूस्खलन, बाढ़वगैरह की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी. सूबे में चारधाम यात्रा सहित कई इलाकों में यातायात ठप हो चुका मौसम विभाग के मुताबिक हथिनी कुंड बैराज पर जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है. इसमें अगले 48 घंटों में और तेजी से बढ़ोत्तरी होगी. पिछले दो दिनों से उत्तराखंड के तमाम इलाकों में झमाझम बारिश का दौर जारी है. पिछले 48 घंटों की बात करें तो मसूरी, विकासनगर, देहरादून, उत्तरकाशी के ज्यादातर हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है.  (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)
गौरतलब है कि यमुना नदी उत्तरकाशी के यमुनोत्री से निकलकर हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली पहुंचकर आगरा होते हुए इलाहाबाद में गंगा नदी में मिल जाती है. यमुना का कैचमेंट एरिया यानी जल संग्रहण क्षेत्र उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पड़ता है. इन सभी राज्यों में पिछले दिनों भारी बारिश का सिलसिला देखा गया है. ऐसे में अगले दो दिनों तक हिमालय में होने जा रही भारी से बहुत भारी बारिश निश्चित तौर पर गंगा-यमुना में बाढ़ ला सकती है. इनके तटवर्ती इलाकों में लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है.
नई टिहरी जिला मुख्यालय के सी ब्लॉक कॉलोनी में नवनिर्मित पार्क का पुश्ता ढहने से दो मकानों के पीछे भारी मलबा आ गया, जिससे वहां रह रहे लोग डर गए और अपना मकान खाली करने में लग गए हैं. स्थानीय प्रशासन ने मकान मालिकों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा है.  (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)
रुद्रप्रयाग जिले में पिछले दो दिनों से रुद्रप्रयाग जिले में लागातार बारिश जारी है. बारिश के कारण लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. बारिश में सबसे ज्यादा नुकसान केदारनाथ और बद्रीनाथ हाईवे को हुआ है. दोनों हाईवे बारिश के कारण जगह-जगह बंद पड़े हैं. पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से कोटद्वार की खोह नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है. नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने इसके किनारे की सभी बस्तियों को अलर्ट करते हुए लोगों को नदियों के किनारे से दूरी बरतने के निर्देश दिए हैं.
चंपावत में बीते तीन दिनों से हो रही आफत की बारिश जारी है. बारिश के चलते जहां आम लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग सड़कों के किनारे एनएच विभाग के गड्ढे भरने के लिए भरी गई मिट्टी पर भी सवाल उठ रहे हैं.  (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)
मलबा आने से बढ़ी मुश्किलें
लगातार बारिश होने से राष्ट्रीय राजमार्ग चल्थी, धौंन, घाट क्षेत्र में सहित 25 ग्रामीण इलाकों के सड़क में मलबा आने से मुश्किल और बढ़ गई है. ड्राइवरों का कहना है कि एनएच विभाग ने सड़क के किनारे जो चिकनी मिट्टी डाली है, उससे वे जान जोख़िम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं.
पूरे राज्य में पिछले दो दिनों से बारिश हो रही है. हालात ये है कि मैदान से लेकर पहाड़ तक पानी ही पानी है और जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. नदियां उफान पर है, कई मुख्य मार्ग बंद है.यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. मकानों में मलबा और पानी भर गया है. इतना ही नहीं लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन का खतरा बढ़ता जा रहा है. टिहरी जिले के नरेन्द्रनगर में भूस्खलन से भारी नुकसान पहुंचा. गंगोत्री हाईवे पर कुमारखेड़ा में करीब दो सौ मीटर हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आ गया. इस भूस्खलन में कार दबने से तीन लोगों की मौत हो गई.गंगोत्री हाईवे पर ऋषिकेश से करीब 20 किमी दूर नरेंद्रनगर के कुमारबाड़ा इलाके में भारी भूस्खलन से कार मलबे में दब गई‎. काफी देर तक रेस्क्यू में कार में से तीन शव मिले. इनमें से एक ऋषिकेश के आशुतोष नगर के वीरेश बताए गए.  (हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल)

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