ठाकरे बोले-भाई, तू तो छा गया…’सीरियल हगर’ कहा यशवंत ने

मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी अपने भाषण और मोदी सरकार पर हमला करने के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गले मिले थे। इसे आज देश के सभी अखबारों में फ्रंट पेज पर छापा गया है। राहुल गांधी का पीएम मोदी से मिलना देश राजनीति का सबसे अहम हिस्सा माना जा रहा है। लोग इसे राहुल गांधी की सज्जनता बता रहे तो कुछ लोग इसे कूटनीति बता रहे हैं।

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल ब्यूरो

खैर, जो भी शुक्रवार को भारतीय संसद में लोगों ने दो विरोधी दलों में एक दूसरे के प्रति सम्मान देखा। इसे राहुल गांधी का शिष्टाचार ही कहेंगे के मोदी सरकार की कमियां गिनाने के बाद पीएम मोदी से गले मिले। प्रधानमंत्री ने भी राहुल गांधी के अभिवादन को स्वीकार किया और भविष्य के शुभकामनाएं भी दी। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राहुल गांधी ने दमदार भाषण दिया। इस दौरान राहुल बिलकुल बदले अंदाज में दिखे और मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। बीजेपी सरकार की नाकामियों को लेकर घेरा। राहुल के भाषण को लेकर बीजेपी सांसदों ने जमकर हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्रवाही बीच में रोकनी पड़ी।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने लोकसभा में बीजेपी सरकार के खिलाफ आए अविश्‍वास प्रस्‍ताव के गिरने के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की जमकर तारीफ की है. ‘सामना’ में पहले पन्‍ने की हेडलाइन में लिखा है-‘भाई, तू तो छा गया…’ साथ ही राहुल के भाषण में ‘देश के चौकीदार कहनेवाले उद्योगपतियों के भागीदार बन गए हैं…’ जुमले को भी हाईलाइट किया गया है. यही नहीं मुझे पप्पू कहेंगे फिर भी मैं आपका द्वेष नही करूंगा.

कुल मिलाकर राहुल का पूरा-पूरा भाषण पहने पन्‍ने पर छाया हुआ है. अखबार के मुताबिक राहुल ने अपनी झप्पी सें राजनैतिक सभ्यता दिखाई है. कांग्रेस और टीडीपी द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर शिवसेना ने कहा था कि वह वोटिंग में हिस्सा नहीं लेगी. इसे एक तरह से केंद्र की एनडीए सरकार के लिए झटका माना जा रहा है.

हालांकि पहले लग रहा था कि शिवसेना संसद में केंद्र सरकार के साथ खड़ी होगी. वह वोटिंग में हिस्सा लेगी. क्योंकि गुरुवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने समर्थन देने के लिए फोन किया था. अविश्वास प्रस्ताव से पहले शिवसेना संसदीय दल की बैठक हुई थी. बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि उनकी पार्टी ने निर्णय किया है कि वह इस वोटिंग में हिस्सा नहीं लेंगे. संजय राउत ने कहा था, देश में इस समय जैसे हालात हैं, हम ऐसे में यही निर्णय ले रहे हैं. हम तकनीकी रूप से भाजपा के साथ हैं. लेकिन इस अविश्वास प्रस्ताव का नतीजा सभी को पता है.

उन्हें राहुल की झप्पी अच्छी लगी- रामदेव

अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में राहुल गांधी का प्रधानमंत्री मोदी को ‘हग’ करना हर जगह चर्चा का विषय बना हुआ है। इस मुद्देे रामदेव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें राहुल की झप्पी अच्छी लगी। उन्होंने राहुल की झप्पी की तारीफ़ करते हुए कहा कि ये अच्छी शुरुआत है। किसी भी राजनेता के मन में बैर न हो। योग गुरु ने कहा कि संसद में मुद्दों पर आधारित बहस हुई। सभी ने अपने बुनियादी अधिकारों का उपयोग किया। ये अलग बात है कि सत्ता पक्ष के भारी पडऩे का कारण है कि उनके पास संख्या बल अधिक है। आज तक से हुई बातचीत के दौरान रामदेव ने अविश्वास प्रस्ताव पर हुई चर्चा को सार्थक बताया। राहुल ने मोदी की कड़ी आलोचना करने के बाद अप्रत्याशित रूप से उनकी सीट पर जाकर च्जादू की झप्पीज् दी, जिस पर सदन भौंचक्क रह गया और फिर ठहाकों से गूंज उठा। सदन में सरकार को खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए गांधी ने प्रधानमंत्री पर तीखे हमले करते हुए कई आरोप लगाए। अपनी बात खत्म करके वह प्रधानमंत्री की सीट के पास गए और उनसे गले लगने के लिए उठने का संकेत किया। मोदी ने बैठे-बैठे ही उनसे हाथ मिलाने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया, लेकिन गांधी ने हाथ मिलाने के बजाय गले लगने का इशारा किया।

