खतरा भारतीय हिमालय पर ही मंडरा रहा है

पंतनगर, ऊधमसिंह नगर (ब्यूरो)। उत्तराखंड भी हीट स्ट्रेस से प्रभावित होने वाला दुनिया का सबसे प्रमुख क्षेत्र बन रहा है। ज्वलंत पर्यावरण पहलुओं को प्रकाशित करने वाली अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका एन्वायरमेंटल रिसर्च लेटर्स में वैज्ञानिकों ने भारत के बडे भू-भाग के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। इसमें चेतावनी दी गई है कि बढती गर्मी एवं उमस के संयुक्त प्रभाव से भारत का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चमी बंगाल, दार्जिलिंग, सिक्किम एवं अरुणाचल प्रदेश) २१वीं सदी के अंत तक हीट स्ट्रेस से प्रभावित होने वाला दुनिया का सबसे प्रमुख क्षेत्र होगा।
कोलंबिया विश्वविद्यालय की नासा गोडार्ड इंस्टीट्ययूट फॉर स्पेस स्टडीज एवं सेंटर फार इंटरनेशनल अर्थ साइंस इन्फार्मेशन नेटवर्क के वैज्ञानिकों के जनवरी २०१८ में प्रकाशित शोध पत्र में बढती गर्मी का सबसे बडा खतरा हिमालयी पर्वत श्रंखला को बताया गया है। हिमालय भले ही एशिया के आठ देशों की सीमाओं तक विस्तार लिए हुए है, लेकिन सबसे अधिक खतरा भारतीय हिमालय पर ही मंडरा रहा है।
ऐसी संभावना भी है कि सदी के मध्य अथवा उत्तरार्ध में गर्माहट सहन करने की मानव क्षमता ही बेहद कम हो जाएगी। गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय के पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. वीर सिंह का कहना है कि शोध हमें चेता रहे है। हिमालयी क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन गंभीर चेतावनी है। इस पर अभी ध्यान नहीं दिया गया तो बाद में बहुत देर हो जाएगी। वायुमंडल में कार्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा बढकर ४१० पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) हो चुकी है, जो कि खतरे की घंटी है। यह १८वीं शताब्दी के अंत में २८० पीपीएम मापी गई थी। इस गर्माहट के सबसे अधिक शिकार हिमालय हो रहा हैं। जीबी पंत विवि के शोधार्थी श्रेष्ठा, गौतम एवं बावा के शोधपत्र के अनुसार १९८२ से २००६ तक हिमालय का तापक्रम १.५ डिग्री सेल्सियस अर्थात ०.६ डिग्री पतिवर्ष की दर से बढा, जो अत्यंत गंभीर है। उत्तराखंड में सार्वभौमिक गर्माहट की स्थानीय हलचल खतरे की ओर संकेत करती है। वर्ष १९११ में यहां का औसत तापमान २१.० डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता था, जो अब बढकर २३.५ डिग्री सेल्सियस हो गया है।

 

