एक्जिट पोल- रुझान -झारखंड में त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा -कांग्रेस गठबंधन सरकार के आसार

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एक्सिस माय इंडिया के अनुसार, बीजेपी को 22-32, जेएमएम+ को 38-50, जेवीएम को 2-4, AJSU को 3-5 और अन्य को 4-7 सीटें #एग्जिट पोल के मुताबिक राज्य में जेएमएम के नेतृत्व में विपक्षी सरकार बनाने के करीब #AJSU और बाबूलाल मरांडी के जेवीएम जैसे छोटे दलों को 3-7 सीटें मिलने का अनुमान #एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 31-39 सीटें मिलने का अनुमान #जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन को 31-39 सीटें मिलने का अनुमान। बीजेपी को 28-38 सीटें मिलने का अनुमान #

Jharkhand Exit Polls Result 2019 बीजेपी की विदाई, JMM-कांग्रेस गठबंधन सरकार के आसार #झारखंड में पहले चरण में 13, दूसरे चरण में 20, तीसरे चरण में 17, चौथे चरण में 15 और पांचवें चरण में 16 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराए गए. झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर पांच चरणों में कराए गए मतदान5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है झारखंड विधानसभा का कार्यकाल

झारखंड विधानसभा की सभी 81 सीटों के लिए मतदान हो चुके हैं. सभी प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है. अब थोड़ी देर में आजतक और एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल (Exit Poll) जारी किया जाएगा. हालांकि चुनाव परिणाम 23 दिसंबर को वोटों की गिनती के बाद आएगा.

झारखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पहली पसंद हैं, जबकि मौजूदा मुख्यमंत्री रघुबर दास दूसरी पसंद हैं. वहीं, मुख्यमंत्री पद के लिए झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) के नेता बाबूलाल मरांडी तीसरी पसंद हैं.

एक्सिस माय इंडिया के अनुसार, बीजेपी को 22-32, जेएमएम+ को 38-50, जेवीएम को 2-4, AJSU को 3-5 और अन्य को 4-7 सीटें मिल सकती हैं।  एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक राज्य में जेएमएम के नेतृत्व में विपक्षी सरकार बनाने के करीब AJSU और बाबूलाल मरांडी के जेवीएम जैसे छोटे दलों को 3-7 सीटें मिलने का अनुमान एग्जिट पोल के अनुसार, झारखंड मुक्ति मोर्चा-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन को 81 सदस्यीय विधानसभा में 31-39 सीटें मिलने का अनुमान जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन को 31-39 सीटें मिलने का अनुमान। बीजेपी को 28-38 सीटें मिलने का अनुमान झारखंड में विधानसभा की कुल 81 सीटें हैं। बीजेपी का मुकाबला जेएमएम-कांग्रेस के महागठबंधन से है। 23 दिसंबर को इन चुनाव के नतीजे आएंगे।

झारखंड विधानसभा की सभी 81 सीटों के लिए पांच चरण में मतदान कराए गए. पहले चरण के लिए 30 नवंबर, दूसरे चरण के लिए 07 दिसंबर, तीसरे चरण के लिए 12 दिसंबर, चौथे चरण के लिए 16 दिसंबर और पांचवें चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान हुए थे.

झारखंड में पहले चरण में 13, दूसरे चरण में 20, तीसरे चरण में 17, चौथे चरण में 15 और पांचवें चरण में 16 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कराए गए. इस बार झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 9 सीटें अनुसूचित जाति और 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित थीं.

चुनाव आयोग ने झारखंड में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक चुनाव कराने के लिए 29 हजार 464 मतदान केंद्र बनाए गए थे. इससे पहले पिछले बार सूबे में 24 हजार 648 मतदान केंद्र बनाए गए थे.

