काशी का चुनाव सिर्फ औपचारिकता, रिजल्‍ट आ चुका ;पासवान ने क्‍यो कहा?

वाराणसी लोकसभा सीट का परिणाम आ गया है और अब सिर्फ औपचारिकता बाकी है। पासवान ने मोदी के वाराणसी से नामांकन से पहले कहा # चुनाव का रिजल्ट आ चुका है। सिर्फ औपचारिकता बाकी है।” # राजा दशरथ ने त्रिकालदर्शी वशिष्‍ठ मुनिजी से कहा- रामचन्‍द्र के राजतिलक का मुहूर्त निकालो, राजतिलक की तैयारी करो- त्रिकालदर्शी मुनि ने मुहूर्त निकाला- आगे क्‍याा हुआ? अगले चरण में-

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ऐसा माना गया है कि वाराणसी में रहना है तो काशी के कोतवाल का दर्शन करना जरूरी है. ये ऐसे देवता हैं जिन्हें सब पसंद है. चाहे वह टॉफी, बिस्किट, मिठाई या दारू से लेकर गांजा भांग. आज भी ये काशी के कोतवाल के रूप में पूजे जाते हैं. इनका दर्शन किए बगैर विश्वनाथ का दर्शन अधूरा रहता है. काल भैरव की पूजा जरूरी है, जिन्हें काशी का कोतवाल कहा जाता है. मान्यता है कि काशी में इन्हें स्वयं महादेव ने नियुक्त किया था. काशी में रहने के लिए हर व्यक्ति को बाबा भैरव की अनुमति लेनी पड़ती है.

कथाओं के अनुसार, एक बार ब्रह्मा जी और विष्णु जी में श्रेष्ठता को लेकर विवाद हुआ जिसके बाद सभी भगवान शिव के पास गए. कुछ बातों को लेकर ब्रह्मा जी, भगवान शिव को अपशब्द कहने लगे जिसके बाद भगवान शिव को गुस्सा आ गया. भगवान शिव के गुस्से से ही काल भैरव जी प्रकट हुए और उन्होंने ब्रह्मा जी का सिर काट दिया था.

इसके बाद ब्रह्मा जी चतुर्मुख हो गये थे. काल भैरव को ब्रह्म हत्या दोष लग गया. भगवान शिव ने भैरव से काशी में प्रस्थान करने को कहा. जहां भैरव को ब्रह्म हत्या से मुक्ति मिली. रूद्र ने इन्हें काशी का कोतवाल नियुक्त किया. आज भी ये काशी के कोतवाल के रूप में पूजे जाते हैं.

कहा जाता है कि बाबा विश्वनाथ काशी के राजा हैं और काल भैरव उनके कोतवाल, जो लोगों को आशीर्वाद भी देते हैं और सजा भी. यमराज को भी यहां के इंसानों को दंड देने का अधिकार नहीं है. उनके मुताबिक, काल भैरव के दर्शन मात्र से शनि की साढ़े साती, अढ़ैया और शनि दंड से बचा जा सकता है.

वाराणसी के कोतावली पुलिस थाने में एसएचओ की कुर्सी पर बाबा काल भैरव विराजते हैं. अफसर बगल में कुर्सी लगाकर बैठते हैं. कहा जाता है कि ये परंपरा सालों से चली आ रही है. यहां कोई भी थानेदार जब पोस्टिंग होकर आया, तो वो अपनी कुर्सी पर नहीं बैठा. कोतवाल की कुर्सी पर हमेशा काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं. वो शहर के रक्षक हैं. शहर में बिना काल भैरव की इजाजत के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता.

वही

राजग में भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि वाराणसी लोकसभा सीट का परिणाम आ गया है और अब सिर्फ औपचारिकता बाकी है। पासवान ने मोदी के वाराणसी से नामांकन से पहले कहा, ”सबके लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी काशी नगरी का प्रतिधित्व करते हैं । चुनाव का रिजल्ट आ चुका है। सिर्फ औपचारिकता बाकी है।”

उन्होंने कहा कि 23 मई के बाद एक बार फिर मोदी को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेनी है। महागठंधन या गठबंधन फिर से नेता प्रतिपक्ष के लिए लडाई लडें। भाजपा की ही एक अन्य सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख एवं केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि राजग की फिर से मजबूत सरकार बनने जा रही है।

उन्होंने कहा, ”मोदी के नेतृत्व में सरकार बन रही है। इसमें कोई शंका या संदेह नहीं है । कल वाराणसी की सडकों पर जिस तरह लाखों लोगों का हुजूम उमडा और जिस उत्साह के साथ उमडा, उससे तय हो गया है कि देश की जनता मोदी को फिर से प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है।”

 जबकि योग गुरु बाबा रामदेव बिहार दौरे पर हैं. राजधानी पटना में उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजनीति में सभी जातियों की उपस्थिति होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह उम्मीदवार का व्यक्तिगत चरित्र होता है कि वह जनता के लिए क्या कर सकता है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतियों के साथ नेतृत्व ठीक होना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए बाबा रामदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी का नेतृत्व आर्थिक समाजिक न्याय और सुरक्षा सभी मामलों में ठीक है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार, लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव से मेरे संबंध काफी अच्छे हैं.

ज्ञात हो कि बाबा रामदेव पटना साहिब से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद के नामांकन में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि रविशंकर प्रसाद से मेरे संबंध अच्छे हैं.

बाबा रामदेव ने कहा, ‘मोदी जी से व्यक्तिगत रूप से कुछ लोग नराज हो सकते हैं. लेकिन वह देश के लिए जीते हैं.’ उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है, इसलिए वोट जरूर करें. देश मजबूत कैसे बने, इसके लिए वोट करें. उन्होंने हर जाति के लोगों से रविशंकर प्रसाद को अपना आशीर्वाद देने की आपील की. बाबा रामदेव ने कहा कि रविशंकर प्रसाद काफी अच्छे व्यक्ति हैं, रामलाला के केस में वह अधिवक्ता भी रहे हैं.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मैं रजनीतिक कर्यक्रम में नहीं जाता हूं. यहां व्यक्तिगत संबंध के कारण आया हूं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मोदी जी से मेरा अच्छे सम्बंध हैं. सभी पार्टी से अच्छे सम्बंध है, लेकिन वैचारिक मतभेद हो सकते हैं.

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