रुद्रपुर : 31वीं वाहिनी पीएसी में विद्रोह की मजिस्ट्रेटी जांच छह साल बाद शुरू हो गई है। इस मामले की फाइलें गायब हैं तो ऐसे में एडीएम वित्त ने पुन: विज्ञप्ति निकालकर घटना से संबंधित साक्ष्य और गवाह बयान दर्ज करने को बुलाए हैं। 22 जून तक कोई भी व्यक्ति एडीएम के समक्ष अपने बयान दर्ज करा सकता है। वर्ष 2012 में 31वीं वाहिनी पीएसी में हुए विद्रोह की फाइलें एडीएम वित्त प्रताप ¨सह शाह के दफ्तर से गायब हो गई। साक्ष्यों के अभाव में ही इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच पिछले छह साल से लंबित है। अब मामला सुर्खियों में आने के साथ ही दोबारा साक्ष्य संकलन किया जा रहा है। यानी जांच की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की गई है। आरोपी जवानों और सूबेदारों के बयान इसी कड़ी में दोबारा लिए जा रहे हैं। मामले में सूबेदार गोपाल बिष्ट और कैलाश शर्मा के बयान भी दर्ज किए गए। फाइलें कहां गईं, इसका किसी को पता नहीं। इन्हें संभालने की जिम्मेदारी एडीएम के स्टेनो की है। उस वक्त देवेंद्र ¨सह नेगी स्टेनो थे, जिन्होंने पूछताछ में फाइलें तत्कालीन एडीएम निधि यादव को सौंपने की बात कही है। दैनिक जागरण में इस खबर के सुर्खियां बनने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।
तत्कालीन डीएम बीके संत ने मामले में एडीएम वित्त निधि यादव को मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए थे, साथ ही दोनों सूबेदारों गोपाल ¨सह बिष्ट और कैलाश शर्मा को निलंबित कर दिया था। 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपनी थी पर छह साल बाद भी यह पूरी नहीं हो सकी है। वजह, इस प्रकरण की फाइलें ही गायब हैं।
एडीएम प्रताप ¨सह शाह ने जनता से अपेक्षा की है कि इस संबंध में किसी व्यक्ति को कुछ कहना हो या साक्ष्य/गवाह प्रस्तुत करने हों अथवा कोई जानकारी प्रस्तुत करनी हो, तो कलक्ट्रेट स्थित अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) कार्यालय में 22 जून तक किसी भी कार्य दिवस पर उपस्थित होकर जानकारी दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि 22 जून के बाद प्राप्त किसी भी सूचना पर विचार करना संभव नहीं होगा।

देहरादून  

फिल्म डेस्टीनेशन के रूप में उभरेगा उत्तराखण्ड: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
राज्य के युवाओं के लिए बनेगी रोजगार की सम्भावनाएं।
मुख्यमंत्री ने किया पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स का शुभारम्भ।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर उत्तराखण्ड में पहली बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन।
एफ.टी.आई. व उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में कार्यशाला का आयोजन।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि उत्तराखण्ड की जल्द ही फिल्म डेस्टीनेशन के रूप में पहचान बनेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री ने रिंग रोड स्थित सूचना भवन में पांच दिवसीय फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स का शुभारम्भ किया। उन्होंने इसे ऐतिहासिक पल बताते हुए एफ.टी.आई पुणे का आभार व्यक्त किया। प्रयास किया जाएगा कि इस तरह के कोर्स हर जिले में आयोजित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म शूटिंग से राज्य में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त होता है। फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने शूटिंग का शुल्क पूरी तरह से हटा दिया है। एफ.टी.आई के सहयोग से आयोजित कोर्स से राज्य के युवाओं को फिल्म निर्माण संबंधी तकनीकी जानकारियां प्राप्त होंगी। इससे यहां फिल्म निर्माताओं को दक्ष मेनपावर भी मिलेगा। राज्य में फिल्म निर्माण के लिए अनुकूल माहौल है। यहां लाॅ एंड आर्डर की बेहतर स्थिति है। सरकार का प्रयास है कि उत्तराखण्ड के नैसर्गिक सौंदर्य को फिल्मों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाए।
महानिदेशक सूचना/मुख्य कार्यकारी अधिकारी फिल्म विकास परिषद डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर उत्तराखण्ड में पहली बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। एफ.टी.आई. पुणे व उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के संयुक्त तत्वाधान में 6 से 10 जून तक सूचना भवन, रिंग रोड़ में आयोजित पांच दिवसीय कार्यशाला में युवाओं को एफ.टी.आई. पुणे से आये विशेषज्ञों द्वारा फिल्म विधा से जुड़ी बारीकियों की जानकारी दी जायेगी। इसके बाद अल्मोड़ा और टिहरी में भी ऐसे कोर्स कराये जायेंगे। इसके अलावा देहरादून में जुलाई, 2018 में पटकथा लेखन कोर्स भी कराया जायेगा। साथ ही अभिनय, डिजीटल छायांकन, डिजीटल फिल्म प्रोडक्शन, टी.वी. धारावाहिक के लिए काल्पनिक लेखन, स्टिल फोटोग्राफी कोर्स के साथ ही छोटे बच्चों के लिए फिल्म मेकिंग और अभिनय संबंधी कोर्स भी तैयार किये गये है। फिल्म एप्रिसियेशन कोर्स के प्रति युवाओं में काफी उत्साह है। पहली बार आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभाग के लिए कुल 126 आवेदन प्राप्त हुए हैं।
एफ.टी.आई के निदेशक श्री भूपेंद्र कैंथेला ने कहा कि इस कार्यशाला से राज्य में फिल्म निर्माताओं को तकनीकी रूप से दक्ष मेन पावर उपलब्ध होगा। परंतु इसके लिए अभी काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है। युवाओं को सिनेमा को भी रोजगार के एक विकल्प के तौर पर लेना चाहिए। उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। हाल ही में राज्य को फिल्म फ्रेंडली राज्य का अवार्ड मिला था। फिल्म कल्चर को विकसित किए जाने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन अपर निदेशक सूचना डाॅ.अनिल चंदोला ने किया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रमेश भट्ट, कोर्स डायरेक्टर श्री पंकज सक्सेना आदि उपस्थित थे।

