सूबे के मुख्यमन्त्री जिम्मेदार; जनसंघर्ष मोर्चा ने क्‍यो कहा ?

जनसंघर्ष मोर्चा देहरादून ने एक प्रेस विज्ञप्ति भेज कर अवगत कराया कि भाजपा मुख्यालय मे मौत के मामले में मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड जिम्मेदार है, पुलिस महानिदेशक को ज्ञापन देकर मुकदमा कायम करने की मांग की गयी,
देहरादून- जनसंघर्ष मोर्चा प्रतिनिधिमण्डल ने मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूडी से मुलाकात कर काठगोदाम के ट्रांसपोर्टर दिवंगत श्री प्रकाश पांडे द्वारा आत्महत्या/मौत के मामले में प्रदेश के मुख्यमन्त्री/राजस्व मन्त्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराये जाने की मांग की।

नेगी ने कहा कि उक्त मामले में सीधे तौर पर सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र रावत जिम्मेदार है। श्री रावत की अदूरदर्षिता एवं अनुभव हीनता के चलते प्रदेष का विकास चौपट हो गया है, जिस कारण हर व्यवसाय ठप्प हो गया है तथा प्रदेष विकास की दौड में बहुत पीछे छूट गया है, जैसा कि श्री पांडे द्वारा भी अपनी आत्महत्या से पूर्व बयान में कहा गया है।

नेगी ने कहा कि उक्त मामले में सीधे तौर पर सूबे के मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र रावत जिम्मेदार है। श्री रावत की अदूरदर्षिता एवं अनुभव हीनता के चलते प्रदेष का विकास चौपट हो गया है, जिस कारण हर व्यवसाय ठप्प हो गया है तथा प्रदेष विकास की दौड में बहुत पीछे छूट गया है, जैसा कि श्री पांडे द्वारा भी अपनी आत्महत्या से पूर्व बयान में कहा गया है।
महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि उक्त व्यवसायी श्री पांडे द्वारा अपनी व्यथा/पीडा को लेकर दिनांक १७.०८.२०१७ को प्रधानमन्त्री कार्यालय को पत्र प्रेषित किया था तथा इसके साथ-साथ वित्त मन्त्री को भी पत्र प्रेषित किया था। मा० प्रधानमन्त्री कार्यालय के द्वारा उक्त मामले में गम्भीरता दिखाते हुए पत्र सचिव, राजस्व विभाग, उत्तराखण्ड को दिनांक २२.०८.२०१७ के माध्यम से आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया तथा निर्देश दिया कि उक्त मामले में की गयी कार्यवाही से सम्बन्धित प्रगति से पी०एम०ओ० को भी पोर्टल के माध्यम से अवगत कराया जाये।
पी०एम०ओ० के पत्र पर लगभग ४ माह तक कोई कार्यवाही नहीं की गयी, अगर समय रहते कार्यवाही की गयी होती तो प्रदेश कलंकित होने से बच जाता तथा एक परिवार से मुखिया का साया न उठता। श्री पांडे को सिस्टम की लापरवाही के चलते आत्महत्या करने हेतु विवश होना पडा।
नेगी ने कहा कि पी०एम०ओ० द्वारा सचिव राजस्व को पत्र प्रेषित किया गया यानि मुख्यमन्त्री श्री रावत के पास ही राजस्व विभाग भी है तथा विभाग के मुखिया होने के नाते श्री रावत ही दोषी हैं, जिनकी लापरवाही की वजह से एक ट्रांसपोर्टर को आत्महत्या करनी पडी। उक्त के साथ-साथ श्री पांडे का बयान कि श्री त्रिवेन्द्र रावत ने सब कुछ चौपट कर दिया है, अपने आप में महत्वपूर्ण है।
प्रतिनिधिमण्डल मेंः- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, ओ०पी० राणा, प्रभाकर जोशी, बागेश पुरोहित, भीम सिंह बिश्ट आदि थे।

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