महाशिवरात्रि ;51 साल बाद बेहद शुभ महासंयोग- 2 राशियों के लिए विशेष

महाशिवरात्रि को मंगलवार #51 साल बाद बेहद शुभ महासंयोग # 2 राशियों के लिए यह महासंयोग विशेष रूप से लाभकारी #महासंयोग मीन राशि के जातकों के लिए भी बेहद शुभ  #51 साल बाद महाशिवरात्रि पर बना महासंयोग ये 2 राशियाँ बनेंगी करोड़पति #वैसे तो किसी भी शिव मंदिर में भगवान शिव की आराधना की जा सकती है। लेकिन किसी निर्जन स्थान पर बने शिव मंदिर की साफ-सफाई कर भगवान शिव की पूजा की जाये तो भगवान शिव शीघ्र मनोकामना पूरी करते हैं #भगवान शिव शंकर इतने दयालु हैं कि उनकी दया से एक हिंसक शिकारी भी हिंसा का त्याग कर करुणा की साक्षात मूर्ति हो जाता है।   नीति-नियम से चाहे न हो लेकिन सच्चे मन से साधारण तरीके से भी यदि भगावन शिव का स्मरण किया जाये, शिवकथा सुनी जाये तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और उपासक के सभी सांसारिक मनोरथ पूर्ण करते हुए उसे मोक्ष प्रदान करते हैं # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)  

महाशिवरात्रि के पावन दिन ही भोलनाथ शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि के अवसर पर उसके भक्त व्रत रखते हैं। साथ ही भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना करते हैं।
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि के अवसर पर 51 साल बाद बेहद शुभ महासंयोग बन रहा है। इस महासंयोग बनने के पीछे कारण ये है कि महाशिवरात्रि को मंगलवार पड़ रहा है।
मंगालवार का दिन शिव के अनन्य भक्त और शिव का ही एक अन्य रूप माने जाने वाले हनुमान का दिन होता है। महाशिवरात्रि के दिन ऐसा बहुत कम समय होता है कि जब मंगलवार पड़े। ज्योतिषियों के अनुसार 2 राशियों के लिए यह महासंयोग विशेष रूप से लाभकारी साबित होगा।
महाशिवरात्रि पर बनने वाला महासंयोग मीन राशि के जातकों के लिए भी बेहद शुभ होगा। मीन राशि से संबंध रखने वाले लोगों को कोई बड़ी सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को परीक्षा में मेहनत का शुभ परिणाम मिलेगा।
बेरोजगारों के लिए रोजगार के बेदह शुभ अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी की तलाश करने वालों को नौकरी मिलने के प्रबल योग बनेंगे। शिव की कृपा से लंबे समय से आ रही परेशानी दूर होगी।
मेष
मेष राशि वाले लोगों के लिए यह महाशिवरात्रि बेहद शुभ है। इस राशि के जातकों को व्यापार अथवा नौकरी में धन कमाने के अत्यंत शुभ अवसर प्राप्त होंगे।
भोलेनाथ की विशेष कृपा से ऐसे शुभ योग बन रहे हैं जिस कारण आपके दुश्मनों का पराजय होने वाला है। भोलेनथ की कृपा से आपको आपर धन लाभ भी हो सकता है। इतना ही नहीं आपको अप्रत्याशित धन लाभ हो सकता है।
मीन राशि
महाशिवरात्रि पर बनने वाला महासंयोग मीन राशि के जातकों के लिए भी बेहद शुभ होगा। मीन राशि से संबंध रखने वाले लोगों को कोई बड़ी सफलता मिलेगी। विद्यार्थियों को परीक्षा में मेहनत का शुभ परिणाम मिलेगा। बेरोजगारों के लिए रोजगार के बेदह शुभ अवसर प्राप्त होंगे। नौकरी की तलाश करने वालों को नौकरी मिलने के प्रबल योग बनेंगे। शिव की कृपा से लंबे समय से आ रही परेशानी दूर होगी।