देहरादून 06 जून, 2018(सू.ब्यूरो)
प्रेस नोट-02(06/28)
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में गुरूवार, 07 जून, 2018 को बी.आर.अम्बेडकर स्टेडियम, ओ.एन.जी.सी. कौलागढ़ रोड, देहरादून में प्रातः 6.15 बजे कर्टेन रेजर (Curtain Raiser) कार्यक्रम आयोजित होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक भी उपस्थित रहेंगे।

देहरादून 06 जून, 2018(सू.ब्यूरो)

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को हरिद्वार रोड स्थित स्थानीय होटल में एक समाचार चैनल (जी उत्तरप्रदेश-उत्तराखण्ड) द्वारा आयोजित ‘‘TRANSFORM UTTARAKHAND CONCLAVE ‘‘ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पिछले सवा साल में राज्य सरकार ने जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कार्य किये हैं। पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टाॅलरेंस की नीति के तहत कार्य किया जा रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्य में एस.आई.टी. गठित की गई है। एन.एच.-74 पर भूमि के मुआवजे को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया जिस पर अभी जाँच चल रही है। इस घोटाले में अभी तक 20 से अधिक दोषियों को जेल भेजा जा चुका है। खाद्यान घोटाले की जाँच भी अभी जारी है। खाद्यान घोटाले में तत्कालीन आरएफसी को बर्खास्त किया गया। शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले 20 से अधिक अध्यापकों की सेवा समाप्त की गई। जन सुविधाओं के दृष्टिगत सेवा के अधिकार के तहत 162 सेवाएं और जोड़ी गई हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए राज्य में पं. दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को मात्र 02 प्रतिशत की ब्याज दर पर एक लाख रूपये तक का लोन दिया जा रहा है। बैंकर्स को किसानों को ऋण देने के लिए हर सम्भव मदद करने को कहा गया है। प्रदेश के विकास के लिए केन्द्र सरकार का राज्य को भरपूर सहयोग मिल रहा है। पिछले 10 सालों में जितनी धनराशि कृषि के क्षेत्र में केन्द्र से उत्तराखण्ड को मिली उससे अधिक धनराशि इस वर्ष मिली है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत उत्तराखण्ड के 05 लाख 38 हजार परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिखाये गये मार्ग का अनुश्रवण करते हुए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा इस योजना को सार्वभौमिक किया गया है इससे राज्य के सभी 20 लाख परिवारों को यह सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। ढ़ाई लाख रूपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत निःशुल्क गैस कनैक्शन दिये जा रहे हैं।
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देहरादून, 06 जून 2018, सचिव शहरी विकास आर.के सुधांशु, सचिव सूचना/महानिदेशक डाॅ पंकज पाण्डेय तथा जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन द्वारा 07 जून 2018 को ओ.एन.जी.सी के अम्बेडकर ग्राउण्ड में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2018 की Curtain Raiser Event (प्री-योगा डे) की व्यवस्थाओं की तैयारियों का जायजा लेते हुए सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।
सचिव शहरी विकास ने सभी अधिकारियों की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए अधूरे कार्य को आज ही पूर्ण करने के निर्देश दिये तथा आयोजन में सम्मिलित होने वाले महानुभावों तथा आम जनता को मैदान में योगा करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सम्पादित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होने अवगत कराया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड सरकार तथा इसके अतिरिक्त मा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आयुष मंत्रालय भारत सरकार श्रीपद येसो नाइक, मा0 आयुष मंत्री उत्तराखण्ड सरकार डाॅ हरक सिंह रावत, मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन सहित, गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही बाबा रामदेव भी उपस्थित रहेगें।