एग्जिट पोल में कुल 12,489 लोगों से बात की गई. इसमें 76 फीसदी पुरुष और 24 फीसदी महिलाएं शामिल थीं. जाति के आधार पर बात करें तो इसमें एसटी (हिंदू) 20, एसटी (क्रिश्चिन) 6, एससी 15, मुस्लिम 14, ओबीसी 19, कुर्मी/महतो 9, यादव 7, जनरल के 7 और अन्य के 3 फीसदी लोग शामिल हैं. इनमें 77 फीसदी लोग ग्रामीण और 23 फीसदी शहरी इलाकों से हैं. झारखंड में मुख्यमंत्री रघुवर दास के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है. इस बार रघुबर दास के सामने अपनी सरकार बचाने की चुनौती है, तो विपक्ष सत्ता में वापसी करने को बेचैन है.

बीजेपी, जेवीएम, बीएसपी, एजेएसयू, जेएमएम, एआईटीसी, कांग्रेस, सीपीआईएम, सीपीआई और आरजेडी राजनीतिक पार्टियां चुनाव मैदान में हैं. इस चुनाव में कई दिग्गजों की साख भी दांव में है. झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2015 से शुरू हुआ था, जो 5 जनवरी 2020 को खत्म हो रहा है. चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव का ऐलान एक नवंबर को किया था.

इस चुनाव में कई दिग्गजों की साख दांव पर है. इस चुनाव में जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन दो सीटों बरहेट और दुमका सीट से चुनावी मैदान में उतरे हैं. वहीं, हाई प्रोफाइल पौड़ेयाहाट सीट से पूर्व मंत्री प्रदीप यादव जेवीएम चुनाव मैदान में हैं. यहां से बीजेपी ने गजाधर सिंह और जेएमएम ने अशोक कुमार चौधरी को उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.

इसके अलावा सारठ विधानसभा सीट पर रघुबर सरकार के मंत्री रणधीर कुमार सिंह चुनावी ताल ठोक रहे हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने जेवीएम से चुनाव जीता था और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. यहां से जेएमएम ने परिमल कुमार सिंह और जेवीएम ने उदय शंकर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है.

इसके अतिरिक्त राजमहल सीट पर बीजेपी के अनंत ओझा और जेएमएम के केताबुद्दीन शेख के बीच मुकाबला है, तो लिट्‌टीपाड़ा सीट पर बीजेपी के दनियल किस्कू और जेएमएम के दिनेश विलियम मरांडी के बीच कांटे की टक्कर है. ऐसे ही जामा सीट पर जेएमएम सीट पर जेएमएम के सीता मुर्मू और बीजेपी के सुरेश मुर्मू आमने-सामने हैं.

इंडिया टुडे-​एक्सिस माई इंडिया के सर्वे के मुताबिक 29 फीसदी लोग हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में हैं, जबकि रघुबर दास को 26 फीसदी लोग मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में हैं. इसके अलावा 10 फीसदी लोग बाबूलाल मरांडी, 9 फीसदी एजेएसयू के अध्यक्ष सुदेश महतो, 6 फीसदी अर्जुन मुंडा, 6 फीसदी लोग शिबू सोरेन, एक फीसदी लोग स्टेफेन मरांडी, एक फीसदी लोग जयंत सिन्हा, एक फीसदी लोग मधु कोडा और एक फीसदी लोग सरयू राय को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते हैं.

इसके अलावा 10 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री पद के लिए कोई राय नहीं रखी या फिर किसी अन्य उम्मीदवार को दावेदार माना. हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वहीं, शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण के मतदान खत्म हो गए.

सभी प्रत्याशियों की चुनावी किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. इस चुनाव में बीजेपी नेता और सूबे के मुख्यमंत्री रघुबर दास के सामने अपनी कुर्सी बचाने की चुनौती है, तो विपक्ष के पास सत्ता में वापसी की चुनौती है.

चुनाव में अर्थव्यवस्था की खराब सेहत से लेकर आर्टिकल 370 हटाए जाने, अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले जैसे राष्ट्रीय मुद्दों की भी गूंज रही। इसके अलावा आखिरी के 2 चरण के चुनाव तो ऐसे वक्त में हुए जब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में तमाम जगहों पर उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। झारखंड में पहले चरण का मतदान 30 नवंबर, दूसरे चरण का 7 दिसंबर, तीसरे चरण का 12 दिसंबर, चौथे चरण का मतदान 16 दिसंबर और 5वें चरण का मतदान 20 दिसंबर को हुआ।

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