मध्य प्रदेश में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे दिग्विजय

मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस के तीन बड़े चेहरे माने जाते हैं. इनमें दिग्विजय सिंह के अलावा कमलनाथ(71) और ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया(47) हैं. सिंधिया को कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस उनको सीएम चेहरे के रूप में पेश कर सकती है लेकिन पार्टी ने अभी तक ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है. इस वजह से दिग्विजय सिंह की एमपी परिक्रमा यात्रा के बड़े मायने निकाले जा रहे हैं

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह(71) ने पिछले दिनों नौ अप्रैल को छह माह लंबी नर्मदा यात्रा समाप्‍त की है. इस दौरान उन्‍होंने तकरीबन 3300 किमी की पदयात्रा की. इसको धार्मिक यात्रा बताने वाले दिग्विजय सिंह ने इसके लिए बाकायदा कांग्रेस महासचिव के पद से छुट्टी ली थी. लेकिन मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अब इसके बाद सियासत में सक्रिय वापसी करते हुए  दिग्विजय सिंह मध्‍य प्रदेश परिक्रमा यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इस संबंध में उनका कहना है कि राज्‍य में कांग्रेस को पूरी तरह से एकजुट करने के लिए वह यह यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. यह यात्रा भी दो-तीन माह लंबी होगी.

कांग्रेस का दावा है कि अपनी पदयात्रा के दौरान दिग्विजय ने प्रदेश की भाजपानीत सरकार के सवा चौदह साल के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित सबूत बड़ी तादाद में इकट्ठा किये हैं और अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद वह निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे.

दिग्विजय सिंह ने कहा, ”लीडरशिप के मसले को कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को तय करना है? उनको ही यह तय करना है कि क्‍या किसी को सीएम का चेहरा घोषित किया जाए? किसे पेश किया जाए, यह भी उन्‍हीं को तय करना है? हम तो ऐसे वरिष्‍ठ नेताओं के साथ एमपी परिक्रमा यात्रा पर निकलेंगे जो किसी भी सीट से चुनाव लड़ने के इच्‍छुक नहीं होंगे और न ही किसी अन्‍य प्रकार की कोई दावेदारी करेंगे. हम लोगों का मकसद जमीनी स्‍तर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच एकजुटता सुनिश्चित करना है. हम हर जिले में जाकर सभी धड़ों को एकजुट करने का प्रयास करेंगे. जल्‍द ही कांग्रेस अध्‍यक्ष से मिलकर अपनी इस योजना के बारे में उनको बताएंगे.”   इससे पहले नौ अप्रैल को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की ‘नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा’ 192वें दिन पूरी होने के बाद मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट में समाप्त हो गई. वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय (71) ने पत्नी अमृता राय के साथ इसी बरमान घाट से पिछले साल 30 सितंबर को नर्मदा पूजन के बाद यह नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा शुरू की थी.

दिग्विजय, अमृता एवं पूर्व सांसदगण रामेश्वर नीखरा एवं नारायण सिंह अमलाबे सहित उनके कई समर्थकों ने नर्मदा नदी के दोनों किनारे करीब 3,300 किलोमीटर की इस पदयात्रा करने के बाद इससे जुड़े कई धार्मिक कर्मकांड किये. इस दौरान इस धार्मिक यात्रा को पूरी करने के लिए दिग्विजय को शुभकामनाएं देने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्रीगण कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव एवं अन्य पार्टी नेताओं के अलावा बड़ी तादाद में लोग पहुंचे.

कांग्रेस का दावा है कि अपनी पदयात्रा के दौरान दिग्विजय ने प्रदेश की भाजपानीत सरकार के सवा चौदह साल के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार से संबंधित सबूत बड़ी तादाद में इकट्ठा किये हैं और अपनी यात्रा समाप्त करने के बाद वह निश्चित तौर पर मध्य प्रदेश में चल रहे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की पोल खोलेंगे.

 

 

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