आई.आई.एम. काशीपुर में सीटे खाली रही

आई.आई.एम. काशीपुर में २०१३-१४ में खाली रही ३१ प्रतिशत सीटें  #आरक्षित वर्ग की सीटों पर अन्य वर्ग के विद्यार्थियों ने भी लिया प्रवेश

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देश के राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों में शामिल उत्तराखंड के एक मात्र संस्थान भारतीय प्रबंध संस्थान (आई.आई.एम.) काशीपुर में विभिन्न शिक्षा सत्रों में सीटे खाली रही। शिक्षा सत्र २०१३-१४ में तो कुल १३१ सीटें भरी गयी, लेकिन कोर्स केवल ९० छात्राओं ने किया तथा ३१ प्रतिशत कुल ४१ सीटें पूरे सत्र में खाली रही। जबकि इस संस्थान पर केन्द्र व उत्तराखंड सरकार करोडों रूपये खर्च कर रही है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत नदीम उद्दीन को संस्थान द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने भारतीय प्रबंध संस्थान काशीपुर के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से प्रत्येक वर्ग की खाली व भरी सीटों के सम्बन्ध में तथा आई.आई.एम को प्राप्त केन्द्र व राज्य सरकार की सहायता के सम्बन्ध में सूचना मांगी। इसके उत्तर में संस्थान के केन्द्रीय लक सूचना अधिकारी द्वारा अपने पत्रांक ८४/२०१७ से सूचना उपलब्ध करायी गयी है।

 

उत्तराखंड के एक मात्र संस्थान भारतीय प्रबंध संस्थान (आई.आई.एम.) काशीपुर में विभिन्न शिक्षा सत्रों में सीटे खाली रही। शिक्षा सत्र २०१३-१४ में तो कुल १३१ सीटें भरी गयी, लेकिन कोर्स केवल ९० छात्राओं ने किया तथा ३१ प्रतिशत कुल ४१ सीटें पूरे सत्र में खाली रही। जबकि इस संस्थान पर केन्द्र व उत्तराखंड सरकार करोडों रूपये खर्च कर रही है।

  श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी खाली व भरी हुई सीटों की सूचना के अनुसार शिक्षा सत्र २०१३-१४ में सर्वाधिक ४१ सीटें खाली रही जबकि १३१ सीटे भरी गयी लेकिन कोर्स केवल ९० विद्यार्थियों ने ही किया। इसके अतिरिक्त २०१५-१६ में २ सीटें खाली दर्शायी गयी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार शिक्षा सत्र २०११-१२ में सामान्य वर्ग की ४ तथा अनुसूचित जाति वर्ग की ३ सीटें खाली रही है। वर्ष २०१२-१३ में अन्य पिछडा वर्ग की ३ सीटें खाली रही है जबकि वर्ष २०१३-१४ में सामान्य वर्ग की १६, अन्य पिछडा वर्ग की ३, अनुसूचित जाति वर्ग की २६ सीटें खाली रही है। २०१४-१५ में अन्य पिछडा वर्ग की २ सीटें खाली रही जबकि २०१५-१६ में अन्य पिछडा वर्ग की १५ सीटें खाली रही है। वर्ष २०१६-१७ में सामान्य वर्ग की ३ तथा पी डब्लू डी वर्ग की १ सीट खाली रही है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार विभिन्न वर्षों में खाली सीटों पर अन्य वर्गों के विद्यार्थियों ने कोर्स किया है लेकिन इसके बाद भी २०१३-१४ में ४१, वर्ष २०१५-१६ में २ सीटें खाली ही रही है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार सीटे खाली रहने के कारणों में देरी से कोर्स से नाम वापसी, मेरिट लिस्ट में योग्य उम्मीदवार न मिलना, रजिस्ट्रेशन की तिथि तक ऑफर स्वीकार न करना तथा प्रोग्राम में रिपोर्ट करने के बाद ऑफर वापस लेना शामिल है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार केन्द्र सरकार से आई.आई.एम. काशीपुर को सूचना देने की तिथि तक ३७७.४१ करोड का अनुदान प्राप्त हुआ जिसमें से ३२५ करोड रूपये खर्च कर दिये गये है। आई.आई.एम. के भवन तथा होस्टल पर २४२ करोड रूपये खर्च किये गये है।
श्री नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार संस्थान ने फीस आदि के रूप में एकेडमिक प्राप्तियों के अन्तर्गत ४९ करोड ४६ लाख ३३ हजार २१९ की धनराशि छात्र-छात्राओं से वसूल की है जिसमें वर्ष २०१२-१३ में ३.०७ करोड, २०१३-१४ मे ७.९२ करोड, २०१४-१५ में १०.१४ करोड, २०१५-१६ में ११.५० करोड तथा २०१६-१७ में १६.८४ करोड की धनराशि प्राप्त की है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड सरकार के पांच भवन आई.आई.एम. के कब्जे में है जिसका उत्तराखंड सरकार को कोई किराया आदि का भुगतान नहीं किया गया है। इन भवनों में गन्ना आयुक्त का कार्यालय, गन्ना संस्थान का गन्ना अनुसंधान केन्द्र, गन्ना अनुसंधान केन्द्र का ऑडिटोरियम, राधेहरि कालेज का हास्टल भवन तथा गन्ना अनुसंधान केन्द्र के प्रशासनिक भवन तथा प्रयोग शालायें शामिल है।
श्री नदीम ने बताया कि उत्तराखंड सरकार के सम्बन्धित विभागों द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से स्पष्ट हो चुका है कि इन भवनों को जिस अवधि के लिये दिया गया था वह अवधि पूर्ण हो चुकी है और इसके बाद भी इन भवनों को अभी तक आई.आई.एम. ने वापस नहीं किया है। जिससे सम्बन्धित विभागों को भारी असुविधाएं हो रही है।

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