आस्था पर चोट करते प्रश्न; ‘ करवा चौथ ‘

‘ करवा चौथ ‘ वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 

Shashidhar Shukla <shukla.shashidhar@gmail.com> # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)  

लेखिका – डॉ कविता रायजादा 
दयालबाग शैक्षणिक संस्थान ( आगरा )

पति की दिर्घायु के लिये रखा जाने वाला पर्व करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्ण पर्व की चतुर्थी को मनाया जाता है। जिसमें पत्नी दिनभर निर्जल व्रत रखती है ये सदियों से चला आ रहा है, लेकिन वर्तमान समय में वैज्ञानिक सोच रखने वाली लड़कियों से जब बात करो तो वह इन बातों को नकार देती है। उनका कहना होता है कि वैसे तो व्रत रखने से किसी की उम्र बढ़ नहीं सकती और यदि व्रत रखने से पति की उम्र बढ़ सकती है तो सिर्फ पति ही की क्यों हम व्रत रखकर किसी की भी उम्र बढ़ा सकते है और व्रत न रखने पर घटा सकते है। ऐसे प्रश्न आस्था पर चोट करते है।

आस्था पर चोट करते प्रश्न- 

वैसे तो व्रत रखने से किसी की उम्र बढ़ नहीं सकती और यदि व्रत रखने से पति की उम्र बढ़ सकती है तो सिर्फ पति ही की क्यों हम व्रत रखकर किसी की भी उम्र बढ़ा सकते है और व्रत न रखने पर घटा सकते है। ऐसे प्रश्न आस्था पर चोट करते है। 

जिसको वैज्ञानिक तौर पर हम कभी भी सत्य साबित नहीं कर सकते लेकिन आस्था, आस्था होती है। एक प्रश्न और आज के समय की हर बालिका के जेहन में आता है की हम ही पति की दीघार्यु के लिये व्रत क्यों रखें क्या पति नहीं चाहता उसकी पत्नी भी दीर्घायु हो दोनों का जन्मों जन्मों तक का साथ होे। वैसे तो समझाया जाता है की पति-पत्नी दोनों गाड़ी के दो पहिये हैं जिसमें से यदि एक भी पहिया कमजोर होगा तो जीवन रूपी गाड़ी कैसे चलेगी। फिर उसी अमूल्य जीवन के कुछ वर्ष बढ़ाने के लिये प्रयास एक ही व्यक्ति क्यों करता है।
पुराने समय में जब महिलायें घरों में रहती थी नौकरीपेशा नहीं हुआ करती थी तब, तक तो ये बात समझ में आ भी जाती थी जैसा समझा दिया घर के बड़े बुजुर्गो ने तो वह बात ध्रुव सत्य हुआ करती थी उसको काटने की हिम्मत घर के किसी व्यक्ति में नहीं होती थी महिलाओं की तो बात ही छोड़ दीजिये लेकिन आज वो बात नहीं है।
वर्तमान समय में पति भी वही है पत्नी भी वही और करवा चौथ व्रत भी मगर सोच बदल गयी है। करवा चौथ व्रत जो एक व्यक्तिगत होता है सिर्फ पति के लिये। लेकिन अब त्यौहार आने से एक सप्ताह पहले और त्यौहार खत्म होने के एक हफता बाद तक समाचार पत्रों , दूरदर्शन में धूम मची रहती है। कैसे मनाया जायें, क्यू मनाया जाये, पतिदेव से क्या-क्या मांगा जायें सारे नुस्खे समाचार पत्रों से ही मिल जाते है। तो ये है हमारा वर्तमान करवा चौथ।

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