सचिव/महानिदेशक सूचना ने मा0 मुख्यमंत्री द्वारा प्रेस वार्ता हेतु साउण्ड सिस्टम, स्टेज पेयजल तथा व्यवस्थित प्रक्रिया को अमल में लाते हुए व्यवस्था सम्पादित करने तथा योगा के दौरान टी-शर्ट वितरण, स्क्रीन लगाने, मैट इत्यादि कार्य शीघ्रता से पूरे करने को सम्बन्धित अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी एस.ए मुरूगेशन ने प्री योगा के दौरान मैदान के भीतर विभिन्न व्यवस्थाओं को देखने के लिए अलग-अलग अधिकारियों को नियुक्त करते हुए जिम्मेदारियां तय की। उन्होने जल संस्थान को पेयजल, नगर निगम को साफ-सफाई व मोबाईल टाॅयलेट, लोनिवि को स्टेज, टैन्ट, सिटिंग अरेंजमैन्ट व अधूरे सभी निर्माण कार्यों को 9 बजे तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होने पुलिस को सुरक्षा व यातायात व्यवस्था बनाये रखने के निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि कार्यक्रम प्रातः 06ः20 से प्रारम्भ हो जायेगा तथा 8 बजे मा मुख्यमंत्री द्वारा मीडिया को सम्बोधित किया जायेगा और इसमें लगभग हजार- बारह सौ व्यक्तियों के सम्मिलित होने की उम्मीद जताई।
इस अवसर पर नगर आयुक्त विजय कुमार जोगदंडे, नगर मजिस्टेªट मनुज गोयल, अपर जिलाधिकारी बीर ंिसंह बुदियाल व अरविन्द पाण्डेय, निदेशक आयुष अरूण कुमार त्रिपाटी, अपर निदेशक सूचना डाॅ अनिल चंदोला सहित सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री दीपक रावत के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र के नेतृत्व में कलक्ट्रेट भवन स्थित सभी कार्यालयों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी से लेकर सब्जी मण्डी क्षेत्र तक सफाई अभियान चलाकर गंगा घाटों की सफाई की गयी। अभियान में लगभग 50 की संख्या में अधिकारी/कर्मचारी शामिल थे। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने झाडू व अन्य सफाई उपकरण लेकर सफाई अभियान चलाया। सफाई अभियान को लेकर सभी में बड़ा उत्साह था। मां गंगा घाटों की सफाई के पुनीत कार्य में सहभागिता निभाकर सफाई कार्य में लगे सभी अधिकारी एवं कर्मचारी अपनेआप को गौरवान्वित महसूस कर रहे थे। अभियान के दौरान अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा गंगाघाट क्षेत्र में उपस्थित तीर्थयात्रियों एवं स्थानीय जनता को प्रेरित किया गया कि वे मां गंगा और गंगा घाट क्षेत्र में इधर-उधर कूड़ा-कचरा फेंककर गन्दगी न फैलायें। कूड़ा-कचरा निर्धारित स्थलों पर रखे गये कूड़ेदान में ही डालें।
गौरतलब हो कि जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गंगा घाट क्षेत्र आवंटित कर गंगा घाटों की सफाई का दायित्व दिया गया है। सभी विभाग अवकाश के दिनों अथवा अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन आंवटित क्षेत्र में सफाई अभियान चलायेगें। इसी क्रम में बुधवार को अपर जिलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र के नेतृत्व में हरकी पैड़ी से लेकर सब्जी मण्डी क्षेत्र तक सफाई अभियान चलाया गया।
सफाई अभियान में कलक्ट्रेट भवन में स्थित राजस्व, कोषागार, विशेष भूमि अध्याप्ति आदि कार्यालयों के अधिकारी/कर्मचारी ने प्रतिभाग किया। जिनमें मुख्य कोषाधिकारी रत्नेश कुमार सिंह, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अजय गोयल, प्रशासनिक अधिकारी विनोद, पेशगार एडीएम नवल किशोर शर्मा, ई-डिस्ट्रिक मेनेजर अभिषेक चैहान सहित संगीता सैनी, किरन चैहान, योगिता, शेलेष कृष्ण, पूर्णानन्द जोशी, चण्डीप्रसाद मनमोहन सिंह, केएन पन्त, अजय, अशोक, शिवदयाल सिंह, रवि यादव, अशोक आदि शामिल हैं।

