गुजरात- लोकसभा सीटो पर- तोगड़िया की उपस्थिति चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगी ?

HIGH LIGHT गुजरातः बीजेपी के उम्मीदवारों की एक और लिस्ट जारी, 3 सांसदों के टिकट कटे #यूपीः हरदोई के बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल  #यूपी में बीजेपी की चुनावी ‘सर्जरी’# 60 में से 16 सांसदों के काटे टिकट #कभी बीजेपी के दिग्गज रहे घनश्याम तिवाड़ी ने थामा कांग्रेस का हाथ # यह कहा जा सकता है कि तोगड़िया की उपस्थिति चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगी# तोगड़िया ने कियाा हिन्दुस्थान निर्माण दल नामक पार्टी का गठन # 7 मार्च के बाद अन्य सीटों के प्रत्याशी का ऐलान #www.himalayauk.org (Bureau)

तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव के लिए 41 उम्मीदवारों के नामों का एलान भी कर दिया है। गुजरात में गाँधीनगर से तोगड़िया ने अम्बरीश पटेल, अहमदाबाद पूर्व से रुसी बेकरिया, अहमदाबाद पश्चिम से आरके चौहान, कच्छ से प्रवीण चावड़ा, साबरकांठा से हंसमुख पटेल, सुरेन्द्र नगर से दारजी भाई, जूनागढ़ से गोपाल भाई, पंच महल से विजय सिंह राठौड़, दाहोद से रामसंग भाई को टिकट दिया है। 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अहमदाबाद पूर्व और पश्चिम की सीट क्रमशः 95 व 85 हज़ार वोटों के अंतर से जीती थी। कच्छ 70 हज़ार, साबरकांठा 17 हज़ार और पंचमहल मात्र 3 हज़ार मतों के अंतर से जीती थी। तब लोकसभा चुनाव में सुरेन्द्र नगर, जूनागढ़ और दाहोद लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी ने जीती थी। 

तोगड़िया ने जिन प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, वे उनसे सामाजिक कार्य या विहिप के कार्यक्रमों के द्वारा काफ़ी लम्बे अरसे से जुड़े रहे हैं। तोगड़िया पटेल जाति से आते हैं जो कि गुजरात में बीजेपी का वोट बैंक माने जाते हैं। हार्दिक पटेल के आन्दोलन के कारण पटेल वोट बैंक में कुछ सेंध लगी है और यदि तोगड़िया उसमें और टूट करेंगे तो बीजेपी के लिए चुनावी राह आसान नहीं रहेगी। 

 विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया। तोगड़िया ने हिन्दुस्थान निर्माण दल नामक पार्टी का गठन किया है और 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। तोगड़िया की पार्टी गुजरात की 15 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने जा रही है।  वर्ष 2003 में अशोक सिंघल द्वारा रिटायरमेंट की घोषणा के बाद अनौपचारिक रूप से तोगड़िया विहिप के मुखिया बन गए, लेकिन 2011 में वे अधिकृत तौर पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बने। तोगड़िया राम जन्मभूमि आन्दोलन के कद्दावर नेता थे और एक दौर में अहमदाबाद की सड़कों पर अपने स्कूटर की पिछली सीट पर नरेंद्र मोदी को बिठाकर घूमा करते थे। तब मोदी संघ में प्रचारक के रूप में कार्य करते थे लेकिन जैसे ही वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तोगड़िया और मोदी के रिश्तों में टकराव का जो दौर शुरू हुआ वह आज तक दिखाई दे रहा है। 

जब से केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आयी है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रास्ते में आने वाली हर अड़चन दूर करने को तत्पर दिखा है। संघ को भी इसकी सीख वाजपेयी सरकार के वक़्त के कटु अनुभवों से मिली है। क्योंकि तब संघ न सिर्फ़ एक सुपर पावर की तरह बल्कि असली आलाकमान की तरह सरकार को नियंत्रित करता हुआ दिखता था। और उसकी वजह से न तो वह संघ की छवि के लिए ठीक रहा और न ही वाजपेयी सरकार के लिए।

इसी रणनीति के तहत तोगड़िया जैसे कांटों को 14 अप्रैल 2018 को विहिप में चुनाव कराकर रास्ते से हटा दिया गया। 53 साल के इतिहास में पहली बार विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए वोट डाले गए थे।

