सनसनी- यौन शोषण का शिकार हुई सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में *

इंदिरा जयसिंह ने खुलासा किया- द वीक को दिए  ताजा इंटरव्यू में

सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह का नाम अक्सर मानवाधिकार से जुड़े मामलों में सुर्खियों में रहता है। वो भारत की पहली महिला एडिशनल सॉलिसिटर-जनरल रही हैं। बॉम्बे हाई कोर्ट के 154 साल के इतिहास में वो पहली महिला वकील हैं जो सीनियर एडवोकेट बन सकीं। ऐसे में किसी को भी लग सकता है कि एक महिला के तौर पर उन्हें वो सब नहीं सहना पड़ता होगा जो देश की दूसरी आम महिलाओं को झेलना पड़ता है। लेकिन अगर आप ऐसा सोचते हैं तो शायद आप गलत हैं। द वीक को दिए  ताजा इंटरव्यू में इंदिरा जयसिंह ने खुलासा किया कि उन्हें भी यौन शोषण का शिकार होना पड़ा था। वो भी कहीं और नहीं, देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के गलियारों में।

भारतीय न्यायपालिका और बार काउंसिलों में पितृसत्तात्मक ताकतें हावी हैं। इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में इंदिरा जयसिंह ने पत्रिका से कहा, “भारतीय न्यायपालिका कई मायनों में काफी पितृसत्तात्मक है। अदालतों में महिलाओं के काम करने लायक माहौल नहीं है। इस वजह से महिलाएं इस पेशे से दूर हो रही हैं। एक अहम मसला महिलाओं के यौन शोषण का है। अभी मैं एक महिला जज का मुकदमा लड़ रही हूं जिसका एक दूसरे जज ने यौन शोषण किया है। ये कानून के पेशे के अंदरखाने का छिपा हुआ गंदा सच है। महिला वकील, यहां तक कि जजों का भी यौन शोषण होता है। दो इंटर्न के सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा यौन शोषण का मामला काफी चर्चित हुआ। अगर सुप्रीम कोर्ट के संग काम करने वाले इंटर्न का ये हाल है तो समस्या की किस हद तक इसकी कल्पना की जा सकती है।”

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