SPECIAL

  • 100 साल बाद बनने जा रहा है महासंयोग, इन पांच राशियों पर बरसेगा कुबेर का खज़ाना 2018 में मंगल का गोचर से इन 5 राशियों की लगने वाली है लॉटरी , होंगे आकस्मिक लाभ राशि हर व्यक्ति के जीवन में अहम होता है। व्यक्ति का रूप, भाव, स्वभाव, चरित्र राशि के अनुशार निर्धारित रहता है। व्यक्ति का पिछले जीवन और आने वाला जीवन भी उनके राशि में ही छिपा होता है.ज्योतिष भी व्यक्ति का भविष्य राशि देख कर ही बताते है। इंसान के जीवन की हर एक घटनाएँ , कामयाबी एवं नाकामयाबी राशि के अनुसार ही घटित होता है। इसीलिए इंसान राशि पर इतना विश्वाश करता है और मामला चाहे पैसे का हो या फिर जीवन के किसी भी महत्पूर्ण काम का हो राशि देखे बिना नहीं करते राशियों पर ग्रहों का प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हम कभी कभी देखते है की ग्रह के बदलने से इंसान की किश्मत बदल जाती है। वैसे तो दुनिया में हर कोई कामयाब होना चाहता है परन्तु हर किसी का नशीब इतना अच्छा नहीं होता। 100 साल बाद ऐसे महासंयोग बनने वाले है की सिर्फ पांच राशि फल वालों को ही होंगे इसके फायदे।
  •   कौन है वो खुशकिस्मत लोग .मेष राशि आने वाला समय इन राशि वालों के लिए अच्छा रहने वाला है। लम्बे समय की मेहनत रंग लाने वाली जल्द ही कार्य में सफलता मिलेगी। जितना ज्यादा आप मेहनत करेंगे उससे कई ज्यादा धन आपको प्राप्त होगा। माता लक्ष्मी की कृपा आने वाले समय में आप पर बनी रहेगी। अपनी ख़ुशी के लिए दूसरो को दुःख पहुंचाने से बचे। ऐसा करना मतलब माँ लक्ष्मी को खुद से दूर करना है।सिंह राशिसिंह राशि वालों को कम समय में ज्यादा लाभ मिल सकता है। कानूनी मामलों में फशे हुए लोगों को मिल सकती है राहत। आने वाला समय बहुत ही ख़ुशी भरा होगा कभी भी नहीं होगी धन की कमी अगर रखेंगे अपने आप को आलस से दूर।कन्या राशिकन्या राशि वालों पर इस महासंयोग से केवल धन की बरसा होने वाली है। रातों रात अमीर बनने के आशार है केवल ध्यान रहे आपसे कोई ऐसे गलती न हो जिससे माँ लक्ष्मी आपसे रूठ जाये ऐसा करने से आप खुद को संकट में भी दाल सकते है।वृश्चिक राशिइस राशि के लोगों पर माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसने वाली है। जहाँ एक तरफ आपके रुके हुए काम बनेंगे वही दूसरी तरफ आपके घर में कोई नया वाहन भी आ सकता है। फ़ालतू की चीज़ों पर पैसा खर्च करने से बचे। ऐसा करने से कुबेर महाराज आपसे मुँह भी फेर सकते है।मीन राशिमीन राशि वाले लोगों की परेशनियां जल्द समाप्त होने वाली है। नौकरी तलाश रहे लोगों को जल्द नौकरी मिलने की सम्भवना है इस के अलावा अब तक चल रही आर्थिक तंगी भी समाप्त हो जाएगी। किसी भी कार्य को जल्दबाज़ी में करने से बचे।

फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी अर्थात अमावस्या से एक दिन पहले वाली रात को महाशिवरात्रि का त्यौहार मनाया जाता है। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि का यह त्यौहार इस बार 13 फरवरी को मनाया जायेगा।  माना जाता है कि जब कुछ नहीं था अर्थात सृष्टि के आरंभ में इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान ब्रह्मा के शरीर भगवान शंकर रुद्र रुप में प्रकट हुए थे। कई स्थानों पर यह भी माना जाता है कि भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह भी इसी दिन हुआ था। इसलिये महाशिवरात्रि हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों एवं भगवान शिव के उपासकों का एक मुख्य त्यौहार है। ऐसा भी माना जाता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करने, व्रत रखने और रात्रि जागरण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं एवं उपासक के हृद्य को पवित्र करते हैं। मान्यता यह भी है कि इस दिन भगवान शिव की सेवा में दान-पुण्य करने व शिव उपासना से उपासक को मोक्ष मिलता है। 

 शिव यानि कल्याणकारी, शिव यानि बाबा भोलेनाथ, शिव यानि शिवशंकर, शिवशम्भू, शिवजी, नीलकंठ, रूद्र आदि। हिंदू देवी-देवताओं में भगवान शिव शंकर सबसे लोकप्रिय देवता हैं, वे देवों के देव महादेव हैं तो असुरों के राजा भी उनके उपासक रहे। आज भी दुनिया भर में हिंदू धर्म के मानने वालों के लिये भगवान शिव पूज्य हैं।

इनकी लोकप्रियता का कारण है इनकी सरलता। इनकी पूजा आराधना की विधि बहुत सरल मानी जाती है। माना जाता है कि शिव को यदि सच्चे मन से याद कर लिया जाये तो शिव प्रसन्न हो जाते हैं। उनकी पूजा में भी ज्यादा ताम-झाम की जरुरत नहीं होती। ये केवल जलाभिषेक, बिल्वपत्रों को चढ़ाने और रात्रि भर इनका जागरण करने मात्र से मेहरबान हो जाते हैं।

वैसे तो हर सप्ताह सोमवार का दिन भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है। हर महीने में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है लेकिन साल में शिवरात्रि का मुख्य पर्व जिसे व्यापक रुप से देश भर में मनाया जाता है दो बार आता है। एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में। फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को तो महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसे फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालु कावड़ के जरिये गंगाजल भी लेकर आते हैं जिससे भगवान शिव को स्नान करवाया जाता हैं।  महाशिवरात्रि से जुड़ी हुई कई पौराणिक कथाएं भी काफी प्रचलित हैं। एक ऐसी ही प्रेरणादायक कथा है चित्रभानु की। चित्रभानु नाम का एक शिकारी था। वह जंगल के जानवरों का शिकार कर अपना भरण-पोषण करता था। उसने एक सेठ से कर्ज ले रखा था लेकिन चुका नहीं पा रहा था एक दिन सेठ ने उसे शिव मठ में बंदी बना लिया संयोगवश उस दिन महाशिवरात्रि थी लेकिन इसका चित्रभानु को जरा भी भान न था। वह तल्लीनता से शिवकथा, भजन सुनता रहा। उसके बाद सेठ ने मोहलत देकर उसे छोड़ दिया। उसके बाद वह शिकार की खोज में जंगल में निकल पड़ा। उसने एक तालाब के किनारे बिल्व वृक्ष पर अपना पड़ाव डाल दिया। उसी वृक्ष के नीचे बिल्व पत्रों से ढका हुआ एक शिवलिंग भी था। शिकार के इंतजार में वह बिल्व पत्रों को तोड़कर नीचे फेंकता रहा जो शिवलिंग पर गिरते। कुछ शिवकथा का असर कुछ अंजाने में महाशिवरात्रि के दिन वह भूखा प्यासा रहा तो उसका उपवास भी हो गया, बिल्व पत्रों के अर्पण से अंजानें में ही उससे भगवान शिव की पूजा भी हो गई इस सबसे उसका हृद्य परिवर्तन हो गया व एक के बाद एक अलग-अलग कारणों से मृगों पर उसने दया दिखलाई। इसके बाद वह शिकारी जीवन भी छोड़ देता है और अंत समय उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

  

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