लेकिन अब तोगड़िया मोदी को घेरने के लिए मैदान में कूद पड़े हैं। तोगड़िया इसमें कितने सफल होंगे यह कहने के बजाय यह बात करनी चाहिए कि तोगड़िया क्या बीजेपी या नरेंद्र मोदी का कोई नुकसान कर पायेंगे? अब देखना है कि तोगड़िया कहाँ-कहाँ से अपनी पार्टी के प्रत्याशी उतारते हैं। 
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को प्रदेश की सभी 26 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। गुजरात में 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर बीजेपी के वोटों की बढ़त गिरकर 20.64 लाख पहुँच गई  थी जो साल 2012 के विधानसभा चुनावों में 24.45 लाख थी। 2017 में कांग्रेस की तुलना में बीजेपी को 7 प्रतिशत ही ज़्यादा वोट मिले। इस वजह से बीजेपी की 16 सीटें कम हुईं जबकि कांग्रेस की 18 सीटें बढ़ गयीं। बीजेपी ने ग्रामीण इलाकों की जिन 51 सीटों पर कब्जा किया है, उसमें पार्टी की बढ़त सिर्फ़ 28 प्रतिशत (8.41 लाख वोट) है। अब यदि तोगड़िया इस लीड में अपना हिस्सा निकालने में सफल हुए तो इसका असर चुनाव परिणामों पर पड़ेगा। 

विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) के पूर्व अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha elections 2019) में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान पहुंचाने की पूरी तैयारी कर ली है. वीएचपी से अलग होकर दिल्ली में प्रवीण तोगड़िया ने पहले तो अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद संस्था की स्थापना कर कुछ ही दिन पहले हिंदुस्तान निर्माण दल की स्थापना कर बीजेपी को और मोदी सरकार को हिंदू विरोधी सरकार बताकर उन्हें हराने के लिए चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है. 

प्रवीण तोगड़िया कई बार जनसभाओं में कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके काफी अच्छे दोस्त हैं. शुरुआती दिनों में वे और पीएम मोदी एक ही स्कूटर से गुजरात में विभिन्न जगह जाया करते और पार्टी के लिए काम करते थे. हालांकि पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से तोगड़िया के रिश्ते उनसे बिगड़ने लगे. वीएचपी के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद तोगड़िया पीएम मोदी के प्रति आक्रामक हो गए हैं. अब उन्होंने बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के लिए अपनी पार्टी बनाई है और प्रत्याशी उतारकर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं.

तोगड़िया ने अपने दल की ओर से मंगलवार को प्रत्याशियों के नाम का भी ऐलान कर दिया. पूर्व वीएचपी अध्यक्ष ने बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ भी अपने दल का प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. उन्होंने देशभर में कुल 9 प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है. 

अमित शाह गुजरात के गांधीनगर सीट से चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर तोगड़िया की पार्टी ने अमरीश पटेल को टिकट दिया है. यह सीट बीजेपी की पारंपरिक सीट है. यहां से बीजेपी के संस्थापक सदस्यों में से एक आलकृष्ण आडवाणी चुनाव लड़ चुके हैं. आडवाणी को इस बार टिकट नहीं दिया गया है. वे साल 1998 से लगातार इसी सीट से सांसद रहे. 

जानकार मानते हैं कि गांधी नगर सीट पर तोगड़िया की पार्टी के प्रत्याशी कांग्रेस को नुकसा पहुंचाएंगे. वहीं हिंदुस्तान निर्माण दल का दावा है कि अमरीश पटेल गुजरात में सीए एसोसिएशन के 3 बार प्रमुख रह चुके हैं. वह 30 साल से प्रवीण तोगड़िया के करीबी हैं. बताया जा रहा है कि अमरीश का पाटीदार समाज में काफी प्रभुत्व है. वह बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को कड़ी टक्कर दे सकते हैं.

प्रवीण तोगड़िया ने इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी
अमरीश पटेल: गांधीनगर
ऋषि वेकरिया: अहमदाबाद पूर्व
आर के चौहान: अहमदाबाद पश्चिम 
प्रवीण: कच्छ 
हसमुख़ पटेल: साबरकांठा 
डारजी देकावाडिया: सुरेंद्रनगर
गोपाल मोवलिया: जूनागढ़
विजयसिंह राठौड़: पंचमहल
रामसंग कालारा: दाहोद

इसी के साथ असम के 7, उड़ीसा के 5 और यूपी के 16 प्रत्याशी की घोषणा भी की है. साथ ही तोगड़िया फिलहाल खुद भी चुनावी मैदान में उतरने की भी चर्चा ने ज़ोर पकड़ा है. तोगड़िया की तरफ से भी कहा जा रहा है की 27 मार्च के बाद अन्य सीटों के प्रत्याशी का ऐलान किया जाएगा. साथ ही यह भी तय होगा की तोगड़िया पीएम के सामने बनारस से चुनावी मैदान में उतरेंगे या बनारस से कोई ओर प्रत्याशी होगा.

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