हरिद्वार। जिलाधिकारी श्री दीपक रावत ने बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय में राजकीय संयुक्त चिकित्सालय चिकित्सा प्रबन्धन समिति की बैठक समीक्षा बैठक ली। बैठक में मुख्य चिकित्साधीक्षक सचिव द्वारा चिकित्सालय के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु 3 करोड़ 12 लाख 35 हजार का बजट समिति के सम्मुख अनुमोदन हेतु रखा गया। वहीं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा ट्रोमा यूनिट प्रारम्भ करने के लिए फर्नीचर, हाॅस्पिटल में कई बार मरीजोें के तीमारदारों द्वारा की गयी तोड़-फोड़ की घटनाओं के दृष्टिगत हाॅस्पिटल में अतिरिक्त सुरक्षागार्ड तैनाती, आउटसोर्स एवं उपनल के माध्यम से नियुक्त 11 कर्मचारियों को पुनः नियुक्त किये जाने तथा चतुर्थ श्रेणी के 3 अन्य कर्मचारियों को उपनल से नियुक्त किये जाने, चिकित्सालय के विभिन्न स्थानों पर साईनेज बोर्ड लगाने,, चिकित्सालय मे एचडी सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने, सीएसआर से 2 बैड आईसीयू एवं 2 डायलिसिस यूनिट की स्थापना किये जाने, चिकित्सालय के मार्ग को नगर निगम के माध्यम से बनाये जाने, जल संस्थान के माध्यम से पानी की सप्लाइर्, पाइ्रप लाईल डाल जाने, नई सीवर लाईन डाले जाने एवं सोलर प्लांट की स्थापना के प्रस्ताव समित के सम्मुख रखे गये।
वर्ष 2017-18 के आय व्यय का विवरण देते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा बताया गया कि वर्ष 2017-18 में अनुदान एवं यूजर चार्जेज आदि के माध्यम से कुल रुपये 1 करोड़ 59 लाख 16 हजार 217 की धनराशि प्राप्त हुई थी जिसके सापेक्ष विभिन्न मदों में रुपये 1 करोड़ 58 लाख 12 हजार 240 खर्च हुए और रुपये 1 लाख 3 हजार 997 शेष रहे।
जिलाधिकारी ने सीएचसी के लघु निर्माण कार्यो तथा इन हुए व्यय की जानकारी उपलब्ध न कराये जाने पर ज्वाइंट मजिस्टेªेट रूड़की को उक्त कार्यो का भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट दिये जाने के आदेश दिये। वहीं चिकित्सालय के जन औषधि केंद्र पर भारत सरकार से जारी सूची मंे से मात्र 17-18 दवायें ही बेचे जाने पर केंद्र संचालक को 15 दिन के भीतर सूची में शामिल समस्त दवायें उपलब्ध न कराने पर लाइसेंस रद्द किये जाने के निर्देश चिकित्सालय अधीक्षक को दिये।