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ‘राहुल गांधी ने लोकसभा में चिपको आंदोलन की शुरुआत की है।‘
आम आदमी पार्टी के नेता डॉक्टर कुमार विश्वास ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर लिखा कि ‘अमाँ छोड़िए भी ! ज़रा दिल बड़ा करिए ! आँख ही तो मारी है वरना इन सदनों में क्या -क्या मारा गया है, मुल्क को मालूम है।’ बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि ‘कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जी सदन के अंदर…माननीय प्रधानमंत्री जी से गले मिल रहें हैं…या गले पड़ रहें हैं??। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ‘ मैं राहुल गांधी से पूछना चाहती हूं कि आज कौन सा कर के आए हैं? क्योंकि इससे पहले उन्होंने पंजाबियों को नशेड़ी कहा था।’

पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने कल लोकसभा में राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसा है. यशवंत सिन्हा ने उन्हें ‘सीरियल हगर’ यानी आदतन गले मिलने वाला बताया और कहा कि अब उन्हें गले लगाने वाला कोई मिल गया. प्रधानमंत्री मोदी अपने विदेशी समकक्षों के साथ अकसर गर्मजोशी से गले मिलते हैं. इन नेताओं के साथ नजदीकी दिखाने का उनका ये तरीका है. इसकी कुछ लोगों द्वारा आलोचना भी की जाती रही है. हालांकि देखा गया है कि गले मिलने से प्रधानमंत्री विदेशी राष्ट्राध्यक्षों के साथ घनिष्ठ संबंध बनाने में कामयाब रहे हैं. लेकिन अब यशवंत सिन्हा ने उनकी इसी अदा पर तंज कसा है. सिन्हा ने ट्वीट किया, ‘सीरियल हगर से गले मिला गया है.’ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने जब अपना भाषण समाप्त किया तो वो अचानक प्रधानमंत्री मोदी के पास चले गए और उन्हें गले लगा लिया.
यशवंत सिन्हा का समर्थन करने वाले एक यूजर ने लिखा, ‘जब प्रधानमंत्री विदेशियों से गले मिल सकते हैं, तो राहुल गांधी का उनसे गले मिलना क्यों गलत है. राहुल गांधी प्यार और अपनेपन की राजनीती के सबसे बड़े नेता बनकर उभर रहे है.’

वही दूसरी ओर
आंध्र प्रदेश में प्रभाव रखने वाली वाईएसआर कांग्रेस ने कहा है कि वह केंद्र में किसी भी पार्टी को समर्थन करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए पार्टी ने एक शर्त लगाई है. वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि उनकी केवल एक ही मांग है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए. इसके लिए पार्टी ने मंगलवार को राज्य में बंद का ऐलान भी किया है. रेड्डी ने काकीनाड़ा में कहा, ‘हम राष्ट्रीय स्तर पर किसी भी पार्टी का समर्थन कर सकते हैं. हमारी केवल एक मांग है और वो है आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने राज्य के साथ जो अन्याय किया है, उसके खिलाफ हम मंगलवार को आंध्र प्रदेश में बंद का आह्वान कर रहे हैं.’ उनके इस बयान से माना जा रहा है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को लेकर एक सॉफ्ट कॉर्नर दिखाया है. क्योंकि भाजपा सरकार के खिलाफ वह बंद का आह्वान कर रहे हैं और साथ ही यदि विशेष राज्य के मुद्दे पर किसी के भी साथ जाने के लिए तैयार हैं.
उल्लेखनीय है कि जगन मोहन रेड्डी को केंद्र और राज्य में कांग्रेस सरकार के दौरान बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था और उन्हें जेल भी जाना पड़ा. हालांकि जगन मोहन के कांग्रेस से पुराने संबंध हैं. उनके पिता वाईएसआर रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री थे और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे. मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान ही एक हवाई दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी, जिसके बाद जगन मोहन रेड्डी ने मुख्यमंत्री पद पर अपना दावा किया. कांग्रेस आलाकमान के इनकार करने के बाद उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस के नाम से अलग पार्टी बना ली. आंध्र प्रदेश में विशेष राज्य का मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य की सत्ताधारी पार्टी टीडीपी कल इसी मुद्दे पर लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी. हालांकि ये प्रस्ताव भारी बहुमत से गिर गया. लेकिन टीडीपी राज्य में इसका फायदा उठाने की पूरी कोशिश करेगी. वाईएसआर कांग्रेस के ताजा कदम को टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव का जवाब माना जा रहा है.

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