हरिद्वार। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को देषभर के स्टार्ट अप योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद स्थापित कर योजना की समीक्षा की। उत्तरखण्ड के देहरादून जनपद से इनावेटर से संवाद के बाद श्री मोदी ने कहा कि आपके द्वारा किये गये आविश्कार समाज में अपने आस-पास देखने को मिलने वाली समस्याओं को कम करने के लिए किये गये, जिससे सिद्ध होता है कि केवल आवष्यकता ही नहीं संवेदना भी अविश्कार की जननी है। आप लोग अपने विचारों को धरातल पर उतारकर जनहित में नये नये अविश्कार कर रहे है, इसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने लाभार्थियों से जाना कि योजना की वास्तविक स्थिति क्या है। किस प्रकार स्टार्ट अप से रचनात्मक उद्यामियों को अपने आइडिया को व्यवाहरिक रूप में कैसे सहायता मिल रही है। क्या आपकी सफलता को देखकर आपके साथी युवा जो स्टार्ट अप में षामिल होने के लिए प्रेरित हुए हैं।
उत्तरखण्ड से देहरादून जिले के रजत जैन ने प्रधानमंत्री से संवाद में बताया कि स्टार्ट अप की मदद से उन्होंने विष्व की सबसे छोटी ईसीजी मषीन तैयार की है, जिसे एक माचिस के बाक्स में भी कैरी किया जा सकता है। सिद्धार्थ अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने एग्रोवेस्ट प्रोडक्षन में कार्य किया किया है। वह किसानों से वेस्ट पदार्थ खरीदकर पषु चारा को सस्ता बना रहे हैं, स्वाती जोषी ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान होने वाली कठिनाईयो को कम करने के लिए एक डिवाइस अविश्कार किया है, जो पेन किलर दवाईंयो से महिलाओं को बचाने के लिए का बहुत अच्छा विकल्प है।
प्रधानमंत्री ने देष के उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उन्होंने स्टार्ट अप के बाद देष में इनोवेटर्स द्वारा पेटंेट रजिस्टेªषन, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेषन की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है वहीं रजिस्ट्रेषन की प्रक्रिया में लगने वाला समय घटा है। हमारे युवा जाॅब मल्टिप्लायर बन रहे है।।
उन्होंने बिजली स्टोरेज, षुद्ध पेेयजल, किसानो की आय दोगुना करने वाले इनोवेटर्स को आगे आकर स्टार्ट अप से जुड़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि इनोवेटर्स आगे आयें अपनी सोच, षक्ति, कौषल का भरपूर प्रदर्षन इंटरनेषनल प्रतियोगिता में करें। भारत सरकार ने स्टार्ट अप के उद्यमियों के लिए दस हजार करोड़ रूप्ये का फण्ड्स आॅफ फण्ड का निर्माण किया है।
वीसी की अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री दीपक रावत ने की।

देहरादून  

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार द्वारा चयनित 13 पर्यटन डेस्टीनेशन पर हेलीपेड विकसित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि श्री केदारनाथ में हेली सेवा प्रदान करने वाली कम्पनियों द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूल किए जाने की शिकायतों के निवारण के लिए समुचित व्यवस्था की जाए और शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित कम्पनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के आय-व्यय सहित विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, सचिव श्री डी.सेंथिल पांडियन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे

सीआईआई – यूसीओएसटी 9वीं पर्यावरण शिखर सम्मेलन समाप्त
Society to Make Surroundings Plastic Waste
दो दिन सीआईआई – यूको सिस्टम सेवा और प्लास्टिक अपशिष्ट मुक्त उत्तराखंड पर केंद्रित यूसीओएसटी 9वीं पर्यावरण शिखर सम्मेलन आज एक सफल नोट पर संपन्न हुआ। डॉ एसएस नेगी उपाध्यक्ष, उत्तराखंड ग्रामीण विकास और प्रवासन आयोग ने अतिथि पद के सम्मान के दौरान अपने वैदिक सत्र को वितरित करते हुए कहा कि समाज का कर्तव्य है कि वे अपने आसपास के प्लास्टिक को अपशिष्ट मुक्त कर दें और लोगों को अपने पड़ोसियों को प्रोत्साहित करना चाहिए, बच्चों को एकल प्लास्टिक का उपयोग न करने के लिए प्लास्टिक उत्पादों और अन्य गैर जैव गिरावट योग्य उत्पादों का उपयोग ने करें। डॉ नेगी ने साझा किया कि हमारे पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश ने प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को कम करने, व्यापक आधार पर पर्यावरण जागरूकता पैदा करने और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के लिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि टिकाऊ प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केवल तभी पूरा किया जा सकता है जब राजनीतिक इच्छाशक्ति, नागरिक और सामाजिक स्वामित्व,जागरूकता और प्रभावी निगरानी और मूल्यांकन प्रणाली हो।
शिखर सम्मेलन का तीसरा सत्र आज प्लास्टिक अपशिष्ट मुक्त उत्तराखंड पर केंद्रित था और सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्री राकेश अग्रवाल ने उनका नेतृत्व किया था। सत्र के दौरान विशेषज्ञ डॉ। सनत कुमार, सीनियर वैज्ञानिक और क्षेत्र प्रमुख, वैक्स रियोलॉजी एरिया (पृथक्करण प्रक्रिया प्रभाग) सीएसआईआर – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम, ने आईआईपी को अपशिष्ट प्लास्टिक ईंधन और अरोमैटिक्स को बदलने पर काम किया। सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में उल्लेखनीय विशेषज्ञ श्री विपिन कुमार ने प्लास्टिक कचरा प्रबंधन और श्री विपुल अरोड़ा, मैनेजर ऑपरेशंस, आईटीसी लिमिटेड पर अपने विचार साझा किए, well-being out of waste (WOW) के बारे में जानकारी साझा की जो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर आईटीसी पहल है।

डॉ। राजेंद्र दोभल, महानिदेशक UCOST ने उल्लेख किया कि उद्योग और संस्थानों के संसाधनों के साथ दो दिनों में अच्छी बहस के साथ शिखर सम्मेलन अच्छी तरह से चला गया। उन्होंने व्यक्त किया कि इस तरह के शिखर सम्मेलन लोगों के mind set को बदलने और उन्हें विभिन्न मुद्दों पर शिक्षित करने और ज्ञान साझा करने और नेटवर्किंग के लिए एक मंच बनाने में मदद करता है।

सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के चेयरमैन डॉ। विजय धस्माना ने कहा कि जब तक लोग सार्वजनिक स्थानों, उपयोगिताओं, बुनियादी ढांचे और शहरों को अपने स्वयं के रूप में नहीं मानते हैं, स्वच्छता और अपशिष्ट निर्माण समाप्त नहीं होंगे।
सीआईआई उत्तराखंड राज्य परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ एस फारुक ने अपने संबोधन में व्यक्त किया कि हमारे प्राकृतिक संसाधन हमारे गहने हैं और हमें संरक्षण के लिए उपाय करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि प्लास्टिक के संरक्षण और सीमित उपयोग के लिए समाज के बीच उचित और नियमित जागरूकता की आवश्यकता है।

शिखर सम्मेलन के दिन 2 में उद्योग, संस्थानों, अकादमिक, एनजीओ और पर्यावरण के क्षेत्र में विशेषज्ञों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और 10 विशेषज्ञों द्वारा संबोधित किया गया।

देहरादून,  अपर जिलाधिकारी प्रशासन/उप जिला निर्वाचन अधिकारी अरविन्द पाण्डेय ने अवगत कराया है फोटोयुक्त विधानसभा निर्वाचक नामावलियों का 01 जूनवरी 2019 की अर्हता तिथि के आधार पर पुनरीक्षण कार्य से पूर्व की गतिविधियों के तहत निर्वाचक नामवलियों का बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर जांच/सत्यापन कार्य में सभी सम्भावित त्रुटियों को शुद्ध करने एवं डूप्लीकेट मतदाताओं को चिन्हित कर हटाये जाने आदि के सम्बन्ध में 7 जून 2018 को 03ः30 बजे अपर जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में बैठक आहूत की गयी। उन्होने समस्त मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के जिला अध्यक्ष/महामंत्री बैठक में उपस्थित होने अथवा अधिकृत प्रतिनिधि में बैठक में प्रतिभाग करने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
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देहरादून,  , जिला प्रोबेशन अधिकारी देहरादून ने अवगत कराया है कि माननीय उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती उषा नेगी द्वारा 7 जून 2018 को प्रातः 10ः30 बजे विकासभवन सभागार में बाल संरक्षण से सम्बन्धित अनुश्रवण समिति की बैठक आयोजित की जायेगी।
नोटः- समस्त प्रिंट एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधियों से अनुरोध है कि बैठक की कवरेज हेतु प्रतिभाग करने का कष्ट करें।

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